गुरदासपुर जिले के गांव कोहाली में पैदा हुईं हरनाज कौर संधू का गांव से निकलकर पूरी दुनिया पर छा जाना ऐसा अहसास है, जिसे गांव-कस्बों की वे तमाम लड़कियां महूसस कर सकती हैं, जो ‘ब्यूटी क्वीन’ होने का सपना पाले हैं। 12 मई 2000 को लारा दत्ता के मिस यूनिवर्स का खिताब हासिल करने के 21 साल बाद, 21 साल की हरनाज के सिर सजे इस ताज पर सबसे अधिक नाज हरनाज के पिता परमजीत संधू को है। वे बेटी को चकाचौंध भरी ग्लैमर की दुनिया से दूर जज की कुर्सी पर देखना चाहते थे।
हरनाज के स्वागत में गीत तैयार करने वाले उनके बड़े भाई संगीतकार हरनूर सिंह ने आउटलुक को बताया, “जब हरनाज ने मॉडलिंग शुरू की तो पापा को पता नहीं था। मॉडलिंग करने की बात उसने सिर्फ मुझे और मां को बताई क्योंकि उसे डर था, पापा शायद इसे मंजूर न करें। जब वह ‘मिस चंडीगढ़’ बनी तब पापा को इसका पता चला। उसके बाद पापा ने उसे हमसे ज्यादा प्रोत्साहित किया। पापा के प्रोत्साहन का ही नतीजा है कि आज हरनाज मिस यूनिवर्स बन दुनिया में चमकी है। मुझसे सात साल छोटी आज मुझसे भी बड़ी हो गई है। हरनाज ने हमारा सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।” 2006 में गांव से इंग्लैंड बसने गया हरनाज का परिवार विदेश की विषम परिस्थितियों के चलते स्वदेश लौट आया और 2008 में मोहाली के पास खरड़ में बस गया। यहीं से हरनाज का मिस यूनिवर्स बनने का सफर शुरू हुआ। बारहवीं की पढ़ाई के साथ हरनाज ने बतौर मॉडल करिअर की शुरुआत की थी। उन्होंने पंजाबी फिल्मों यारा दियां पौ बारां और बाई जी कुट्टांगे में अभिनय भी किया। जज बनने का पिता का सपना पूरा करने के लिए हरनाज की पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए. की पढ़ाई चंडीगढ़ के सेक्टर 42 स्थित गर्वनमेंट कॉलेज से अब भी जारी है।
मिस यूनिवर्स बनने से पहले हरनाज ने 2017 में टाइम्स फ्रेश फेस मिस चंडीगढ़, 2018 में मिस मैक्स इमर्जिंग स्टार, 2019 में फेमिना मिस इंडिया पंजाब जीता। 2020 में कॉलेज के सालाना पुरस्कार वितरण समारोह में हरनाज को ‘दिवा ऑफ कॉलेज अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
दस वर्ष पहले खरड़ में बतौर प्रॉपर्टी डीलर कारोबार शुरू करने से पहले हरनाज के पिता परमजीत सिंह संधू गांव में खेती-बाड़ी से जुड़े रहे। शायद इसी पृष्ठभूमि ने हरनाज को आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में बोलने के लिए प्रेरित किया। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरनाज ने कहा था, “अगर सरकार और किसान बात करके इस मसले को सुलझा लेते हैं, तो यह सबसे बेहतर विकल्प होगा।” हरनाज की मां रविंदर कौर संधू मोहाली के गांव सोहाना के एक निजी अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट हैं। वे 13 दिसंबर की सुबह पांच बजे ही अस्पताल के नजदीक सिंह शहीदां साहिब गुरुद्वारे जाकर साढ़े आठ बजे तक बेटी के सिर ताज के लिए अरदास करती रहीं। मां की मन्नत पूरी हो गई, जब बेटे हरनूर ने फोन करके बहन हरनाज के मिस यूनिवर्स बनने की खबर दी। बेटी की जीत पर रविंदर कौर ने कहा, “एक अखंड पाठ गुरुद्वारा सिंह शहीदां साहिब और दूसरा खरड़ के अकाल आश्रम में करवाने की मन्नत मांगी थी। अब बेटी के खरड़ लौटने पर अखंड पाठ करवाऊंगी।”
पंजाब आने पर हरनाज परिवार के साथ सबसे पहले अमृतसर के हरमंदिर साहिब में शीश नवाने जाएंगी। धार्मिक हरनाज कुछ भी खाने के बाद वाहेगुरु और परमात्मा का जरूर धन्यवाद कहती हैं। हर पंजाबी की तरह उन्हें भी मक्के की रोटी और सरसों का साग पसंद है। घर लौटने पर उसे सबसे पहले लंच में उन्हें यही मिलेगा। पिता परमजीत सिंह संधू के मुताबिक, “अमृतसर के दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद परिवार हरनाज के साथ पैतृक गांव कोहाली जाएगा। गांव की सरपंच गुरदीप कौर पूरे गांव के साथ हरनाज को सम्मानित करेंगी। वह हमारे परिवार का गुरूर है।”
पंजाब-हरियाणा की सुंदरियां
