‘अंत्योदय का कल्याण’ के लक्ष्य के साथ एक वर्ष पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार राज्य की सत्ता में आई थी। तब राज्य में कांग्रेस पीएससी घोटाला, योजनाओं में भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर असंतोष चरम पर था। बतौर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक वर्ष के अंदर न सिर्फ इन चुनौतियों पर नकेल कसी, बल्कि आम जनता का विश्वास भी जीता। नियद नेल्लानार योजना नक्सलियों का काल बन चुकी है, जबकि महतारी वंदन योजना 70 लाख महिलाओं के चेहरों पर खुशियां बिखेर रही है। विष्णु सरकार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के मॉडल पर चलते हुए प्रत्येक वर्ग के विकास में लगी हुई है। भविष्य की योजनाएं और नीतियों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव से बातचीत के प्रमुख अंश ...
आपकी सरकार को नौ महीने से ज्यादा हो गए, छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाएं देश में रोल मॉडल बनी हैं, इसके पीछे क्या वजह देखते हैं?
देखिए, हमारी सरकार अंत्योदय के मॉडल पर काम कर रही है। हमारा लक्ष्य ही गरीबों का कल्याण करना है। हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। सभी वादों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में गरीब प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह गए थे, अब इसी पर आगे बढ़ना है। किसानों को धान का बोनस तथा 3100 सौ रुपये में धान की खरीदी, इसके अलावा महतारी वंदन योजना काफी सफल रही है। 70 लाख नारी शक्ति को प्रतिमाह एक हजार रुपये मिलते हैं। युवाओं के लिए सरकारी नौकरी में आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी है। रामलाला दर्शन योजना, गरीबों को पीएम आवास तथा मुफ्त राशन देना, सबके चेहरे पर इसकी खुशी देखता हूं तो मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का वादा है कि पांच साल में बस्तर से नक्सलवाद खत्म कर देंगे। मिशनरी—नक्सली गठजोड़ की बात भी सामने आई है, कैसे पार पाएंगे इससे?
नक्सली समस्या से निपटने के लिए भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार लगातार काम कर रही है। ‘नियद नेल्लानार’ योजना के आशानुरूप परिणाम मिले हैं। बीते नौ महीने में सुरक्षा बलों ने लगभग 194 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। वहीं 801 नक्सली गिरफ्तार हुए एवं 742 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। हमारे इरादे स्पष्ट हैं कि बोली का जवाब बोली और गोली का जवाब गोली से देंगे। इसके अलावा हमने योजनागत कदम भी उठाए हैं, जैसे राज्य में एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन। नक्सल सरेंडर पालिसी सार्वजनिक करने, तेंदूपत्ता खरीदी की पालिसी में बदलाव करना, नक्सल क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास करने तथा निरक्षरों को साक्षर करने का संयुक्त अभियान चलाना तय किया है। कुछ दिन पहले ही हमारे जवानों ने सुकमा के पूर्ववर्ती जैसे दूरस्थ क्षेत्र में स्थायी कैंप लगाकर स्थानीय लोगों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित की है। मैंने गृह मंत्रालय की समीक्षा बैठक में कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेंगे। इसे लेकर हम गंभीर हैं।
आपने ऐलान किया है कि राज्य का जीएसडीपी अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ तक पहुंचाएंगे, यह कैसे संभव होगा?
सबकी मेहनत और प्रयास से हम यह लक्ष्य अवश्य हासिल करेंगे। जब पूरा देश विकसित भारत बनने के एकमात्र लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा है, तब छत्तीसगढ़ ने भी अमृत काल में विकसित राज्य बनने का विजन रखा है। गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी के विकास की प्राथमिकता पर नीति आयोग काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ ने ज्ञान की समृद्धि, पूंजीगत व्यय में वृद्धि करके बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने तथा राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और आजीविका को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस नए युग की नींव रखी है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को 10 जनपथ का एटीएम बना दिया था। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हावी था। राज्य सरकार का विकास से कोई वास्ता नहीं था, इसलिए देश का अर्थतंत्र रहे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से चुनौतियों से घिर गई थी, लेकिन हम निवेश के नए क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं। राज्य में खनिज, लौह अयस्क, कोयला से लेकर तमाम संसाधन हैं। सबसे बड़ी बात शांति और सद्भाव हमारे राज्य की पहचान है। जनकल्याण का पैसा यदि जनता के हित में ही खर्च होगा तो कहीं कोई चुनौती नहीं आएगी। आर्थिक सुधार के लिए समय-समय पर जो भी नीतिगत प्रयास जरूरी होंगे किए जाएंगे।
मतांतरण पर आपने खुलकर बात कही है। आप जिस इलाके से आते हैं, वहां पर मिशनरियों का दबदबा है। वे आज भी मतांतरण के कार्यों में सक्रिय हैं। क्या आपकी सरकार सख्त कदम उठाएगी?
