दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने जैसे ही घोषणा की कि वे टोक्यो ओलंपिक जा रहे हैं, तो उनके मुरीदों ने तुरंत मन ही मन प्रार्थना की- ईश्वर करे पदक का रंग सुनहरा हो। अगर वे इस सुनहरे पदक को अपनी झोली में डालने के साथ यूएस ओपन भी जीत लेते हैं, तो वे इतिहास रच देंगे। जुलाई में हुए विंबलडन फाइनल में उन्होंने जब इटली के मेटेयो बेरेटिनी को हरा कर खिताब पर अपना कब्जा जमाया तो यह जीत उनके लिए 20वां ग्रैंड स्लैम ट्राफी लेकर आई। जोकोविच ने तीसरी बार विंबलडन कप अपने नाम किया, लेकिन बड़ी बात थी रोजर फेडरर और राफेल नडाल की बराबरी। अब जोकोविच भी 20-क्लब के सदस्य हो गए हैं। उनके दमखम और कौशल की बदौलत कई सालों से लॉन टेनिस की दुनिया इन्हीं तीन सितारों के इर्दगिर्द घूम रही है। इनके पास खिताबों की लंबी फेहरिस्त है और तीनों में से कोई कम नहीं है।
यही वजह है कि इनके प्रशंसक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि इनमें से कौन होगा जो, बढ़त ले जाएगा। हालांकि इस बढ़त से परे फेडरर, जोकोविच और नडाल ने टेनिस की कई संभावनाओं और परिभाषा को बदला है। ये तीनों अपने पूर्ववर्ती खिलाड़ियों, आंद्रे अगासी, पीट सैम्प्रास, बोरिस बेकर, इवान लैंडल से कहीं आगे जाकर खड़े हो गए हैं। वे लोग अपेक्षाकृत खेल से जल्दी बाहर हो गए और उन्हें विभिन्न सतहों पर खेलने के लिए कई बार काफी संघर्ष करना पड़ा। एक वक्त था जब किसी खिलाड़ी के 20 ग्रैंड स्लैम जीतने का विचार कल्पना की तरह लगता था। फेडरर ने जब पीट सैम्प्रास को हरा कर अपना 14वां ग्रैंड स्लैम जीता था तो टेनिस खिलाड़ी ब्रैड गिल्बर्ट ने मजाक में कहा था, “लगता है फेडरर 20 तक पहुंच सकते हैं।”
इन तीनों में कौन श्रेष्ठ है यह कहना कठिन है लेकिन आज जोकोविच जहां हैं, वहां कम ही पुरुष टेनिस खिलाड़ी पहुंचे हैं। बेरेटिनी को हराने के बाद एक ही कैलेंडर वर्ष में शुरुआती तीन स्लैम जीतने वाले वे दूसरे व्यक्ति बन गए हैं। उनसे पहले 1969 में रॉड लेवर ने ऐसा किया था। 34 साल की उम्र में भी जोकोविच अपने साथी खिलाड़ियों से आगे हैं। इस साल तीनों ग्रैंड स्लैम के फाइनल मैच में उन्होंने अपने से युवा या कह लीजिए अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को हराकर से खिताब अपने नाम किया है। ऑस्ट्रेलियन ओपन में उन्होंने डेनियल मेदवेदेव को हराया तो रोलां गैरां में उन्होंने ग्रीक खिलाड़ी स्टेफानोस सिटसिपास को खिताब जीतने से रोक दिया। विंबलडन में बेरेटिनी को हार का सामना करना पड़ा। वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को सिर्फ हराते नहीं बल्कि अपने खेल में लगातार सुधार और तेजी भी लाते हैं। जोकोविच ने एक बार कहा था, “आप जितने अधिक बड़े मैच खेलते हैं, आपके पास ही उतना ही ज्यादा अनुभव, उतना ही खुद पर विश्वास होता है। जितना जीतेंगे, उतने आश्वस्त रहेंगे। यह सब एक दुसरे से जुड़ा हुआ है।”
जोकोविच के 20 ग्रैंड स्लैम की बराबरी के बाद लगता है अब फेडरर, जोकोविच और नडाल के बीच प्रमुख खिताबों की दिलचस्प दौड़ शुरू होगी। तीनों ही इसमें बढ़त लेना चाहेंगे। लेकिन ओलंपिक में चोट के कारण नडाल और फेडरर के नाम वापस लेने के बाद लगता है जोकोविच ही सबसे आगे हो जाएंगे। टेनिस पर नजर रखने वालों का मानना है कि फेडरर के अब बड़ी जीत की संभावना कम है और वे शायद ही लंबा खेलें। रोलां गैरां नडाल की पसंदीदा जगहों में से एक है और वे यूएस ओपन में दौड़ में भी शामिल रहेंगे। लेकिन एक दशक में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन या विंबलडन नहीं जीता है। फेडरर 23 बार ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। नडाल ने रोलां गैरां में 13 खिताब जीते, जो पिछले रिकॉर्ड के दोगुने से अधिक है। जोकोविच के मामले में देखें तो उन्होंने सभी स्लैम जीते और एटीपी मास्टर्स 1000 दो बार जीती। ऐसा करने वाला उनके करीब कोई नहीं है। ये तीनों ही तीस साल की उम्र में नंबर एक पर पहुंचे और बड़ी प्रतियोगिताएं जीतना जारी रखा।
लेकिन जैसा कि खेल में कहा जाता है, कुछ भी स्थायी नहीं। उभरती प्रतिभाओं की कमी नहीं है और टेनिस प्रेमियों को भी इंतजार है कि कौन होगा जो लंबे समय से चले आ रहे इन तीनों खिलाड़ियों के दबदबे को खत्म करेगा? लेकिन टेनिस का अगला सुपरस्टार जो भी होगा उसके लिए इस तिकड़ी की बराबरी करना आसान न होगा।