पिछले चार साल में पंजाब और हरियाणा के गांव-कस्बों से अनेक सुंदरियां निकली हैं। हरियाणा के जींद जिले के गांव उचानकलां की मनिका श्योकंद 2020 में फेमिना मिस ग्रैंड इंडिया बनी थीं। उन्होंने खाप पंचायतों की पुरातनपंथी बंदिशों से आगे बढ़ते हुए कहा था, “आज मेरे सिर पर जो ताज है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए है।” पिछले चार साल में हरियाणा-पंजाब के जाट परिवारों से निकली हरनाज कौर चौथी ‘ब्यूटी क्वीन’ हैं जो गांव से निकल कर इस मुकाम तक पहुंची हैं। मनिका श्योकंद से पहले हरियाणा के झज्जर जिले की मानुषी छिल्लर 2017 में मिस वर्ल्ड खिताब से नवाजी गईं और 2018 में मीनाक्षी चौधरी को फेमिना मिस इंडिया का ताज मिला। बेशक स्त्रियों के प्रति खाप पंचायतों के पुरातनपंथी रवैये के अलावा एक वक्त कन्या भ्रूण हत्या और ऑनर किलिंग की वारदात से कलंकित रहे हरियाणा और पंजाब में यह सुखद बयार बहने जैसा है। इससे भी बड़ा पहलू यह है कि छोटे शहरों, कस्बों, गांव-देहात और मामूली आर्थिक पृष्ठभूमि की लड़कियों में कामयाबी हासिल करने की ललक बढ़ रही है।
हरनाज, मनिका, मानुषी और मीनाक्षी की कामयाबी की कहानियां बताती हैं कि देश में एक नई लहर करवट ले रही है जिसमें महानगरों की बालाओं को चुनौती देने का दम है। यकीनन इसमें वैश्वीकरण और सोशल मीडिया तथा इंटरनेट की पहुंच की खास भूमिका है, जो हर जगह युवाओं में कामयाबी की लौ जगा रही है और अवसर भी तैयार कर रही है। इससे भी महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसी के साथ छोटे शहरों, कस्बों और यहां तक कि गांव-देहात की फितरत भी बदल रही है। अब ‘दगंल गर्ल’ फोगाट बहनों के गांव बलाली में लोग खुद को बड़े गर्व से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के सितारे गीता, बबीता, रितु और विनेश फोगाट के गांव का बताते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक पाने वाली हरियाणा-पंजाब की धाकड़ छोरियों ने ग्लैमर की दुनिया में भी ‘फट्टे चक दिए’ हैं।
1999 की मिस यूनिवर्स की प्रतिभागी रही चंडीगढ़ की गुलकीरत कौर पनाग ने आउटलुक से कहा, “मैं मिस यूनिवर्स बनने से चूक गई, पर मुझे यकीन था कि एक दिन पंजाब की कोई लड़की जरूर इस खिताब को हासिल करेगी। ब्यूटी विद ब्रेन की खान पंजाब से और भी लड़कियां हरनाज से प्रेरित होकर भारत की पताका ऐसे ही दुनिया में फहराती रहेंगी।”
हरनाज के मिस यूनिवर्स चुने जाने पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा का कहना है, “हरियाणा के बाद पंजाब के गांव-देहात की लड़की का इस मुकाम पर पहुंचाना दर्शाता है कि प्राकृतिक सुंदरता ब्यूटी-पॉर्लर और सौंदर्य प्रसाधनों की बनावटी सुंदरता से कहीं आगे है।” पंजाब यूनिवर्सिटी के ‘सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज ऐंड डेवलपमेंट’ की संस्थापक प्रमुख डॉ. पैम राजपूत के अनुसार, “पंजाब और हरियाणा की ग्रामीण लड़कियों का खेलों के बाद ग्लैमर की दुनिया में ट्रेंड स्थापित करना बड़ी बात है। इसका एक असर यह होगा कि लड़कियों पर सामाजिक बंधनों की जकड़न कम होगी, विश्व स्तर की सौंदर्य प्रतियोगिताओं में यहां की लड़कियां और आगे बढ़ेंगी।”
हरियाणा-पंजाब की धाकड़ छोरियां
मानुषी छिल्लर
2017 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता। हरियाणा के झज्जर जिले की मानुषी ने एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए दुनिया में अपने सौंदर्य और बुद्धिमता का परचम लहराकर हरियाणा के प्रति लोगों की धारणा भी बदल दी।
मीनाक्षी चौधरी
पंचकूला की बीडीएस डॉक्टर मीनाक्षी चौधरी ने 2018 में फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता। उस साल मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में पहली रनर अप रहीं।
मनिका श्योकंद
2020 में फेमिना मिस ग्रैंड इंडिया का खिताब जीता। मिस ग्रैंड इंटरनेशनल 2021 की प्रतिभागी बनीं। हरियाणा के गांव उचानकलां की केमिकल इंजीनियर मनिका का सपना मिस वर्ल्ड का ताज जीतना है।