छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा ने कांग्रेस को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को नौ और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं इस जीत में कोरबा और बस्तर भी शामिल थे। इनमें बस कांग्रेस से ज्योत्सना चरणदास महंत ही अपनी साख बचाने में कामयाबी रहीं। भाजपा ने कांग्रेस की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर की सीट छीन कर सभी को चौंका दिया।
यह इकलौती ऐसी सीट है जहां नक्सलवाद, रोजगार, पलायन, कृषि और वनोपज जैसे कई मुद्दे चुनाव के पहले बस्तर में हावी हो जाते हैं। यही मुद्दे चुनाव में जीत और हार का कारण बनते हैं।
इस बार उलटफेर करते हुए भाजपा से पहली बार चुनाव लड़ रहे महेश कश्यप ने कांग्रेस के छह बार के विधायक और कद्दावर आदिवासी नेता कवासी लखमा को 55 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया।
इस बार भाजपा प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट राजनांदगांव भी हथियाने में कामयाब रही। इस संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विधायक हैं। कांग्रेस ने 2024 लोकसभा और 2023 के विधानसभा चुनाव के पोस्टर बॉय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा था। बघेल को भाजपा के वर्तमान राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने 44,411 वोटों से हराया। यह जीत दर्ज कर बता पार्टी ने बता दिया कि संगठन की ताकत से भाजपा अच्छे-अच्छों को पटकनी देने में कामयाब होती रही है और आगे भी ऐसा ही करती रहेगी।