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दामाद के बहाने निशाना

जांच के बहाने अपने विरोधियों को मात देने का लग रहा आरोप
शह-मातः एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

एक तरफ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय की जांच में उलझे हैं, तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ भूपेश बघेल की सरकार ने जांच टीम गठित कर दी है। रॉबर्ड वाड्रा जमानत पर हैं, लेकिन डॉ. पुनीत गुप्ता को जमानत नहीं मिल रही है। डॉ. पुनीत गुप्ता पर सरकार चौतरफा शिकंजा कसती जा रही है। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में उनकी याचिका रद्द हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ कई जांच शुरू हो गई हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर जांच के लिए विशेष टीम बना दी है। इसमें झीरम कांड, नान घोटाला, अंतागढ़ टेप कांड, राज्य में फोन टेपिंग से लेकर और दूसरे मामले शामिल हैं। लेकिन सबसे चर्चित रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता से जुड़ी जांचें हैं। अंतागढ़ टेप कांड में डॉ. पुनीत गुप्ता को लपेटने के बाद अब डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डॉ. पुनीत गुप्ता के कार्यकाल में खरीदी और नियुक्तियों की जांच के लिए टीम बना दी गई है। इस मामले में राज्य सरकार ने 15 दिनों के भीतर जांच टीम से रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश वर्ल्यानी का कहना है कि मुख्यमंत्री के दामाद होने के कारण पुनीत गुप्ता मनमर्जी से काम कर रहे थे। सरकारी अस्पताल को कोई एनजीओ कैसे चला और लोन ले सकता है? नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. पुनीत गुप्ता डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट थे। रमन सिंह के राज में वहां करोड़ों रुपये की खरीदी हुई। अंतागढ़ टेप कांड में डॉ. पुनीत गुप्ता की आवाज होने के साथ पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बंगले से कांग्रेस प्रत्याशी को करोड़ों रुपये के लेन-देन की बात सामने आ रही है। अंतागढ़ उपचुनाव के वक्त अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी की डॉ. पुनीत गुप्ता से बातचीत का ऑडियो जांच के दायरे में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान छोड़ने से भूपेश बघेल को राजनीतिक झटका लगा था। अंतागढ़ का टेप आने से भूपेश बघेल ने जोगी पिता-पुत्र को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वैसे कहा जा रहा है कि पुनीत गुप्ता और राजेश मूणत के बहाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का असली निशाना तो रमन सिंह पर है। 

विशेष टीम की जांच से रोजाना नए तथ्यों का खुलासा हो रहा है। मसलन, फोन टेपिंग के लिए विदेश से विशेष तरह की मशीन खरीदी गई थी और एक कर्मचारी को टेपिंग की ट्रेनिंग इजरायल में दिलाई गई थी। दूसरी तरफ अदालत जांच पर सवाल उठाने लगी है। इससे लगने लगा है कि सरकार हड़बड़ी में बिना नियम प्रक्रिया का पालन किए तो कदम नहीं उठा रही है। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ एसआइटी जांच पर रोक लगा दी। झीरम मामले में एनआइए ने केस वापस करने या एसआइटी को दस्तावेज देने  से मना कर दिया। नान घोटाले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने नान घोटाले की एसआइटी पर सवाल खड़े कर दिए। भाजपा विधि सेल के प्रभारी नरेश गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बदले की दुर्भावना से काम कर रहे हैं। गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री गलत लोगों की सलाह पर काम कर रहे हैं, इस वजह से सरकार को कोर्ट में मुंह की खानी पड़ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश वर्ल्यानी का कहना है कि कांग्रेस उन्हीं मुद्दों पर जांच करा रही है, जिसे लेकर शुरू से आरोप लगाती रही है। उनका कहना है कि रमन सरकार की जिस भी फाइल को खोलो, उसी में भ्रष्टाचार दिखाई पड़ता है। 

चर्चित मामलों की एसआइटी जांच को लोगों ने सराहा, लेकिन अब लोग राजनीतिक नजरिये से देखने लगे हैं। रमन-जोगी  से  सीधे जुड़े मामलों की एसआइटी जांच और लोगों को हैरान-परेशान करने वाला स्काई वाक बनाने या तोड़ने के मामले में  भूपेश सरकार का ढुलमुल फैसला लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। लगता है सरकारी मशीनरी और लोगों को सरकार बदल जाने का अहसास कराने के लिए सभी पहलुओं पर विचार किए बिना फटाफट जांच की घोषणा कर दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भूपेश सरकार के फैसलों को बदलाव की जगह 'बदलापुर' कह रहे हैं। कुछ भी कहें या नाम दें, जांच के नाम पर राजनीति गर्म है। वहीं भूपेश बघेल जांच के बहाने अपने दुश्मनों को मात देने और कांग्रेस हाइकमान की नजरों में चढ़ने में लगे हैं।

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