तय था कि 2024 सामान्य साल नहीं होगा। भारत ही नहीं, दुनिया की साठ फीसदी आबादी ने अपने-अपने देश में अपनी सरकारें चुनने के लिए वोट डाले। बीते वर्ष से रूस-यूक्रेन युद्ध चलता ही जा रहा था कि अचानक इजरायल-हमास का मोर्चा खुल गया, जिसने समूचे पश्चिम एशिया को गिरफ्त में ले लिया। वर्ष के आखिरी हिस्से में उसका गहरा और ऐतिहासिक राजनैतिक असर दिखा। साल खत्म होते-होते सीरिया में तकरीबन आधी सदी की असद परिवार की सत्ता चली गई। उधर, देश में 2023 के घटनाक्रमों के साये में लोकसभा चुनाव बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ था। 2023 के आखिरी महीनों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार के बाद राजनैतिक नैरेटिव बदलने की खातिर इंडिया ब्लॉक में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के राहुल गांधी ने पूरब से पश्चिम भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू की। तो, सत्तारूढ़ भाजपा और नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के जरिये देश में नई गोलबंदी का अभियान छेड़ा। इसी बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर भाजपा के पाले में चले गए, जो इंडिया ब्लॉक के सूत्रधारों में एक थे। महाराष्ट्र में अजित पवार के गुट को चुनाव आयोग ने असली राकांपा की मान्यता दे दी। इन्हीं रणनीतियों के आधार पर भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरा कार्यकाल दिलाने के लिए ‘चार सौ पार’ का नारा दिया, लेकिन इन रणनीतियों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक और गैर-कानूनी बता दिया। देश में लोग बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त हो रहे थे और चुनाव में कई तरह के मुद्दे घुमड़ने लगे। इसी बीच भाजपा के कुछ नेताओं के संविधान बदलने के बड़बोले बयान को विपक्ष ने उठा लिया और संविधान का मुद्दा बेरोजगारी और आर्थिक संकटों से जुड़ गया। आखिर लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो भाजपा 240 सीटों पर रुक गई, जो साधारण बहुमत से 32 सीटें कम थीं। कांग्रेस की सीटें 100 पर पहुंच गईं और इंडिया ब्लॉक 234 सीटों पर पहुंच गया। भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में लगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा 33 सीटों से आधे पर आ गई। वह अयोध्या की सीट फैजाबाद भी हार गई, जहां के राम मंदिर को उसने देश में बड़ा अभियान बनाने की कोशिश की थी। आखिर में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री तो बने लेकिन दो बैसाखियों नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडु की तेलुगु देशम के समर्थन पर खड़े होकर। मोदी को गठबंधन के गुर सीखने पड़े और कई फैसले बदलने पड़े, लेकिन वर्ष की आखिरी तिमाही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐसी चौंकाऊ जीत हासिल कर ली जिसकी व्याख्या कोई राजनैतिक पंडित साफ-साफ नहीं कर पा रहे है। इसीलिए चुनाव प्रक्रिया और ईवीएम मशीनों को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इंडिया ब्लॉक झारखंड और जम्मू-कश्मीर के चुनाव ही जीत पाया। इससे लोकसभा चुनावों के बाद का राजनैतिक नैरेटिव कुछ बदला है, जिसके नजारे संसद के शीतकालीन सत्र में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के ऐसे टकराव में दिखे, जो कभी नहीं हुआ था।
उधर, विदेश में भी राजनैतिक दिशा बदली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई। श्रीलंका में लंबे अरसे बाद विपक्ष के अनुरा दिसानायके राष्ट्रपति चुने गए। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन ऐसा उभरा कि डेढ़ दशक से सत्ता पर काबिज अवामी लीग की शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। वहां मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया बने। वर्ष के आखिरी महीने में सीरिया में असद की पार्टी का तख्तापलट पश्चिम एशिया में आखिरी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सत्ता-प्रतिष्ठान भी ढह गया, जो तानाशाही की एक नई रवायत लिख रहा था। इसी के साथ पश्चिम एशिया में रूस और ईरान की पकड़ भी कमजोर हुई। भू-राजनैतिक स्थितियां 2025 में करवट बदलेंगी।
