खेल और राजनीति, ये दो अलग-अलग क्षेत्र दिखते हैं, लेकिन इन दोनों में नेतृत्व, रणनीति, जनसमर्थन और दबाव में प्रदर्शन जैसी कई समानताएं होती हैं। भारत में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने खेल से संन्यास लेने के बाद अपनी लोकप्रियता को सामाजिक सेवा में बदलने का निर्णय लिया और राजनीति की राह पकड़ी। खेल और राजनीति दोनों में नेतृत्व और भरोसे की जरूरत होती है। कई खिलाड़ियों ने खेल में मिली प्रसिद्धि को समाज सेवा में बदला, लेकिन सभी को राजनीति में खेल जैसी सफलता नहीं मिली। फिर भी, उनके अनुभव और ईमानदार प्रयास उन्हें जनता से जोड़े रखते हैं। ये कहानियां दिखाती हैं कि मेहनत, अनुशासन और समर्पण किसी भी क्षेत्र में प्रेरणा बन सकता है; चाहे वह खेल का मैदान हो या चुनाव का मैदान।
नवजोत सिंह सिद्धू
भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रमक बल्लेबाजों में गिने जाने वाले सिद्धू ने 1983 से 1999 तक भारत के लिए 51 टेस्ट और 136 वनडे खेले। क्रिकेट से संन्यास के बाद वे 2004 में राजनीति में आए और अमृतसर से भाजपा के सांसद बने।
गौतम गंभीर
गंभीर ने क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और पूर्वी दिल्ली से भाजपा के लोकसभा सांसद बने। लेकिन राजनीति रास नहीं आई। फिलहाल वह भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच हैं।
कीर्ति आजाद
1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद ने भाजपा से तीन बार दरभंगा से लोकसभा चुनाव जीता। बाद में कांग्रेस और फिर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। वे भ्रष्टाचार और खेल नीतियों पर मुखर रहे हैं।
हरभजन सिंह
भारत के सबसे सफल स्पिनरों में से एक हरभजन ने 2022 में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य बनकर राजनीति में प्रवेश किया। वे पंजाब के मुद्दों, खासकर युवाओं और खेलों से जुड़े विषयों पर सक्रिय हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
पूर्व भारतीय कप्तान अजहर ने 99 टेस्ट और 334 वनडे खेले। फिक्सिंग विवाद के बाद उनका क्रिकेट करियर समय से पहले खत्म हुआ, लेकिन उन्होंने 2009 में कांग्रेस से राजनीति में वापसी की और मुरादाबाद से सांसद बने।
मैरी कॉम
छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम 2016 में राज्यसभा के लिए नामांकित की गईं। संसद में उन्होंने खेल, महिला सशक्तिकरण और पूर्वोत्तर भारत के विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
राज्यवर्धन सिंह राठौर
2004 एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले राठौर सेना से सेवानिवृत्त होकर भाजपा में शामिल हुए, जयपुर ग्रामीण से सांसद बने और खेल मंत्री का पद संभाला। वह वर्तमान में राजस्थान सरकार में मंत्री हैं।
पी.टी. उषा
भारत की महानतम एथलीटों में गिनी जाने वाली उषा को 2022 में राज्यसभा में नामांकित किया गया। उनका योगदान कोचिंग और खेल शिक्षा में भी महत्वपूर्ण है। वे फिलहाल भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष हैं।
असलम शेर खान
1975 में हॉकी विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे असलम शेर खान 1984 में कांग्रेस से बैतूल से सांसद चुने गए। उन्होंने खेल और अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े मुद्दों पर काम किया।