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7 जनवरी 2025 · JAN 07 , 2025

ई-गवर्नेंस: ई-ऑफिस बना सरकार से संवाद का प्रभावी तरीका

ई-ऑफिस की व्यवस्था में सभी विभागों, मंत्रालयों को लेकर एक ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि भ्रष्टाचार, फाइलें रुकने से लेकर गड़बड़ी की शिकायतें शुरुआत में पकड़ी जा सकें
ई-ऑफिस के फायदे

छत्तीसगढ़ में ई-आफिस प्रणाली, स्वागतम पोर्टल समेत कई स्तर पर शुरू हुए ऑनलाइन सिस्टम से छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार मुक्त और जीरो टॉलरेंस सिस्टम की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछली सरकार पर लगे दाग से सबक लेते हुए भ्रष्टाचारमुक्त सिस्टम बनाने पर प्रमुखता से जोर दिया। उन्होंने ई-ऑफिस नाम से नई व्यवस्था की शुरुआत की, जिसके तहत सभी विभागों, मंत्रालयों को लेकर एक ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि भ्रष्टाचार, फाइलें रुकने से लेकर गड़बड़ी तक की शिकायतें शुरुआत में ही पकड़ी जा सकें। इसमें उस टेंडर प्रणाली को भी पूरी तरह से पारदर्शी बनाने पर काम किया जा रहा है, जिसमें अक्सर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिला करती थीं। मुख्यमंत्री साय का मानना है कि बेहतर सुशासन के लिए ई-गर्वनेंस प्रणाली एक कारगर उपाय है।

सीएम साय ने 21 अगस्त 2024 को महानदी भवन के मंत्रालय में तीन पोर्टलों ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि सुशासन के लिए यह प्रणाली बेहतर पहल कहलाएगी। इससे शासकीय कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री साय ने ई-प्रणाली और ई-ऑफिस सिस्टम पर काम करने के निर्देश दिए थे। जनदर्शन के माध्यम से भी ऐसी कई शिकायतें सामने आईं, जिसमें फाइलें लेट होने के कारण जनता को तकलीफें हुईं। पहले फाइलों के आगे बढ़ाने और इसे लेकर कई तरह की अनियमितता सामने आया करती थी। सीएम साय की मंशा थी कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए बेहतर प्रणाली तैयार की जाए, जिससे लोगों की समस्याएं दूर हो सकें। इसके साथ ही  सारा काम पारदर्शी तरीके से हो सके। सरकार के गठन के बाद से ही इस तरह की प्रणाली पर काम शुरू हो गया था। धीरे-धीरे अब हर विभाग और उनकी कार्यप्रणाली को ई-प्रणाली से जोड़कर बेहतर बनाया जा रहा है।

फाइलों की ट्रैकिंग, रियल टाइम अपडेट

मुख्यमंत्री साय का कहना है कि सुशासन के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ई-आफिस प्रणाली और स्वागतम पोर्टल की शुरुआत महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस व्यवस्था के साथ-साथ फाइलों की लाइव ट्रैकिंग भी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि हमने मोदी की गारंटी के माध्यम से यह घोषणा भी की थी। डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर ले जाने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। साय ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। तीनों पोर्टल का शुभारंभ प्रदेश में सुशासन स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा। ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों के निराकरण में अनावश्यक देरी नहीं होगी। गलती की गुंजाइश कम होगी। फाइल किस स्तर पर हैं इसकी ट्रेकिंग भी की जा सकेगी।

ई-गवर्नेंस

यह देखा गया है कि मंत्रालय में मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों और अधिकारियों से मिलने जो आंगतुक आते हैं, उन्हें अपने आवेदनों या फाइलों का अपडेट नहीं मिल पाता। पहले सरकार में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सभी की सुविधा के लिए स्वागतम पोर्टल शुरू किया गया है। सीएम साय ने सीएमओ पोर्टल के शुभारंभ की जानकारी देते हुए बताया कि इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों, जनहितैषी फैसलों और काम-काज की जानकारी आम लोगों को मिलेगी। ई-आफिस प्रणाली में आफिस के दस्तावेज डिजिटल किए जाएंगे। दस्तावेज को एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस भेजे जाने पर बहुत समय लगता था, अब यह समय बच जाएगा। इसके साथ ही दस्तावेज में हेरफेर किए जाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। दस्तावेजों के खोने या गायब होने की दिक्कत नहीं रहेगी। डिजिटल माध्यम में दस्तावेज अधिक सुरक्षित रहेंगे। अब तय समय-सीमा पर फाइलों का निराकरण हो सकेगा। इससे अधिकारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग भी आसान हो सकेगी। ई-आफिस सिस्टम आने से आम जनता के लिए भी अपने आवेदनों के निराकरण की स्थिति जानने में आसानी होगी। इसके अलावा मंत्रालय में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मिलना आसान हो जाएगा। मंत्रीगण, सचिव से लेकर अधिकारियों से मिलने आने वालों को और मंत्रालय में प्रवेश हेतु स्वागतम पोर्टल के माध्यम से आगंतुकों के प्रवेश की व्यवस्था आसान होगी।

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