पन्ना जिले में ही नहीं,मध्य प्रदेश के समूचे बुंदेलखंड में अक्सर लोग कहते सुने जाते हैं कि उनके घर में एक वक्त ऐसा था जब खाने के लिए अनाज भी नहीं होता था, फिर किस्मत पलटी, एक हीरा मिला और आज उनके पास सब कुछ है। किसी मजदूर या किसान की किस्मत पलटने वाली कहानियां देश के कोने-कोने से पन्ना में लोगों को खींच कर ले आती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी पन्ना के नारंगी बाग में रहने वाले स्वामीदीन पाल की है।
स्वामीदीन पाल ने जनवरी में पन्ना जिला हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर हीरे की खदान की अर्जी लगाई। इसकी कोई गारंटी नहीं थी कि जितना क्षेत्र पट्टे पर उसे मिला था उसमें उसे हीरा मिल ही जाता, पर इसके लिए उसे महज 200 रुपये सालाना कार्यालय में जमा कराने थे। कानूनी तरीके से हीरा खोजने के लिए प्रक्रिया का पालन होते ही कोई भी चिन्हित खदान के क्षेत्रों में 8x8 मीटर के भूखंड को पट्टे पर लेकर वहां खुदाई एक साल तक कर सकता है। इसी के तहत कार्यालय ने पाल को ग्राम सरकोहा में खदान लगाने की मंजूरी दे दी।
रोज की तरह 12 सितंबर को स्वामीदीन अपने चाल (ग्रेवल) से मिले कंकड़ों की बिनाई का काम कर रहे थे। दोपहर लगभग 12 बजे स्वामीदीन ने सूरज की तपिश में रखे कंकड़-पत्थरों पर नजर दौड़ाई। एकाएक उनकी नजर अलग दिख रहे एक छोटे-से कंकड़ पर पड़ी। उसे स्वामीदीन अपने अंगूठे और उंगलियों के बीच पकड़ बार-बार उलटने-पलटने लगे। थोड़ी ही देर में उनके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई और शरीर में अलग ही ऊर्जा दौड़ने लगी। उन्हें 32 कैरट 80 सेंट का हीरा जो मिल गया था।
उसके बाद से स्वामीदीन के घर खुशी का माहौल है। परिवार को उम्मीद है कि इससे उन्हें डेढ़ करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। उनके पास यह राशि सरकारी तरीके से नीलामी के बाद दी जाएगी। पन्ना के कलेक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि इस हीरे की अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये से ऊपर है। उसे जल्द ही पन्ना जिला हीरा कार्यालय नीलामी में रखने जा रहा है।
मिस टूरिज्म एशिया तानिया मित्तल हीरा मिलने की संभावित जगह में रील बनाती हुईं
यह पहला मौका नहीं है जब पन्ना की रत्नगर्भा धरती ने एक किसान की किस्मत चमकाई है। बीती जुलाई में अहिरगुवा निवासी आदिवासी चुनुवादा गौड़ का परिवार रातोरात मालामाल हो गया जब उसे अपने भूखंड के पट्टे में कंकड़-पत्थरों के बीच दबा अलग-सी चमक बिखेरने वाले एक छोटा-सा पत्थर हाथ लगा। बेहद गरीबी में गुजर-बसर करने वाले परिवार को 19 कैरट 22 सेंट का हीरा मिला था। उसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये बताई जा रही है।
गौड़ का परिवार लगभग 15 साल से हीरे की तलाश में रोज अपने भूखंड के पट्टे में जाता था और निराश होकर लौट आता था। रोज की तरह 14 जुलाई के दिन चुनुवादा का बेटा राजू चाल से मिले कंकड़-पत्थरों को चलनी से पानी में साफ कर रहा था। अचानक राजू की आंखें चौंधिया गईं जब उसे चमकता हुआ हीरा हिलता दिखाई दिया। राजू ने अपने पिता, मां और भाई को चमकता हुआ पत्थर दिखाया और पूरा परिवार उसे पन्ना जिला हीरा कार्यालय जमा कराने पहुंचा। कार्यालय ने हीरे की अनुमानित कीमत 80 लाख से एक करोड़ रुपये के बीच बताई।
पन्ना कलेक्टर के मुताबिक यहां जनवरी से लेकर अभी तक 16 नग हीरे मिले हैं, जिनका अनुमानित वजन 124 कैरट है। भारतीय खान ब्यूरो की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पन्ना में देश के 90 प्रतिशत से अधिक हीरे के भंडार हैं, जिनकी मात्रा 2.86 करोड़ कैरट है।
भूखंड को पट्टे पर लेकर क़ानूनी रूप से हीरे की खुदाई कुछ के लिए सपना, जुनून, नशा और रातोरात जिंदगी बदलने का जरिया है तो कुछ के लिए अब यह एक रील बनाने का अवसर भी है। जब 9 सितंबर को मिस टूरिज्म एशिया 2018 का खिताब जीतने वाली तानिया मित्तल पन्ना पहुंचीं तो वे हीरे की खुदाई करने वाले के पास जा पहुंचीं। वहां तानिया ने उथली खदानों में हीरा खोजते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में वे मिट्टी से भरे गड्ढे में जालीदार टोकरी लेकर हीरा खोजते दिख रही हैं।
किसान हो या मजदूर, पन्ना की रत्नगर्भा धरती किसी की भी किस्मत चमका सकती है। कहते हैं कि ऊपर वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़कर देता है, लेकिन मध्य प्रदेश के पन्ना की धरती अपना सीना चीरकर लोगों को हीरे दे रही है।