आंदोलनरत किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ विपक्षी दल कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव भले ही गिरा, पर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मानते हैं कि उनका मकसद पूरा हुआ। आउटलुक के हरीश मानव से विस्तृत बातचीत में हुड्डा ने कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ खड़ी कांग्रेस को जनता का व्यापक समर्थन है जबकि गठबंधन सरकार राज्य के तमाम वर्गों में अपना आधार खो चुकी है। बातचीत के प्रमुख अंश:
विधानसभा में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा। आप जो चाहते थे नहीं हो पाया?
हमारा मकसद पूरा हुआ, किसानों का पक्ष हमने मजबूती से रखा। सीक्रेट वोटिंग की मांग विधानसभा स्पीकर ने इसलिए ठुकरा दी थी क्योंकि सरकार को अपने ही विधायकों का अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोटिंग का डर था। विधानसभा में विधायक संख्या के दम पर सरकार बचाने में सफल भाजपा-जजपा गठबंधन हर मोर्चे पर विफल है। इस सरकार के नेताओं को सार्वजनिक स्थलों पर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। डेढ़ साल के कार्यकाल में जनहित का एक भी कार्य नहीं किया। सरकार केवल इंवेट कंपनी बनकर रह गई है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला यह कहकर आपको घेर रहे हैं कि आज हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कल कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे?
कांग्रेस में कोई अविश्वास नहीं हैं। कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। सदन में अविश्वास प्रस्ताव नहीं, जनता में इस सरकार की साख गिरी है।
जम्मू में गुलाम नबी आजाद के सम्मान में हुए जी-23 सम्मेलन में शामिल होकर आपने कांग्रेस आलाकमान के प्रति अंसतोष का संदेश फिर दोहराया, जो पहले भी आपने कांग्रेस नेतृत्व परिवर्तन के लिए लिखे पत्र में हस्ताक्षर करके दिया था।
कांग्रेस लोकतांत्रिक संगठन है। तमाम वरिष्ठ नेताओं की यही राय है कि कांग्रेस में और ऊर्जा लाने के उदेश्य से स्थायी नेतृत्व का मार्गदर्शन मिले, पार्टी संगठन के लिए चुनाव हों। हरियाणा में भी पिछले पांच साल से पार्टी संगठन के चुनाव नहीं हुए। सगंठन के गठन से पार्टी को और मजबूती मिलती है।
जिस तरह से कांग्रेस के भीतर पार्टी आलाकमान के प्रति अविश्वास के सुर तेज हुए हैं, उसे दखते हुए क्या यह माना जा सकता है कि हरियाणा में आप अपनी पार्टी बनाने की तैयारी में हैं?
चार पीढ़ियों से मेरा परिवार कांग्रेसी है। मेरे खून में कांग्रेस हैं। मेरे दादा मातू राम जी, मेरे पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा संविधान सभा के सदस्य रहे, महापंजाब में मंत्री रहे। कांग्रेस मेरे परिवार की संस्कृति है। नाखून-मांस जैसा रिश्ता है, अलग होने का सवाल ही नहीं।
कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन पूरी तरह से कांग्रेस प्रायोजित है। कांग्रेस के बहकावे में ही किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं?
कुछ कॉरपोरेट के हितों की खातिर केंद्र सरकार किसानों पर जबरन तीन कृषि कानून थोपने पर तुली हुई है। जिन किसानों के लिए कानून बनाए गए हैं, उनकी राय तक नहीं ली गई। लोकतंत्र के बल पर सत्ता में आई मोदी सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर हठतंत्र अपना लिया है। जहां भाजपा की सरकार किसानों को देशद्रोही और खालिस्तानी कह रही है, कांग्रेस संकट की इस घड़ी में मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है।
भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दूसरे बजट को आप कैसे देखते हैं?
जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से निराशाजनक बजट है। मुख्यमंत्री का बतौर वित्त मंत्री पौने तीन घंटे का भारी-भरकम बजट भाषण ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ जैसा है। हरियाणा के गठन के समय 1966-67 से 2014-15 तक 48 साल में प्रदेश पर 70,931 करोड़ रुपये कर्ज का बोझ सात साल में 321 प्रतिशत बढ़कर 2.28 लाख करोड़ रुपये हो गया है। किसी भी चुनावी घोषणा को इस बजट में शामिल नहीं किया गया है। बुजुर्गों को 5,100 रुपये मासिक पेंशन का वादा करने वाली सरकार 2,500 रुपये पेंशन देकर अपने वादे से पीछे हटी है।