हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी के कारण सड़क संपर्क बाधित हो गया है, जिससे 350 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि व्यापक बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है, प्रभावित क्षेत्रों में 268 मशीनें तैनात की गई हैं और बुधवार शाम तक 235 सड़कें फिर से खुलने की उम्मीद है।
राज्य सरकार ने डलहौजी और रोहड़ू सहित बर्फ से ढके इलाकों में बर्फ हटाने वाली मशीनें तैनात की हैं। सिंह ने तैनाती का ब्यौरा देते हुए बताया, "हमारे पास 70 विभागीय जेसीबी, 96 किराए की मशीनें, 13 उन्नत स्नोब्लोअर और 13 बुलडोजर हैं जो इन इलाकों में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।"
सिंह ने त्योहारों के चरम सीजन के दौरान स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया, साथ ही राज्य के लिए बर्फबारी के आर्थिक महत्व पर भी प्रकाश डाला।
सिंह ने बताया, "दिसंबर में होने वाली बर्फबारी बागवानी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। यह फसलों के लिए आवश्यक नमी और प्राकृतिक उर्वरक प्रदान करती है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है। बागवानी, जो सालाना 4,500 करोड़ रुपये कमाती है, हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और यह बर्फबारी इसके लिए वरदान है। इसके अलावा, पर्यटन, जो राजस्व का एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, सुंदर, बर्फ से लदे हिमाचल प्रदेश से बहुत लाभ उठाता है।"
सिंह ने आश्वासन दिया कि प्रशासन शिमला, मनाली और डलहौजी जैसे लोकप्रिय स्थलों पर पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है तथा इसे राज्य के शीतकालीन आकर्षण को प्रदर्शित करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अवसर के रूप में देख रहा है।
सिंह ने कहा, "हम हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे पर्यटकों की असुविधा को कम करने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बर्फ हटाने को प्राथमिकता दें।"
उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन न केवल एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, बल्कि राज्य की पहचान का भी अभिन्न अंग है।
बर्फबारी और सड़क अवरोधों के मद्देनजर, सिंह ने मीडिया को बताया कि कुशल संचालन सुनिश्चित करने के लिए पीडब्ल्यूडी के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
उन्होंने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, "मैंने मुख्य अभियंताओं को बर्फ से प्रभावित क्षेत्रों में तैनात फील्ड स्टाफ की सभी छुट्टियां रद्द करने का निर्देश दिया है। केवल अत्यंत आपातकालीन स्थिति में ही वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जाएगा।"
सिंह ने भूभू जोत सुरंग की प्रगति पर भी जानकारी दी। यह एक रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजना है जिसका उद्देश्य मनाली और चीन सीमा के बीच यात्रा की दूरी को 50-60 किलोमीटर तक कम करना है।
सिंह ने कहा, ‘‘यह सुरंग राज्य की कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है और राष्ट्रीय रक्षा के लिए अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के साथ इस संबंध में चर्चा चल रही है।"
ब्रीफिंग का समापन करते हुए सिंह ने बर्फबारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों को दोहराया।
उन्होंने कहा, "हमारा ध्यान सभी के लिए सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए शीघ्रतापूर्वक और कुशलतापूर्वक संपर्क बहाल करने पर है। हिमाचल प्रदेश पर्यटकों का स्वागत करने और स्थानीय लोगों को हर संभव तरीके से सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।"