महेश भट्ट की 1999 की निर्देशित फिल्म ये है मुंबई मेरी जान के एक गाने की एक लाइन ‘कहीं सट्टा कहीं पत्ता, कहीं चोरी कहीं रेस; कहीं डाका कहीं फाका, कहीं ठोकर कहीं रेस’ आज भी बॉलीवुड पर फिट बैठती है। मनीलॉंन्ड्रिंग और ड्रग डीलिंग हो या ठगी, ये सभी दाग बॉलीवुड के दामन पर लगे हुए हैं। सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी ऐसे मामले सामने आए हैं, उनका तार हमेशा किसी न किसी तरह अंडरवर्ल्ड से जुड़ा रहा है। हालिया मामला जैकलीन फर्नांडीस और नोरा फतेही से जुड़ा है, जिसने फिर बॉलीवुड को झकझोर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपी ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े एक मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में दोनों अभिनेत्रियों को समन भेजकर पूछताछ की है। सुकेश पर आरोप है कि उसने गृह मंत्री अमित शाह का सेक्रेटरी बनकर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी की। सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट के अनुसार, सुकेश ने इसी फ्रॉड के पैसे से बॉलीवुड एक्ट्रेस नोरा फतेही और जैकलीन फर्नांडीस को महंगे तोहफे दिए। ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है कि सुकेश ने जैकलीन को गुच्ची के तीन डिजाइनर बैग, जिम में पहनने के लिए दो गुच्ची की पोशाकें, लुई विटों की एक जोड़ी जूती और दिसंबर 2020 में नोरा फतेही को बीएमडब्ल्यू कार गिफ्ट की थी। बाद में अन्य महंगे तोहफों के अलावा 75 लाख रुपये भी दिए थे। इसी मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय दोनों अभिनेत्रियों से पूछताछ कर रही है।
ममता कुलकर्णी भी फंस चुकी हैं ड्रग रैकेट में
अंडरवर्ल्ड, ड्रग तस्करी और फिरौती के साथ बॉलीवुड और मनीलॉन्ड्रिंग का चोली-दामन का रिश्ता रहा है। इंडस्ट्री में जब भी ऐसे मामले आते हैं उसका तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ा पाया गया है। बॉलीवुड को करीब से जानने वाले और कंप्लीट सिनेमा पत्रिका के संपादक अतुल मोहन बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के बीच गहरे रिश्तों पर कहते हैं, “अंडरवर्ल्ड का बॉलीवुड से रिश्ता कोई नया नहीं है, इससे पहले भी मंदाकिनी, मोनिका बेदी, ममता कुलकर्णी जैसी फिल्मी तारिकाओं के नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़ चुके हैं।”
1990 की चर्चित अदाकारा और करण-अर्जुन और नसीब जैसी फिल्मों में अपना जलवा दिखा चुकी ममता कुलकर्णी का नैरोबी में रहकर ड्रग कार्टेल चलाने वाले विक्रम गोस्वामी से करीबी रिश्ता रहा है। विक्रम गोस्वामी के रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1993 में दाऊद इब्राहिम के दुबई भाग जाने के बाद, भारत में डी कंपनी का पूरा ड्रग कार्टेल विक्रम ही संभालता था। हालांकि 2017 में विक्रम को यूएस ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी ने केन्या में गिरफ्तार कर लिया और ममता कुलकर्णी के खिलाफ आज भी 2,000 करोड़ रुपये की इफेड्रिन नामक ड्रग की तस्करी का मामला कोर्ट में चल रहा है।
यहीं नहीं, 1985 में आई राज कपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली के जरिए बॉलीवुड में कदम रखने वाली मंदाकिनी के कुख्यात सरगना दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध होने के आरोप लगे थे। उस वक्त जांच एजेंसियों ने मंदाकिनी से दाऊद इब्राहिम के साथ उनके संबंध और मुंबई ब्लास्ट के मामले में पूछताछ भी की थी।
अभिनेत्री मोनिका बेदी का मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी अबु सलेम के साथ रिश्ता भी काफी विवादों में रहा था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अबु सलेम की पत्नी बनकर फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाया था। इन आरोपों में उन्हें कई साल जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था। हालांकि हाइकोर्ट में 12 वर्षों तक केस चलने के बाद उन्हें क्लीनचिट मिल गई।
