पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने को लेकर कई सवाल उठाए हैं। नसीर गनई ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से कई मुद्दों पर लंबी बातचीत की। मुख्य अंशः
क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के बीच महागठबंधन का फैसला अचानक एक दिन में हुआ?
भाजपा जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा के दलों को खत्म करने के मिशन में लगी थी। लेकिन उसे यह एहसास नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी मुख्यधारा की पार्टी का आना बहुत चुनौतीपूर्ण है। इन वजहों से हम एक साथ आए। राज्य के हितों के लिए मतभेद भुलाकर हम एक साथ हो गए।
यह महागठबंधन पाकिस्तान की साजिश है? इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
(मुस्कुराते हुए) दरअसल, मैं इन आरोपों को लगाने वालों के खिलाफ कोर्ट में जाने के बारे में सोच रही हूं। जब पीडीपी उसके (भाजपा) साथ थी, तो सब सही था। जब उमर साहब (उमर अब्दुल्ला) उसके साथ थे, तो वे सबसे बड़े राष्ट्रवादी थे। अब हम दोनों सरकार बनाना चाहते हैं, तो हमें पाकिस्तानी एजेंट के रूप में बदनाम किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के साथ आने के दूरगामी प्रभाव क्या होंगे?
नेशनल कॉन्फ्रेंस से हमारे कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जहां तक विशेष दर्जा की बात है, तो हम इसे बनाए रखने के लिए साथ लड़ेंगे। इसमें कोई शक नहीं है। मैंने अनुच्छेद 35 (ए) को बचाने के लिए फारूक साहब (फारूक अब्दुल्ला) और बाकी लोगों से मुलाकात की है।
आपने कहा कि आपकी पार्टी को तोड़ने के लिए आपके विधायकों को धमकियां मिलीं। क्या आप इस पर अब भी कायम हैं?
मैंने हमेशा इस बारे में बोला है। पहले धन, उसके बाद बल और अब एनआइए का इस्तेमाल किया गया।