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रेखा ने पूरी की ड्रीम गर्ल की इच्छा

बॉलीवुड की तरह सांसद निधि में भी साझेदारी, हेमा मालिनी के क्षेत्र के लिए सचिन ने भी दिखाई दरियादिली
संसद परिसर में रेखा

भारतीय संसद से बॉलीवुड का पुराना रिश्ता रहा है। पूर्व में अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, सुनील दत्त जैसे अभिनेताओं ने सांसद के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। कुछ विवादों में भी घिरे रहे। मगर वर्तमान संसद इस मायने में अलग है कि हिंदी फिल्म जगत से जुड़ी 10 हस्तियां यहां सदस्य के रूप में मौजूद हैं। इनमें से सबसे अधिक|भाजपा के सांसद हैं और सभी लोकसभा में हैं।बॉलीवुड की तीन हस्तियां राज्यसभा की सदस्य हैं। एक दिलचस्प संयोग यह है कि महज तीन वर्षों के अंतराल पर हिंदी फिल्म जगत में अपनी पारी शुरू करने वाली बॉलीवुड की तीन शानदार अभिनेत्रियां इस समय संसद की सदस्य हैं। हेमा मालिनी मथुरा से भाजपा की सांसद हैं जबकि जया बच्चन समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा में भेजी गई हैं। वहीं अपनी अदाओं के लिए मशहूर रेखा को कांग्रेस सरकार ने राज्यसभा में नामजद करवाया था। इनके अलावा स्मृति ईरानी भी संसद में हैं जो भले ही छोटे पर्दे की अभिनेत्री रही हों मगर राष्ट्रीय क्षितिज पर उन्होंने बड़े पर्दे की अभिनेत्रियों को मात कर रखा है।

वैसे इन तीनों फिल्मी हीरोइनों में एक और गजब का संयोग है। जया बच्चन के पति अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी कॅरिअर की अधिकांश फिल्में हेमा और रेखा के साथ ही की हैं। हेमा के साथ उन्होंने करीब 25 फिल्में की हैं जबकि रेखा के साथ करीब 18 फिल्में। खुद हेमा और रेखा ने बॉलीवुड की अपनी 45 साल से अधिक की पारी में|से अधिक फिल्में एक साथ की हैं। इनमें से कुछ फिल्मों में इन दोनों ने एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी की भूमिका भी निभाई मगर संसद में दोनों की जुगलबंदी चर्चा का विषय है। ये चर्चा अनायास नहीं है। दरअसल रेखा ने अपनी सांसद निधि का एक बड़ा हिस्सा हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र मथुरा में खर्च करने का फैसला किया है। उन्होंने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत कुल 47 लाख रुपये मथुरा के दो गल्र्स स्कूलों पर खर्च करने की मंजूरी स्थानीय जिला प्रशासन को दे दी है। राज्यसभा के सदस्यों को यह छूट होती है कि वे सांसद निधि के रूप में मिलने वाली सालाना पांच करोड़ रुपये की राशि से देश के किसी भी हिस्से में विकास कार्य करवा सकते हैं। दूसरी ओर लोकसभा सदस्यों को अपनी सांसद निधि अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही खर्च करनी होती है।

हेमा मालिनी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र में विकास के सहायता आवेदनों को आगे बढ़ाती हैं लेकिन उन्हें 5 करोड़ का अपना कोटा शायद पूरा नहीं लगा। इसलिए उन्होंने रेक्चाा से सहयोग मांगा। 16वीं लोकसभा चुनाव से पहले की गई संपîिा की घोषणा के अनुसार हेमा की अपनी संपîिा भी 178 करोड़ रुपये की है।

दरअसल उन्हें मथुरा के दो स्कूल-इंटर कॉलेज में सहायता के प्रस्तावों पर सहयोग के अनुरोध पार्टीजनों से मिले। तब उन्होंने रेखा तक अपनी इच्छा पहुंचाई। रेखा ने उदारता दिखाई और मथुरा में लड़कियों के दो इंटर कॉलेजों के लिए 47 लाख रुपये देने की सहमति दे दी। मथुरा के किशोरी रमण बालिका इंटर कॉलेज और नौहझील इलाके के कस्तूरबा गांधी बालिका इंटर कॉलेज को यह राशि मिलेगी। रेखा ने दोनों कॉलेजों के लिए 47 लाख रुपये जारी करने के लिए चि_ी लिखी है। मथुरा के जिलाधिकारी नितिन बंसल के अनुसार  यह रकम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत खर्च की जाएगी। इसका इस्तेमाल कॉलेजों की दीवार बनवाने, स्वच्छ पेयजल के लिए आरओ लगवाने समेत अन्य विकास कार्यों में किया जाएगा।

वैसे हेमा मालिनी के क्षेत्र के लिए इतनी दरियादिली दिखाने वाली रेखा का रिकार्ड सांसद निधि खर्च करने के मामले में फिसड्डी ही है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक रेखा 25 करोड़ रुपये तक सांसद निधि खर्च करने की पात्र हैं और केंद्र सरकार ने उनकी निधि के 5 करोड़ रुपये विमुक्‍त भी कर दिए हैं, मगर अब तक उन्होंने सिर्फ एक करोड़ 98 लाख रुपये खर्च किए हैं। शेष राशि जमा रखी है। यानी अब तक दी गई राशि का सिर्फ 39.62 फीसदी ही उन्होंने खर्च किया है। मजेदार बात यह है कि लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता तक का दर्जा न हासिल कर पाने वाली खस्ताहाल कांग्रेस के कई पूर्व सांसदों या नेताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सांसद निधि की जरूरत होती है। वे बेचारे रेखा तक पहुंच भी नहीं पाते। अब उप्र में चुनाव सिर पर हैं। मथुरा हो या राजबब्‍बर का आगरा, हेमा सहित भाजपा नेता कांग्रेसियों की राजनीतिक कंगाली एवं विकास के प्रति बेरुखी के आरोप सभाओं में सुना रहे हैं।