अंत में, यह साल कई शख्सियतों को अपने साथ ले गया। उनमें सबसे अहम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, और फिल्मकार श्याम बेनेगल हैं, जिनके काम हमेशा चर्चा में बने रहेंगे, कभी भुलाए नहीं जा सकेंगे। इसी तरह रतन टाटा, जाकिर हुसैन, यामिनी कृष्णमूर्ति के भी योगदान हमारे जीवन को छूते रहे हैं। तो, यह वर्ष कई तरह के अचरज द्वार खोलता और चौंकाता रहा। उसकी कुछ अहम झलकियां आगे के पन्नों पर। नया वर्ष नई उम्मीदों और संभावनाओं के द्वार खोले,, इसी कामना के साथ।
6 जनवरी 2024: नए नैरेटिव की तलाश में कांग्रेस के राहुल गांधी ने मणिपुर के इंफाल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की, जो मुंबई में खत्म हुई।
22 जनवरी: देश भर में नई गोलबंदी की रणनीति के तहत अयोध्या में आधे-अधूरे नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
28 जनवरी: नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक को छोड़कर एनडीए का हाथ थामा।
15 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक और गैर-कानूनी बताया। फिर एक अन्य फैसले में 1 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की इजाजत दे दी।
7 अगस्त: पहलवान विनेश फोगाट 50 किलो वर्ग में जापान की नंबर एक खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचीं लेकिन सौ ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते फाइनल से बाहर कर दी गईं।
29 जून: भारतीय क्रिकेट टीम टी 20 क्रिकेट विश्व कप की विजेता बनी।
4 जूनः लोकसभा चुनाव के नतीजे आए, भाजपा 240 सीटों पर रुकी। बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा। अयोध्या की फैजाबाद सीट सपा के अवधेश प्रताप जीते।
9 जून: नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री, नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा के सहारे बने।
5 जुलाई: ब्रिटेन में लंबे अरसे बाद लेबर पार्टी सत्ता में आई, कीथ स्टार्मर बने प्रधानमंत्री।
23 सितंबर: श्रीलंका में पहली बार विपक्षी दल नेशनल पीपुल्स पावर सत्ता में आया, अनुरा दिसानायके राष्ट्रपति बने।
5 अगस्त: बांग्लादेश में भारी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भागीं।
28 जुलाई: मनु भाकर दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में पेरिस ओलंपिक का दोहरा पदक जीतकर देश में ऐसा सम्मान पाने वाली पहली एथलीट बनीं।
21 सितंबर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इतीफे बाद नई मुख्यमंत्री आतिशी ने शपथ ली।
8 दिसंबर: सीरिया में बशर अल असद के खानदान का राज खत्म, विद्रोहियों ने किया तख्तापलट।
8 अगस्त: बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में मुहम्मद यूनुस ने शपथ ली।
8 अक्टूबर: हरियाणा में भाजपा तीसरी बार जीती, जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार आई।
23 नवंबर: महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के नतीजे आए, भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस और झामुमो के हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने।
अलविदा
9 अक्टूबर: उद्योगपति रतन टाटा का निधन। उनका योगदान देश के उद्योग जगत में अहम रहा है। हाल में टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में एयर इंडिया खरीदा
12 सितंबर: वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का निधन।
8 नवंबर: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आए, डेमोक्रेट कमला हैरिस हारीं और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प दूसरी बार राष्ट्रपति बने।
13 दिसंबर: फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप सबसे कम उम्र 18 साल में जीते भारत के गुकेश डोम्मराजू।
19 दिसंबर: आंबेडकर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर संसद परिसर में सत्तारूढ़ और विपक्ष के सांसदों में उग्र टकराव देखने को मिला। यह देश के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ।
15 दिसंबर: मशहूर तबलावादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन। उनका योगदान संगीत में बेमिसाल है।
3 अगस्त: भरतनाट्यम की प्रसिद्ध कलाकार यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन। उन्होंने भरतनाट्यम को प्रसिद्धि दिलाई।