आर्यन खान की गिरफ्तारी से शुरू हुआ क्रूज ड्रग्स मामला एक के बाद एक आरोपों में उलझता जा रहा है। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के डायरेक्टर समीर वानखेड़े, उनके परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस समेत कई भाजपा नेताओं पर आरोपों की झड़ी लगा दी, तो फडनवीस ने अंडरवर्ल्ड के साथ मलिक के संबंध होने का दावा किया है। वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक पर मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है। इस बीच, अरबाज मर्चेंट और अचित कुमार एनसीबी की एसआइटी के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए। हालांकि आर्यन अभी नहीं गए हैं, उन्होंने तबीयत खराब होने की बात कही है। इन सबको 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और सब अभी जमानत पर हैं।
मलिक का नया आरोप किडनैपिंग और फिरौती का है। उन्होंने कहा, “आर्यन को किडनैप किया गया और फिरौती मांगी गई। किरण गोसावी के क्लिप और सेल्फी से सारा खेल बिगड़ गया।” उनका कहना है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता मोहित कंबोज इसके मास्टरमाइंड हैं। उनके और वानखेड़े के अच्छे संबंध हैं। दोनों 7 अक्टूबर को मिले थे। मलिक का दावा है कि आर्यन खान की किडनैपिंग का जाल मोहित के रिश्तेदार ऋषभ सचदेव के माध्यम से रचा गया था।
इससे पहले मलिक ने एक ऑडियो जारी किया, जिसमें कथित तौर पर सैनविल स्टेनली डिसूजा और एनसीबी अधिकारी के बीच फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग है। एनसीबी ने जिसे आर्यन मामले में गवाह बनाया था उसी किरण गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल ने अपने हलफनामे में दावा किया कि उसने गोसावी को सैम डिसूजा से बात करते सुना था। आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये लेने की बात हुई थी।
मलिक ने सोशल मीडिया पर जयदीप राणा नाम के शख्स के साथ देवेंद्र फडनवीस और उनकी पत्नी अमृता की फोटो साझा की। कहा कि राणा ड्रग्स तस्कर है और अभी जेल में है। जवाब में फडनवीस ने मलिक पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “नवाब मलिक ने उन लोगों से जमीन खरीदी, जो 1993 के बम ब्लास्ट में दोषी पाए गए थे।” मलिक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए फडनवीस पर नकली नोटों के रैकेट को संरक्षण देने का आरोप लगाया। आउटलुक से भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं, “अपने पाप ढंकने के लिए नवाब मलिक कुछ भी बोले जा रहे हैं। अब कोर्ट ने भी डांट लगाई है। तथ्य है तो कोर्ट जाइए न।”
मोहित कंबोज ने भी अदालत का रुख किया है। उनकी याचिका पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने मलिक के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस चलाने का आदेश दिया है। कंबोज का कहना है कि मलिक ने उन्हें और उनके बहनोई ऋषभ सचदेव को बदनाम करने के मकसद से उनका नाम लिया है।
मलिक ने समीर वानखेड़े के साथ उनकी पत्नी और बहन पर भी आरोप लगाए हैं। इस पर बॉम्बे हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा, “आप सोशल मीडिया पर बोल सकते हैं, तो कोर्ट भी आइए।” दरअसल, समीर के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ 1.25 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए हाइकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इसी पर सुनवाई के दौरान जस्टिस माधव जामदार ने यह टिप्पणी की और मलिक से हलफनामा पेश करने को कहा।
वानखेड़े के वकील अरशद शेख का कहना है, “नवाब मलिक, वानखेड़े परिवार पर रोजाना झूठे आरोप लगा रहे हैं। परिवार को फ्रॉड कह रहे हैं। धर्म पर सवाल उठा रहे हैं कि वे हिंदू नहीं हैं।” वैसे, वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच कर रही विजिलेंस टीम ने कई कमियां पाई हैं।
आउटलुक से बातचीत में मलिक पलटवार करते हुए कहते हैं, “मैं किसी के धर्म पर सवाल नहीं उठा रहा। फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया गया है।” वे कहते हैं, “बॉलीवुड को टारगेट करने और महाराष्ट्र सरकार गिराने के मकसद से यह खेल रचा गया। वानखेड़े बेगुनाहों को फंसाते हैं। मैं अपनी बात पर कायम हूं।”
मलिक ने वानखेड़े की पत्नी की बहन पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूछा है, “समीर दाऊद वानखेड़े, क्या आपकी साली हर्षदा दीनानाथ रेडकर ड्रग कारोबार में शामिल थीं? आपको जवाब देना चाहिए, क्योंकि उसका मामला पुणे की अदालत में लंबित है। ये रहा सबूत।” मलिक ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, जिसमें इस केस का जिक्र है।
मलिक के आरोपों से खड़े हुए विवादों के बीच एनसीबी ने वानखेड़े को आर्यन समेत छह मामलों की जांच से हटा दिया है। इनमें मलिक के दामाद समीर खान का केस भी शामिल है। अब इसकी जांच डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशन्स) संजय सिंह की टीम करेगी। हालांकि वानखेड़े के अनुसार, “मुझे हटाया नहीं गया, मैंने ही कोर्ट से मांग की थी।” एक कथित एनसीबी अधिकारी के पत्र के हवाले से मलिक ने आरोप लगाया है कि वानखेड़े ने 26 मामलों में लोगों को झूठा फंसाया है।
मलिक और भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप से मामला दिनों-दिन उलझता जा रहा है। अब जांच टीम के सामने चुनौती है कि वह इसे कैसे सुलझाती है, ताकि उसकी निष्पक्षता दिखे भी।