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विभूतियों को सम्मान

अखिलेश ने 73 हस्तियों को दिया प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार
डॉ. राममोहन पाठक को सम्मानित करते अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के सर्वोच्च सम्मान यश भारती की घोषणा कर दी। केवल घोषणा ही नहीं बल्कि तय समय पर प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित भी कर दिया और अब तक दिए गए पुरस्कारों में सबसे लंबी सूची भी इस बार देखने को मिली। कुल 73 विभूतियों को एक साथ यह सम्मान दिया गया। आउटलुक परिवार से जुड़े रहे डॉ. राममोहन पाठक और योगेश मिश्र को भी इस सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ. पाठक और योगेश मिश्र लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े हैं। इसके अलावा कला, साहित्य, फिल्म, खेल, लेखन आदि क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों को भी इस सम्मान से नवाजा गया। सम्मानित होने वाली हस्तियों में बेगम हमीदा हबीबुल्लाह, स्वरूपकुमारी बख्शी, बशीर बद्र, माहेश्वर तिवारी, संतोष आनन्द, राजकृष्ण मिश्र, केवल कुमार, नसीरुद्दीन शाह, काशीनाथ यादव, अतुल तिवारी, राम मिलन यादव, राजेन्द्र सिंह, सौरभ शुक्ला, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, प्रवीन कुमार, पीयूष चावला, सोनी चौरसिया, रामरतन बनर्जी, अनिल कुमार रस्तोगी, कमर रहमान, अशोक निगम, सबीहा अनवर, नवाब मीर जाफर अब्दुल्लाह, डॉ. सैय्यद मुहम्मद हस्सान, वेंकट चंगावल्ली, डॉ. रतीशचन्द्र अग्रवाल, उस्ताद गुलफाम अहमद रबाब, राममिलन यादव, सर्वेश अस्थाना, अनुभव सिन्हा, रमाकान्त यादव, सुमन यादव, सुमोना चक्रवर्ती, गार्गी यादव, वरुण सिंह भाटी, आफताब साबरी एवं हाशिम साबरी (साबरी बन्धु), मनोज मुंतशिर, लेफ्टिनेन्ट जनरल अनिल चौत आदि प्रमुख हैं। सम्मान के तहत प्रशस्ति-पत्र, शॉल तथा 11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया।

योगेश मिश्र को यश भारती सम्मान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश से आने वाली ये विभूतियां अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम पर पहुंची हैं। उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और अपने हुनर के जरिये देश-दुनिया में प्रदेश का नाम रौशन किया। उन्होंने सम्मान प्राप्त करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि इन प्रतिभाओं को सम्मानित करना और प्रदेश के युवाओं के समक्ष उन्हें एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना समाज एवं राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिससे प्रदेश के नवयुवकों को प्रेरणा मिल सके। साल 1994-95 में समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस सम्मान की शुरुआत की थी। उसके बाद जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार रही तब-तब यह पुरस्कार दिया गया। बीच में जब अन्य सरकारें रहीं तब इस सम्मान पर रोक लगा दी गई थी। अब तक विभिन्न क्षेत्रों की 187 विभूतियों को यह सम्मान दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन देश की प्रगति, साहित्य, कला, खेल-कूद आदि सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों, साहित्यकारों, संगीतकारों सहित सभी क्षेत्रों के लोगों को सम्मानित करने का काम किया है, जिससे प्रदेश के नौजवान इन प्रतिभाओं से प्रेरणा ग्रहण कर राष्ट्र एवं समाज के लिए बेहतर योगदान दे सकें। सम्मानित हस्तियां अपनी साधना लगातार जारी रख सकें, इस इरादे से राज्य सरकार ने इन्हें मासिक पेंशन देने की योजना भी लागू की है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के, यश भारती सम्मान एवं पद्म सम्मान से सम्मानित लोगों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। गीतकार संतोष आनंद ने सम्मान पाकर खुशी जताई और कहा कि आज के समय में कौन किसे पूछता है लेकिन आज मेरी आंखों में खुशी के आंसू हैं कि प्रदेश सरकार ने उन्हें सम्मान योग्य समझा है। फिल्मी कलाकार सौरभ शुक्ला कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म के क्षेत्र में भी बड़ा काम किया है और आगे भी करने की रणनीति बनी है। वहीं क्रिकेटर पीयूष चावला कहते हैं कि इस तरह के पुरस्कार से युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।
प्रदेश सरकार यश भारती सम्मान के अलावा भी कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिनमें समाजवादी पेंशन योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत 55 लाख गरीब महिलाओं को 500 रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार कला, साहित्य, खेल आदि क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चला रही है जिससे लोगों का जुड़ाव इन क्षेत्रों से हो सके।

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