मोनिका बेदी अबु सलेम के चक्कर में जेल में भी रहीं
माई नेम इज अबु सलेम जैसी किताब लिख चुके पत्रकार एस. हुसैन जैदी को अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड के रिश्ते का सबसे प्रामाणिक जानकार माना जाता है। जैदी एक साक्षत्कार में फिल्म अभिनेत्रियों के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन को समझाते हुए कहते हैं, “अगर कोई अभिनेत्री देखने में सुंदर है, तो उसे कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर किसी महिला का संबंध किसी गैंगस्टर से है तो उसके साथ ऐसा नहीं होता है।”
ममता कुलकर्णी और मोनिका बेदी के साथ ही अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड का कनेक्शन खत्म नहीं होता है। सरसरी तौर पर देखें तो स्मगलर हाजी मस्तान का अभिनेत्री सोना से रिश्ता और अनिता अयूब का दाऊद अब्राहिम से रिश्ता भी खासा चर्चा में रहा है। 1980 से लेकर 2021 तक बॉलीवुड में कई बदलाव देखे गए हैं, लेकिन आज भी एक बात स्थायी है कि फिल्म सितारों के मनीलॉंन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और अंतरराष्ट्रीय सरगनाओं से घनिष्ठ संबंध हैं।
अक्सर फिल्मी सितारे अंडरवर्ल्ड का शिकार क्यों बन जाते हैं, इस पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के फिल्म, मीडिया एेंड कल्चरल स्टडीज के असिस्टेंट प्रोफेसर अनुज्ञान नाग कहते हैं, “ऐसी कई अभिनेत्रियां हैं जिनका इस इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं है। ऐसे सितारों का बॉलीवुड में बने रहना मुश्किल होता है। अगर इनका किसी धनी या ताकतवर व्यक्ति के साथ संबंध हो जाए, तो इंडस्ट्री में राह बहुत आसान हो जाती है।”
सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े मनीलॉंन्ड्रिंग के मामले में जैकलीन फर्नांडीस और नोरा फतेही के नाम आने के बाद ये सवाल फिर से उठने लगे हैं कि क्या बॉलीवुड में अब भी ये गतिविधियां पर्दे के पीछे से चल रही हैं? इस पर अनुज्ञान कहते हैं, “ऐसे मामले बॉलीवुड में अब भी चल रहे हैं, लेकिन यह कहना गलत होगा कि ज्यादा हैं।”
2011 में विकीलीक्स की रिपोर्ट हो या 2012 में कोबरापोस्ट का स्टिंग ऑपरेशन, दोनों में पाया गया कि बॉलीवुड ‘काले’ धन को ‘सफेद’ में बदलने का एक सुरक्षित अड्डा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बॉलीवुड ही नहीं, क्षेत्रीय इंडस्ट्रियों में भी ऐसे मामले धड़ल्ले से चल रहे हैं। अनुज्ञान बताते हैं, “मनीलाॅन्ड्रिंग के कई मामले बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में देखने को मिले हैं। ताजा उदाहरण सारदा चिट फंड का ही ले सकते हैं, जिसमें कई अदाकाराओं के नाम सामने आए थे। इसी तरह दक्षिण में भी कई मामले देखे जा चुके हैं।”
2 जुलाई 2017 को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने संगीतकार केल्विन मैस्करनहास और दो अन्य को गिरफ्तार किया तो उनके कब्जे से भारी मात्रा में ड्रग्स मिली थी। जांच में उन लोगों ने इस बात का खुलासा किया कि वे फिल्मी हस्तियों को ड्रग सप्लाई करते रहे थे। उनके मोबाइल में दक्षिण भारत की कई फिल्मी हस्तियों के नंबर पाए गए।
अतीत में जिन अभिनेत्रियों के अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने की खबरें आईं, उनका चमकता करिअर लगभग बर्बाद होता ही दिखा है। तो मनीलॉंन्ड्रिंग मामले में जैकलीन और नोरा फतेही के नाम सामने आने के बाद इनके करिअर पर कितना प्रभाव पड़ेगा, इस पर अतुल मोहन कहते हैं, “लोग ज्यादा देर तक कुछ याद नहीं रखते हैं। तीन महीने बाद इन लोगों का अगर कोई अच्छा आइटम नंबर या हिट मूवी आ जाए तो लोग सब भूल जाएंगे।”
धारणा है कि ऐसे मामलों के सामने आने से पूरे बॉलीवुड की साख पर बट्टा लगता है। लेकिन अनुज्ञान इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि पूरी इंडस्ट्री की छवि किसी एक मामले से खराब नहीं होती। जैकलीन और नोरा प्रभावशाली हीरोइन नहीं हैं। अगर इस घटना के तार चर्चित और स्थापित अभिनेत्रियों दीपिका, ऐश्वर्या या आलिया जुड़े होते, तब बात कुछ और होती।