भारत के सर्वश्रेष्ठ बी-स्कूलों की रैंकिंग के लिए ‘दृष्टि स्ट्रेटिजिक रिसर्च सर्विसेज’ ने सभी साझेदारों, बी-स्कूलों, नियोक्ताओं, फैकल्टी और छात्रों को शामिल करते हुए विस्तृत और कड़ी पद्धति अपनाई है। इसके तहत प्रारंभिक काम के तौर पर पिछले साल शामिल बी-स्कूलों और देश भर में नए संस्थानों की व्यापक सूची बनानी थी। नए संस्थानों में भाग लेने के लिए वही योग्य थे, जो दो वर्षीय पूर्णकालिक प्रबंधन कोर्स चलाते हैं और जिन्हें एआइसीटीई, एनएएसी और एआईयू जैसे सरकारी नियामक से मान्यता मिली हुई है। इसके अलावा रैंकिंग में भाग लेने के लिए आवश्यक मापदंडों के तौर पर इन संस्थानों से तीन बैच का पास होना और इनका पांच साल पुराना होना भी जरूरी था।
उद्योग जगत के विशेषज्ञों की राय और मिले अंकों के आधार पर बी-स्कूलों की रैंकिंग के लिए मापदंड और उप-मापदंड तय किए गए। अधिकांश मापदंड और उप-मापदंडों को अनुरूपता और तुलना की सुनिश्चितता बनाए रखने के लिए पिछले साल की तरह ही रखा गया। उसमें बदलाव नहीं किए गए। हालांकि, अंकों को पिछले दो साल के दौरान चलाए गए इंक्यूबेशन सेंटर/एंटरप्रेन्योरशिप सेल, फंडेड स्टार्ट-अप, प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) और औसत वेतन के आधार पर संशोधित किया गया। साथ ही, अनुसंधान सुविधा, उद्यमिता और इंडस्ट्री एक्सपोजर में मामूली वृद्धि हुई है, जो नियोक्ता के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
देश भर में विभिन्न बी-स्कूलों से भागीदारी के लिए संपर्क किया गया था, जिनमें से 145 से ज्यादा बी-स्कूलों ने जवाब दिया और निर्धारित समय के भीतर अपने आंकड़े उपलब्ध कराए। इनमें 21 संस्थान ऐसे भी थे, जिन्होंने पिछले साल हिस्सा नहीं लिया था।
सर्वे को 16 प्रमुख शहरों (दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नै, कोलकाता, बेंगलूरू, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, भुवनेश्वर, उदयपुर, भोपाल, शिलांग, कोयंबतूर और इंदौर) में किया गया, जिसे छात्रों, फैकल्टी और नियोक्ताओं के बीच किए गए अवधारणात्मक सर्वे का सहयोग मिला। प्रश्नावली आधारित सर्वे इंफोमोंस्टा (infomonsta.com) पर किया गया, जो डाटा इकट्ठा करने, प्रबंधन और विश्लेषण का एक समेकित, तेज गति वाला और लचीला सर्वे प्लेटफॉर्म है। इंफोमोंस्टा वेब लिंक हमें विभिन्न बी-स्कूलों के 950 स्थायी फैकल्टी सदस्यों और 4250 एमबीए/पीजीडीएम छात्रों से संस्थान के प्रति उनका दृष्टिकोण और प्रत्यक्ष आंकड़े इकट्ठा करने देता है, जिससे व्यापक आंकड़े इकट्ठा होते हैं। इसके अलावा, 500 नियोक्ताओं/उद्योग पेशेवरों से बी-स्कूलों की अवधारणात्मक रेटिंग हासिल की गई।
प्रामाणिकता तय करने के लिए संस्थानों के लिए ऑडिट प्रक्रिया भी अपनाई गई। इसके तहत बी-स्कूलों से मिले डाटा का मौके पर जाकर सत्यापन भी किया गया। इसके लिए प्रशिक्षित लोगों ने संस्थान का दौरा किया। कुछ बी-स्कूलों ने ऐसे डाटा दिए, जो संदिग्ध थे और उन पर सवाल उठ रहे थे। उन्हें अनुभवी रिसर्च टीम की मदद से पता लगाकर सर्वे की प्रक्रिया से हटा दिया गया। आखिरी अंक जानने के लिए संस्थानों को पांच मापदंडों के आधार पर मिले अंकों को जोड़ा गया। ये अंक संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के अनुसार मिले थे। नियोक्ताओं/उद्योग जगत के पेशेवरों, फैकल्टी सदस्यों और छात्रों के आकलन को 40, 30 और 30 फीसदी महत्व देते हुए अवधारणात्मक रैंकिंग की गई। डाटा का परीक्षण दृष्टि के शोधकर्ताओं ने सांख्यिकी तकनीक की मदद से किया। आखिरी समग्र स्कोर तक पहुंचने के लिए अवधारणात्मक और वस्तुनिष्ठ अंकों को 50-50 प्रतिशत का समान महत्व दिया गया। यही अंक अंतिम स्कोर और रैंकिंग तय करने के लिए इस्तेमाल किए गए।
‘दृष्टि स्ट्रेटेजिक रिसर्च सर्विसेज’ के लिए अनुसंधान के साथ विश्लेषण का काम ए.के. बालाजी प्रसाद, जिग्नेश बाफना और सुदर्शन राघवन ने किया।