जून में भाजपा ने इस साल तीसरी बार मुख्यमंत्री बदला और अनुभवी नेताओं के मुकाबले युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी को सत्ता का ताज पहना दिया। धामी से आउटलुक के लिए अतुल बरतरिया ने बातचीत की। संपादित अंशः
आपके मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के बाद कई वरिष्ठ मंत्रियों का नाराजगी सामने आई। अब कैसे काम हो रहा है?
शुरुआत में क्या था, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन मुझे सभी वरिष्ठ सहयोगी मंत्रियों का पूरा साथ मिल रहा है। कोई दिक्कत नहीं है।
कहा जाता है कि अफसर अपने विभागीय मंत्रियों की बात सुनते ही नहीं हैं।
मेरे आग्रह पर पीएम मोदी ने एक अनुभवी और काबिल मुख्य सचिव के रूप में एसएस संधू को उत्तराखंड भेजा है। मेरी कोशिश रही है कि अच्छे अफसरों को जिलों और अहम पदों पर तैनाती दी जाए। सभी जिलों को ताकीद कर दी गई है कि जिला स्तर पर हल होने वाली समस्या प्रदेश स्तर या मुझ तक पहुंची तो संबंधित अफसर की खैर नहीं। सभी अफसरों को ‘टाइम बाउंड रिजल्ट आरियेंटिड’ की जिम्मेदारी दी गई है।
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने विकास प्राधिकरण और देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने का ऐलान किया था। आपकी राय?
देवस्थानम बोर्ड पर साफ किया गया है कि सबके हित सुरक्षित रहेंगे। सभी पक्षों से वार्ता के लिए पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जा रही है। विकास प्राधिकरणों के बारे में भी सभी संबंधित पक्षों से बातचीत के आधार पर फैसला होगा।
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर क्या राय है?
गैरसैंण उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण है। इससे जन भावनाएं जुड़ी हैं। देखा जाएगा कि ग्रीष्मकालीन के तौर पर विकसित किया जाए या कुछ और हो।
राज्य में नए भू-कानून की बात बहुत तेज हो रही है। सरकार क्या कर रही है?
उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जा रही है, जो देखेगी कि क्या नए कानून से पलायन को रोका जा सकेगा। कमेटी यह भी देखेगी कि क्या नए कानून से उद्योगों को पहाड़ पर जमीन लेने में दिक्कत होगी। यह भी कि पहाड़ में जमीन की खरीद-फरोख्त पर किस हद तक नियंत्रण की जरूरत है।
2018 के इन्वेस्टर समिट में सरकार ने 1.20 लाख करोड़ के एमओयू का दावा किया था। पर 20 हजार करोड़ का निवेश भी नहीं आया।
कोरोना के चलते तमाम काम बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सरकार नए सिरे से उद्योग जगत से बात कर रही है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इसके सकारात्मक नतीजे सामने आ जाएंगे।
केंद्र का कितना सहयोग मिल रहा है?
मोदी सरकार उत्तराखंड के हित में काम कर रही है। ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर तेजी से काम हो रहा है। देहरादून से दिल्ली के लिए एक नया रोड बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है।
आम आदमी पार्टी बहुत तेजी से उत्तराखंड में पैठ जमा रही है। हर किसी को 300 यूनिट बिजली फ्री देने के गारंटी कार्ड भी बांट रही है। आप इस पार्टी की इस मुहिम को कैसे देखते हैं?
पहली बात तो यह है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए चुनाव लड़ती है और भाजपा विकास के लिए चुनाव लड़ती है। मोदी जी ने 'सबका साथ-सबका विकास' का मंत्र दिया है और प्रदेश की भाजपा सरकार इसी पर काम कर रही है।
2022 के चुनाव में भाजपा का सीएम चेहरा कौन होगा?
देखिए, भाजपा अपने कामों और मोदी जी के चेहरे पर चुनाव लड़ती है। प्रदेश में क्या होगा, यह चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी आलाकमान ही तय करता है।