दुनिया के साथ कदमताल करनी है तो राज्य में कल-कारखानों और उद्योगों का होना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस मूलमंत्र को बहुत बेहतर तरीके से जानते हैं। वे राज्य को बहुआयामी बनाने पर जोर दे रहे हैं। किसानों के बाद उनका दूसरा ध्यान राज्य में उद्योगों का विस्तार करना है। बाहरी निवेश को प्रदेश में आकर्षित करना उनकी प्राथमिक सूची में है। इसके लिए साय सरकार 1 नवंबर को नई उद्योग नीति पेश कर चुकी है। सरकार ने प्रदेश में उद्योगों की स्थापना में आ रही बुनियादी दिक्कतों का समाधान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लागू कर दिया है। प्रदेश के उद्योगपति भी मानते हैं कि साय सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम की वजह से अब अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
गुजरात की तर्ज पर उद्योग स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज संबंधी काम एक ही जगह एक साथ आसानी से पूरा हो पाएगा। इसके अलावा उद्योग और निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों का भी सरकार को पूरा खयाल है। हाल ही में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर रायपुर में विशाल श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश के 57 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रुपये उनके खाते में पहुंचाए गए। इसी अवसर पर राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र और पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा की गई। अब तक प्रदेश सरकार द्वारा अलग-अलग योजना के माध्यम से 235 करोड़ रुपये की सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है।
उद्योगों के लिए योजनाएं
. पूरे प्रदेश में उद्योगों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बेहतरीन रणनीति
. निवेश और निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहन के साथ छूट का लाभ
. आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए सड़क, रेलवे और एयरपोर्ट का विस्तार
. स्थानीय स्तर पर ही कुशल कामगार तैयार करने की शुरुआत
. सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लॉन्च
. औद्योगिक अनुसंधान केंद्रों का लगातार विकास
. राज्य में 52 विशिष्ट औद्योगिक पार्कों की स्थापना
. एआई, आईटी, रोबोटिक्स इंडस्ट्री में ज्यादा निवेश की तैयारी
. विदेश व्यापार सहायता केंद्र की स्थापना के लिए एमओयू
. राज्य में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की तैयारी