कमाल की बात है कि हेमा मालिनी भले ही साथी सांसदों से सहयोग की गुहार लगा रही हों मगर अपनी सांसद निधि खर्च करने में उनका रिकार्ड कोई बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। उनकी सांसद निधि के मद में सरकार ने 12 करोड़ 50 लाख रुपये जारी कर दिए हैं मगर उन्होंने उसमें से सिर्फ|करोड़ 12 लाख रुपये ही खर्च किए हैं। यानी 56.97 फीसदी। यूं हेमा मालिनी के लिए दरियादिली दिखाने वाली रेखा अकेली नहीं हैं। रेखा के साथ ही राज्यसभा में कांग्रेस सरकार द्वारा मनोनीत किए गए भारत रत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी हेमा के आग्रह पर पहले चरण में सरकारी कन्या विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए जगन्नाथपुरी एवं छावनी परिषद के स्कूलों के कायापलट के लिए 25-25 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की सहमति दी। वैसे सांसद निधि खर्च करने के मामले में सचिन का रिकार्ड रेखा से कई गुना बेहतर है। सचिन भी 25 करोड़ रुपये तक खर्च करने के पात्र हैं जिसमें से भारत सरकार 15 करोड़ रुपये दे चुकी है। इसमें से सचिन 12 करोड़ छह लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। यानी उन्होंने अब तक मिले पैसे में से 80 फीसदी से ज्यादा खर्च कर दिए हैं।

अगर अभी संसद में मौजूद बॉलीवुड कलाकारों की बात करें तो हेमा और रेखा के अलावा विनोद खन्ना, परेश रावल, किरण खेर, शत्रुघ्न सिन्हा, मनोज तिवारी, बाबुल सुप्रियो (सभी भाजपा सांसद), जया बच्चन (सपा) और राज बब्‍बर (कांग्रेस) सांसद हैं। इनमें से सांसद निधि खर्च के मामले में दिल्ली (उत्तर-पूर्वी सीट) के सांसद और दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी सबसे फिसड्डïी हैं, जबकि पटना के भाजपा सांसद और बॉलीवुड में शॉटगन के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा सबसे अव्वल हैं। ये सभी सांसद अब तक 15-15 करोड़ रुपये खर्च करने के पात्र थे मगर मनोज तिवारी ने सिर्फ 37 लाख रुपये खर्च किए हैं, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा ने छह करोड़ 12 लाख रुपये खर्च किए। चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर ने दो करोड़ 92 लाख रुपये खर्च किए हैं। बंगाल के आसनसोल से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अबतक छह करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाने वाले गुजरात के अहमदाबाद सीट से भाजपा सांसद परेश रावल ने 4 करोड़ 10 लाख की राशि खर्च की है। गुजरात के 25 सांसदों ने कुल मिलाकर सांसद निधि का 198 करोड़ रुपया खर्च किया है यानी परेश के मुकाबले तकरीबन हर सांसद ने करीब 4 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए हैं। यही हाल बॉलीवुड के दूसरे सदस्यों के राज्य का भी है। जाहिर है कि बॉलीवुड के ये चमकते सितारे सांसद निधि खर्च करने के मामले में दूसरे राजनीतिज्ञों के मुकाबले फिसड्डïी हैं।

 

जमीन विवाद में भी घिरी थीं हेमा

मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी को नृत्य अकादमी खोलने के लिए मुंबई के ओशिवारा इलाके में दो हजार वर्गमीटर जमीन महाराष्ट्र सरकार की संशोधित नीति के तहत देने का फैसला इस वर्ष जनवरी में राज्य सरकार ने किया था। करीब 70 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ पौने दो लाख रुपये में दिए जाने की बात थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भी अभी भाजपा की ही सरकार है। हेमा को जमीन दिए जाने का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ था। जब यह खबर सामने आई तब हेमा ने कहा कि सरकारी नीति के तहत और डांस अकादमी खोलने के लिए जमीन ली जा रही है। मगर मामला गर्म होने पर उन्होंने इसी वर्ष

अक्‍टूबर में जमीन लेने से इनकार कर दिया। वैसे हेमा 1997 से यह जमीन लेने के लिए प्रयासरत थीं। तब उन्होंने 10 लाख रुपये अग्रिम जमा कराए थे लेकिन उन्हें  मंजूरी नहीं मिल पाई थी। सूचना अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार बीजेपी सांसद को नृत्य अकादमी के लिए दो हजार वर्गमीटर की जमीन 87.50 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से पौने दो लाख रुपये में आवंटित की गई।

 

 

फिल्मों में हेमा-रेखा की जुगलबंदी

कहते हैं मुझको राज    -    1975

धर्मात्मा         -    1975

पलकों की छांव में     -    1977

अपने-अपने           -    1987

जान हथेली पर        -    1987

सेंसर                -    2001

शादियां         -    2010

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