Advertisement

तस्वीर अभी धुंधली

कर्जमाफी के मापदंड तय करने में जुटी सरकार
चुनौतीः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट (बाएं)

उपज का प्रकार और जमीन का आकार कैसा भी हो, राजस्थान में किसानों का कर्ज एक बड़ा मुद्दा है। राज्य में सत्तासीन होते ही कांग्रेस ने किसानों का ऋण माफ करने का ऐलान कर दिया। लेकिन, इस घोषणा का लाभ अभी जमीन पर नहीं उतरा है। कर्जमाफी के बहाने कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिहाज से मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही तो भाजपा राज्य सरकार की कर्जमाफी को धोखा बता रही। वामपंथी दलों ने मुकम्मल कर्जमाफी से कम कुछ भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

कांग्रेस सरकार ने दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के हाड़ौती अंचल के किसानों को बड़ी राहत दी है। राज्य के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान खुदकशी करने वाले हाड़ौती के 70 किसानों का सरकार पूरा कर्ज माफ करने जा रही है। हालांकि भाजपा अपने शासनकाल में किसानों की आत्महत्या से इनकार करती रही है। इस बीच राजसमंद जिले के पीपली आचार्यन गांव के लेहरू कीर ने ठंड से फसल तबाह होने पर आत्महत्या कर ली। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने बताया, “भाजपा राज में किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की जबकि कांग्रेस के सत्ता में आते ही तीन किसानों ने जान दे दी।”

विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो दस दिन में किसानों के ऋण माफ कर देगी। सरकार बनते ही कांग्रेस ने कर्जमाफी की योजना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रियों की कमेटी गठित कर दी। शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल की सरपरस्ती में कमेटी अब तक दो बार कर्जमाफी के मापदंड तय करने को लेकर बैठक कर चुकी है। सरकार का आकलन है कि इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। भाजपा का मानना है कि संपूर्ण ऋण माफ करने के लिए 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी। कांग्रेस कर्जमाफी को भुनाने के लिए बड़े आयोजन की तैयारी कर रही है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के शामिल होने की भी उम्मीद है।

सियासत से दूर फिलहाल किसान कर्जमाफी की इस योजना से उत्साहित और सशंकित दोनों हैं। हाड़ौती में मध्य प्रदेश की सीमा से सटे बारां जिले के बमुलिया जागीर गांव के परमानंद कहते हैं, “कर्ज माफ होने से जरूर राहत मिलेगी।” पाकिस्तान की सरहद से लगते बाड़मेर जिले के बीसासर गांव के सरपंच नवाज अली ने आउटलुक को बताया, “भाजपा सरकार ने भी कर्जमाफी की घोषणा की थी, लेकिन उसमें कुछ किसानों को ही सर्टिफिकेट मिले।”

Advertisement
Advertisement
Advertisement