कांग्रेस का सबसे बड़ा दांव जिन राज्यों में लगा है, उनमें 29 लोकसभा और 224 विधानसभा सीटों वाला मध्य प्रदेश भी है। कांग्रेस की चुनौती, उसकी तैयारी, आंतरिक उथल-पुथल जैसे सभी सवालों पर पार्टी के दिग्गज, पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से आउटलुक के लिए शमशेर सिंह ने बातचीत की। संपादित अंश:
प्रदेश में निकाय चुनावों के परिणाम को कांग्रेस किस तरह देखती है?
पार्टी के बजाय महत्वपूर्ण यह है कि परिणाम को जनता कैसे देखती है। पांच नगर निगमों में हमने जबरदस्त जीत हासिल की। ग्वालियर तो हमने 57 साल बाद जीता है। उज्जैन और रतलाम में जनता ने हमें जिताया मगर भाजपा ने पैसे और प्रशासन का दुरुपयोग करके हमें हराया। इस तरह जनता की निगाह से देखें तो कांग्रेस और भाजपा 7-7 सीटें जीत कर बराबरी पर है। पिछले चुनावों में सभी सीटें भाजपा के पास थीं। जनता ने कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट संदेश दिया है।
क्या इन परिणामों का फायदा विधानसभा चुनावों में मिल सकेगा?
निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा। ग्वालियर और मुरैना की जीत से साफ है कि यह क्षेत्र महल (सिंधिया राज परिवार) के खंडहरों से नहीं, बल्कि जनता की इच्छा से चलेगा। जबलपुर की जीत से महाकौशल के मन की बात जाहिर हो गई है। विंध्य में पिछली बार प्रदर्शन कमजोर था लेकिन रीवा महापौर की जीत ने बता दिया कि वहां भी जनता कांग्रेस के साथ खड़ी है। आने वाले चुनावों में (मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह चौहान की कलाकारी की राजनीति खत्म होगी और जनता सच का साथ देगी।
कांग्रेस का संगठन भाजपा की तुलना में काफी कमजोर बताया जाता है, इसको मजबूत करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
कांग्रेस के पास बड़ा संगठन है, मैं उसे तेज और फुर्तीला बनाने का काम कर रहा हूं। सभी जिलों के प्रभारी और सहप्रभारी नियुक्त हो गए हैं। हर विधानसभा के लिए मंडलम और सेक्टर का गठन करने के बाद पन्ना प्रभारी बनाए जा रहे हैं। किशोरों को जोड़ने के लिए बाल कांग्रेस की स्थापना की गई है। सभी की समीक्षा हो रही है। जो काम नहीं करेगा, उसे हटा दिया जाएगा।
भाजपा प्रधानमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली है। क्या फायदा मिलेगा?
भाजपा किसी के चेहरे पर चुनाव लड़े, उससे हमें फर्क नहीं पड़ता। सवाल यह है कि क्या नौजवानों को रोजगार मिल रहा है? क्या महंगाई कम हो रही है? क्या दलित, आदिवासी, महिलाएं सुरक्षित हैं? क्या किसानों को खाद, बीज और फसल का सही दाम मिल रहा है? भाजपा के 18 साल के राज में इनमें से कुछ नहीं हो रहा, वह सिर्फ भ्रष्टाचार करने में जुटी है।
भारत जोड़ो यात्रा को कैसे देखते है? यह कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर पाएगी?
आज से 80 साल पहले 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था। उसने दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। अब राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई है। यह सत्ताधारी दल की नीतियों के खिलाफ है, जो जनता को तोड़ना चाहती है, गरीब का निवाला छीनना चाहती है, युवाओं का रोजगार और संविधान में मिली आजादी छीनना चाहती है, महंगाई से जनता को लूटना चाहती है। राहुल जी के नेतृत्व में अगले छह महीने के दौरान करोड़ों कांग्रेसी देश को जोड़ने का काम करेंगे। इस के बाद कांग्रेस पार्टी देश भर में शक्तिशाली बनकर उभरेगी।
मध्य प्रदेश में इसके लिए क्या तैयारियां की जा रही हैं?
राहुल जी जैसे ही मध्य प्रदेश आएंगे, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से निकलने वाली छोटी-छोटी यात्राएं अलग-अलग पड़ावों पर उनके साथ जुड़ती जाएंगी। मध्य प्रदेश में राहुल जी की यात्रा सबसे ज्यादा असर डालेगी।
क्या वजह है कि विधानसभा चुनाव में तो जनता कांग्रेस का साथ देती है मगर लोकसभा में नहीं?
वर्ष 2018 और 2019 के लिए यह बात सही है लेकिन 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों के बाद हुए लोकसभा चुनाव में ऐसा नहीं हुआ था। हर चुनाव अलग होता है, इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव दोनों में ही कांग्रेस जीतने जा रही है।
क्या कांग्रेस किसी अन्य पार्टी के नेता को प्रधानमंत्री स्वीकार करेगी?
कांग्रेस ने दूसरे दलों के समर्थन से भी सरकार चलाई है और बाहर से समर्थन देकर दूसरे दलों की सरकार भी बनाई है। समय आने पर सही फैसला लिया जायेगा।
पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार के बाहर के किसी नाम पर कोई सहमति बनी है क्या?
ऐसी कोई रायशुमारी नहीं हुई है। मेरी और बहुत से दूसरे नेताओं की इच्छा है कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष पद संभाले।