भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की लड़ाई के बाद दोनों देशों के सैन्य शस्त्रागार की ताकत पर बहस टीवी चैनलों पर शांत होने लगी है, लेकिन शेयर बाजार का रुख जीत के संकेत दे रहा है।
निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने पिछले पांच सत्रों में 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। उसके मुकाबले हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस इंडेक्स जूझता दिखता है। शक नहीं कि, हाल की लड़ाई में पाकिस्तान ने चीन के सैन्य उपकरणों का काफी इस्तेमाल किया था। दोनों बाजारों में रक्षा शेयरों की ऊंच-नीच से निवेशकों के अलग-अलग रुख का संकेत मिलता है।
घरेलू स्तर पर, रक्षा शेयर तेजी से बढ़ रहे हैं। कोचीन शिपयार्ड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स सहित प्रमुख रक्षा फर्मों के शेयरों में दोहरे अंकों की तेजी देखी गई। मझगांव डॉक ने लगभग 9 प्रतिशत की बढ़त के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर को पार कर लिया।
भारत डायनेमिक्स और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के शेयरों का भी कमोबेश यही रुख दिखा। 16 मई को उनके शेयरों में क्रमशः 2.08 प्रतिशत और 5.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। मंदी के बावजूद, दलाल स्ट्रीट में रक्षा शेयरों में उछाल आया। हालांकि कुछ निवेशकों ने मूल्यांकन को लेकर सतर्कता भी जाहिर की है।
पिछले साल भी रक्षा शेयरों में ऐसी ही तेजी देखी गई थी, लेकिन मूल्यांकन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने से आखिर तेजी थम गई थी। विश्लेषकों के मुताबिक, पहले कुछ बड़े सार्वजनिक उपक्रमों में ही निवेशकों की रुचि दिखी, अब यह रुझान बदल रहा है।
अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज में जोखिम और हेड रिसर्च वीपी मयंक मूंदड़ा ने कहा, ‘‘अब खास टेक्नोलॉजी की वजह से मध्यम और छोटी-कैप कंपनियों में भी निवेशकों की रुचि देखी जा रही है।’’