हर तरह के अपराधी अपराध करने के तरीके लगातार बदलते रहते हैं। साइबर अपराधी उससे अलग क्यों होते? एक वक्त था जब लोग ‘ओटीपी-फ्रॉड’ का शिकार होते थे। इसके झांसे में आकर कई लोगों ने करोड़ों-करोड़ गंवाए हैं। यह अपराध इतना फैला कि सरकार को जागरूकता फैलाने के लिए बड़े-बड़े अभिनेताओं और खिलाड़ियों से विज्ञापन कराने पड़े। इसका असर भी हुआ और आज यह क्राइम पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। अब सबके हाथ में स्मार्टफोन है इसलिए अब अपराधी भी क्राइम करने की स्मार्ट ट्रिक ईजाद कर रहे हैं। इसी में एक नया नाम है सेक्सटॉर्शन, जिसे जानकार रोमांस फ्रॉड कहते हैं। आइए जानते हैं सेक्सटॉर्शन का तरीका या मोडस ऑपरेंडी क्या है और अपराधी कैसे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
मोडस ऑपरेंडी यह है कि क्रिमिनल किसी लड़की का फेसबुक एकाउंट बनाते हैं और किसी को भी रिक्वेस्ट भेजकर बातचीत करने लगते हैं। बातचीत शुरू होने के बाद नंबर एक्सचेंज होता है और क्रिमिनल शिकार को वीडियो कॉल करने का न्योता देता है। वीडियो कॉल पर सामने लड़की को देख विक्टिम का कॉन्फिडेंस बढ़ता है। यहां दो चीज होती हैं: पहला यह कि कॉल पर लड़की का सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा होता है, हालांकि इसमें सामने वाले को आसानी से शक हो जाता है और वह हट जाता है। बहुत कम लोग हैं जो इस तरीके का शिकार बनते हैं।
यह तरीका सबसे ज्यादा कारगर है। इसमें अपराधी सच में किसी लड़की को हायर करते हैं जो वीडियो कॉल कर के उस पर अपना अंग प्रदर्शन कर सके। आम तौर पर अपराधी कुछ रुपये देकर किसी सेक्स वर्कर को हायर करते हैं। यह सबसे कारगर तरीका इसलिए है क्योंकि इसमें लड़की वाकई सामने स्क्रीन पर होती है और उसे देखकर लोगों को आसानी से विश्वास हो जाता है।
सेक्सटॉर्शन काफी पहले से शुरू हो गया था लेकिन लॉकडाउन के बाद ऐसी घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ। लॉकडाउन में लोग घरों में कैद थे, उनके पास करने को कुछ नहीं था और इसी का फायदा उठाकर अपराधियों ने हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाया।
चौथा तरीका सबसे ज्यादा खतरनाक है। इसमें अपराधी शिकार को सोचने तक का मौका नहीं देते हैं। लोग चुटकियों में सेक्सटॉर्शन का शिकार हो जाते हैं। इसमें अपराधी अपने संभावित शिकार को सीधे वीडियो कॉल करते हैं। आम तौर पर लोग अनजान वीडियो कॉल भी उठा लेते हैं और फंस जाते हैं क्योंकि सामने नग्न अवस्था में लड़की होती है। जब तक आप वीडियो कट करते हैं तब तक कुछ सेकेंड का क्लिप अपराधी रिकॉर्ड कर लेते हैं।
लॉकडाउन के दौरान लोगों ने ऑनलाइन मनोरंजन के विभिन्न तरीके खोजे। अपराधियों ने ऐसे खेलों के कुछ ऐप्स बनाए। कुछ लोगों ने इसे डाउनलोड किया और गेम खेलना शुरू कर दिया। ऐसे ऐप पर गेम खेलते वक्त नोटिफिकेशन पॉप-अप होता था- अगर आप अकेले हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें और हमसे बात करें। आदमी उत्सुकतावश ऐप को खोल लेता था। ऐप के जरिये धीरे-धीरे बात शुरू होती है और जल्द ही बात सेक्सटिंग तक पहुंच जाती है। सेक्सटिंग के बाद बात वीडियो कॉल तक पहुंचती है और लोग फंस जाते हैं। उन्हें पता नहीं होता कि सामने वाला रिकॉर्ड कर रहा है।