मैं जशपुर जिले से आता हूं। वहां के कुनकुरी इलाके में एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है। वहां धर्मांतरण जोरों से होता रहा है। हमारे साथी स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी कार्यक्रम के नायक थे तथा वनवासी कल्याण आश्रम के कारण वहां का इलाका सुरक्षित है। जूदेव ने धर्मांतरण के खिलाफ जबरदस्त मुहिम चलाई तब मैं भी उनके साथ जुड़ चुका था। हमने गौ हत्या, धर्मांतरण के खिलाफ दर्जनों पदयात्राएं की हैं। हजारों लोग धर्मांतरित हो गए थे, उनके पैर धोकर घर वापसी करवाई है। ऐसे अभियानों से ही यह इलाका बचा हुआ है। जहां तक नए धर्मांतरण निषेध कानून की बात है, तो सरकार उसे सख्ती से लागू करेगी। अब ऐसा करने वाली ताकतें चाहें कितनी भी मजबूत हों, उनसे सख्ती से निपटेंगे। हाल ही में कांग्रेस के एक विधायक का वीडियो प्रसारित हुआ है जिसमें आपने देखा होगा कि किस तरह यहां लोगों को गुमराह किया जाता है।
पिछले साल विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान आपने ‘मोदी की गारंटी’ का वादा किया था। आज उन वादों की मौजूदा स्थिति क्या है?
हमने इनमें से कई गारंटी के अपने वादे को पूरा किया है। बाकी पर भी तेजी से काम जारी है। सरकार ने सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 18 लाख मकानों की घोषणा करने का निर्णय लिया। पिछली कांग्रेस सरकार ऐसा करने में विफल रही थी। हमने महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना लागू की है और अब तक इसकी 8 किस्तें जमा कर दी हैं। हमने 13 लाख किसानों को 3,716 करोड़ रुपये धान का बकाया बोनस भुगतान करके अपना वादा भी पूरा किया है। राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 145 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद हुई। भाजपा ने छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 10 पर जीत हासिल की और वोट शेयर 52.65 फीसदी तक बढ़ाया है। हम पहले ही कह चुके हैं ‘हमने बनाया था अब हम ही संवारेंगे।’ पिछले पांच वर्षों में पैदा किए गए ‘भरोसे के संकट’ को समाप्त कर हम विश्वास एवं विकास का वातावरण निर्मित करेंगे। हम राज्य और राज्य के हर नागरिक की तरक्की चाहते हैं।
सरपंच से मुख्यमंत्री बनने तक के सफर पर क्या कहेंगे?
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन मुख्यमंत्री बनूंगा लेकिन बन गया। यही हमारी पार्टी की खासियत है कि वहां छोटे कार्यकर्ता को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है। मैं किसान का बेटा हूं लेकिन पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया। पहले पंच, सरपंच फिर विधायक, फिर सांसद, फिर केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया। राजनीति में मेरे आदर्श स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव रहे। उन्होंने हमेशा जनता की सेवा के लिए प्रेरित किया। आज भी आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान देखता हूं तो सबसे ज्यादा सुकून मिलता है। मुझे विश्वास है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में मैं इस पद की जिम्मेदारी को पूरा कर सकूंगा।
छत्तीसगढ़ के लिए आर्थिक विकास का लक्ष्य क्या है?
