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9 जून 2025 · JUN 09 , 2025

आवरण कथा/पंजाब के मोर्चे सेः ड्रोन से डरी जिंदगी

इस बार भारत-पाक के बीच तनाव में रिहाइशी इलाकों में ड्रोन से हमले का नया चलन
नया खतराः अमृतसर के माखन विंडी गांव के खेत में ड्रोन का मलबा

पाकिस्तान से 9 मई की रात आए ड्रोन ने पंजाब की सीमा के एक घर को मातम में डुबो दिया। रात फिरोजपुर के गांव खाई सेमे में लखविंदर सिंह का परिवार आंगन में खाना खा रहा था, तभी पास खड़ी कार पर अचानक गोला गिरा और आग भड़क गई। किसी को भागने भागने का मौका नहीं मिला। परिवार के गंभीर घायल तीन लोगों में लखविंदर की पत्नी सुखविंदर की मौत हो गई। पाकिस्‍तान के ड्रोन, रॉकेट लॉन्चर और मोर्टार के कारण सरहदी इलाकों के करीब 100 गांवों को खाली कराना पड़ा। हफ्ते भर स्कूल, कॉलेज बंद रहे।

बीएसएफ और पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक 8 से 10 मई की रात पंजाब के सरहदी इलाकों में पाकिस्तान के 80 से अधिक ड्रोन और करीब 10 मिसाइलों को नष्ट किया गया। पंजाब की तकरीबन 500 किलोमीटर की सीमा से सटे सात जिलों फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, गुरदासपुर और पठानकोट में ड्रोन और मिसाइलों के ताबड़तोड़ हमलों के खौफ से पंजाब के लोग अभी तक नहीं निकल पाए हैं। 

सीजफायर की रात को मिलेट्री कैंप पर धमाकों से दहले होशियारपुर के कारोबारी तथा पंजाब इकोनॉमिक पॉलिसी और प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन डॉ. अमृत सागर मित्तल ने आउटलुक से कहा, “जालंधर और होशियारपुर सीमावर्ती जिले अमृतसर से करीब 100 किलोमीटर दूर हैं, लेकिन आदमपुर एयरबेस की वजह से ये जिले भी पाकिस्तान के निशाने पर थे।”

 9 मई की रात हवा में आग के गोलों की तरह उड़ते ड्रोन से पसरे खौफ से अटारी इलाके के ज्यादातर ग्रामीण घर और मवेशी छोड़कर अमृतसर आ गए थे। अमृतसर से 22 किलोमीटर दूर लगती वाघा-अटारी बॉर्डर से सटे गांवों में लगभग रोज पाकिस्तान की ओर से ड्रग्स और हथियार लाने वाले ड्रोन आम बात थी लेकिन ऑपरेशन सिंदूर की जवाबी कार्रवाई में ड्रोन के जरिए रिहायशी इलाकों में हमले पहली ही बार हुए।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो प्रमुख ओपी सिंह का कहना है कि ड्रोन का खौफ हमेशा बना रहेगा। उन्‍होंने आउटलुक से कहा, “पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन हमले कोरी कल्पना नहीं है। अब यहां कभी भी ड्रोन हमला हो सकता है।”

सीमा सुरक्षा और पंजाब पुलिस के सूत्रों की मानें तो 2013 से 2023 के बीच पाकिस्तान ड्रोन का ज्यादातर इस्तेमाल ड्रग्स भेजने तक सीमित रखता था। लेकिन बीते छह महीने से ड्रोन से नशे के साथ टिफिन बम, हैंड ग्रेनेड और हथियार भी भारी मात्र में गिराए जा रहे हैं। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के पहले बीते एक हफ्ते में ही पंजाब के अमृतसर, फिरोजपुर और फाजिल्का में पकड़े या मार गिराए गए दर्जनभर ड्रोन, हेरोइन, पिस्तौल, ग्रेनेड, टाइम बम और टिफिन बम से लैस थे।

इधर सीमा पार से लंबे अरसे से ड्रग्स और हथियार ढोने वाले ड्रोन के विस्फोटक हमलों से बचाने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आने के तीन साल बाद जागी है। भगवंत सरकार ने सरहदी इलाकों में सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए 52 करोड़ रुपये की लागत से नौ एंटी-ड्रोन उपकरण खरीदने का निर्णय लिया है। वहीं सीमावर्ती गांवों में ‘ड्रोन इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम (डीईआरएस)’ लागू करने के साथ ग्राम रक्षा समितियों को सक्रिय किया गया है। सरहदी इलाकों में तैनाती के लिए 5000 होम गार्डस की भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई है।

पाक ने बरसाए तुर्कीए में बने सोंगर ड्रोन

पाकिस्तान ने इस बार तुर्कीए में बने असिसगार्ड सोंगर ड्रोन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया है। 24,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 20 लाख रुपये की कीमत वाले ये ड्रोन जमीन पर मौजूद सैनिकों की ताकत और जानकारी देने के लिए बनाया गया था। तुर्की 2020 से इसका इस्तेमाल कर रहा है।

वजन में हल्के सोंगर ड्रोन का दुर्गम इलाकों में संचालन आसानी से किया जा सकता है। यह आमतौर पर 5.56 मिलीमीटर से लेकर 7.62 मिलीमीटर क्षमता की मशीन गन और 40 मिलीमीटर ग्रेनेड लांचर, 81 मिलीमीटर टोगन मोर्टार, 2 किलोमीटर मारक क्षमता की लेजरगाइडेड मिनी मिसाइल से लैस हो सकता है। यह इसे दुश्मन के ठिकानों पर सटीक फायर करने की क्षमता देता है। हथियार को फायर करते समय ड्रोन को स्थिर बनाए रखने के लिए इसमें उन्नत किस्म की प्रणाली का उपयोग किया गया है। यह हाई रिजाल्यूशन कैमरों और इमेजिंग सिस्टम से लैस होता है।

 

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