छत्तीसगढ़ का मौजूदा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 5.05 लाख करोड़ रुपये है। हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्षों में इसे 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। हमने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई सुधार किए हैं। इसमें शराब कारोबार में पारदर्शिता सुनिश्चित करना भी शामिल है, जहां बिचौलियों को खत्म किया जा रहा है। इसके अलावा हम रेत खनन नीति पर काम कर रहे हैं, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई गई है और इसमें शामिल लोग अब जेल में हैं। हमें उम्मीद है कि इससे लीकेज बंद होगी और राजस्व बढ़ेगा।
आपकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है, राज्य का खजाना लूटने वालों को सजा दिलाने के लिए आपकी सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
हमने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले को लेकर जो वादा किया था, उसे निभाया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने एफआइआर दर्ज कर ली है। सीबीआई को भी जांच सौंपी गई है। इस मामले में जो भी दोषी हैं, कार्रवाई होगी। महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच भी सीबीआई को सौंप दी गई है। जनता का पैसा दबाने वाले बख्शे नही जाएंगे, उन्हें भी सजा दी जाएगी। कोयला, शराब, महादेव सट्टा ऐप, चावल घोटाला, डीएमएफ लगभग हर मामले में जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। जेल में बंद भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी सरकार सख्त एक्शन ले रही है। भ्रष्टाचार और काले कारनामे करने वाले एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कोल परिवहन से संबंधित व अन्य स्वीकृतियां देने की प्रक्रिया फिर से आनलाइन की गई है। हम दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे और पूरे शासन तंत्र में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेंगे।
सरगुजा-बस्तर की ओर देखो की नीति क्या है ? आदिवासी समाज के उत्थान के लिए आपकी क्या सोच है?
हम सरगुजा-बस्तर की ओर देखो की नीति पर काम कर रहे हैं। गोंड़, ऊरांव, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कंवर, कोया, धुरवा, हल्बा, अबूझमाड़िया समेत लगभग 50 जनजातियों के बीच राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं की पहुंच बढ़ा रही है। आदिवासी गांवों में 25 बुनियादी सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए ‘नियद नेल्लानार’ योजना शुरू की है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 5500 रुपये संग्रहण शुल्क देना तय किया है। आदिवासियों के लिए चरणपादुका योजना के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रवधान है, तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुकाएं मुहैया कराई जाएंगी। मेरे सार्वजनिक जीवन की शुरुआत आदिवासियों के उत्थान को लेकर हुई। पंच से लेकर सरपंच और विधायक फिर लोकसभा सदस्य और केंद्र में मंत्री रहते हुए आदिवासियों के कल्याण के लिए जितना संभव हुआ अधिक से अधिक प्रयास किया। कुछ दिन पहले पेश किए गए बजट को यदि आप देखेंगे तो मेरी सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
आपकी सरकार बनने के पीछे युवाओं का बड़ा हाथ रहा है। उनका विश्वास जीतने के लिए, उनके सर्वांगीण विकास के लिए आप क्या कर रहे हैं?
राज्य के युवा विकास की रीढ़ हैं इसलिए हमारी सरकार ने उनके सुखद भविष्य के लिए कदम बढ़ाए हैं। सरकार बनते ही हमने पुलिस भर्ती सीमा में पांच साल की छूट का प्रावधान किया। पीएससी घोटाले में जांच के साथ ही पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं सुनिश्चित की गई हैं। छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर होंगी। वार्षिक कैलेंडर भी जारी किया जाएगा। हर ब्लाक में परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान देकर हम युवाओं में नवाचार और प्रतिभा को प्रोत्साहित करेंगे। नालंदा लाइब्रेरी की तर्ज पर पुस्तकालय बनेंगे। इसी तरह दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की संख्या 65 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है। हमने विभिन्न विभागों में 6000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की है। युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के द्वार खोले गए हैं, उनकी आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी गई है। हम निरंतर काम कर रहे हैं। हमारी सरकार की नजर हर तबके के उत्थान पर है।
हमने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले को लेकर जो वादा किया था, उसे निभाया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर ली है। सीबीआई को भी जांच सौंपी गई है। जो भी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई होगी।