उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान से एक दिन पूर्व मध्यप्रदेश में ट्रेन में धमाका होता है और उसी दिन लखनऊ में एक आतंकी की गिरक्रतारी को लेकर एंटी टेररिस्ट स्ञ्चवायड (एटीएस) को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि बाद में एटीएस ने आतंकी को मार गिराया और उसके कमरे की तलाशी में कई चौंकाने वाले दस्तावेज बरामद हुए। ऑपरेशन से जुड़े एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक मारे गए आतंकी का नाम सैफुल्लाह है जो कि कानपुर का रहने वाला है। उसके पास से एक लैपटॉप, कुछ मोबाइल, पिस्टल और गोलियों के अलावा इस्लामिक एस्टेट (आईएस) के झंडे भी बरामद हुए हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद के मुताबिक मध्यप्रदेश के शाजापुर में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जब आईईडी ब्लास्ट हुआ तो उसके बाद मध्यप्रदेश के पिपरिया से कानपुर निवासी दानिश अख्तर और आतिश मुजक्रफर, अलीगढ़ निवासी मीर हुसैन को गिरक्रतार किया गया। इनसे पूछताछ के आधार पर कानपुर निवासी मोहम्मद फैसल खॉ और मोहम्मद इमरान, इटावा निवासी फकरे आलम को गिरक्रतार किया गया। वहीं एटीएस को सूचना मिली की लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एक संदिग्ध आतंकी है। उसे गिरक्रतार करने के लिए जब एटीएस की टीम पहुंची तब आतंकी की ओर से गोलियां चलाई जाने लगी। सर्च ऑपरेशन के दौरान एटीएस को जानकारी मिली की एक से अधिक आतंकी हो सकते हैं। लेकिन बाद में जब मुठभेड़ खत्म हुई तब एक ही आतंकी का शव मिला। एटीएस के आईजी असीम अरुण ने आउटलुक को बताया कि मारे गए आतंकी के पास कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं जिसमें पासपोर्ट, बम बनाने के सामान, आधार कार्ड आदि शामिल हैं। आतंकी की डायरी में भी कुछ नाम दर्ज हैं जिनको लेकर एटीएस पता लगाने में जुटी है कि वे कौन लोग हैं। असीम अरुण के मुताबिक आतंकी को जिंदा पकडऩे के लिए काफी प्रयास किया गया। इसके लिए उसके भाई से भी बात करवाई गई लेकिन सैफुल्लाह ने कहा कि वह गिरक्रतार होने की बजाय मरना पसंद करेगा। एटीएस सूत्रों के मुताबिक सैफुल्लाह आईएस के खोरासन मॉडल का सदस्य था। सूत्रों का कहना है कि इस समूह में करीब बीस युवक शामिल हैं जो कि आईएस के लिए काम करते हैं। अब पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाएगी जो कि इस मॉडल का खुलासा करेगा।
गौरतलब है कि आईएस से जुडऩे की मुहिम में महाराष्ट्र के अलावा केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से भी कई युवक शामिल थे, जिसका खुलासा होने के बाद उन संदिग्धों को पकड़ा गया है। आतंक के इस नए चेहरे के तहत इस्लामिक एस्टेट में आस्था रखने वाले युवाओं का ब्रेन वॉश करके उन्हें इस अभियान से जोड़ा जाता है। अभी जो खुलासा हुआ है उसमें यह भी बात सामने आ रही है कि आतंकी केवल एक जगह नहीं बल्कि कई अन्य जगहों पर विस्फोट की तैयारी कर रहे थे लेकिन ठीक उससे पहले उनकी गिरक्रतारी हो गई। अभी तक आईएस से संबंध रखने वाले 50 से अधिक युवकों को पुलिस गिरक्रतार कर चुकी है। माना जा रहा है कि अभी भी बड़ी संख्या में युवक हैं जो आईएस के लिए काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मनीष शंकर शर्मा आउटलुक से बातचीत में कहते हैं कि इस्लामिक एस्टेट ने अपना प्रभाव क्षेत्र बनाने के लिए अलग-अलग मॉडल का उपयोग किया है। भारत में क्चाोरासन मॉडल को अपनाया गया, जिसके सभी संदिग्धों को गिरक्रतार कर लिया गया है। मनीष शंकर कहते हैं कि यह संभव है कि क्चाोरासन मॉडल की तरह कोई और मॉडल भी काम कर रहा हो। एनआईए उन संदिग्धों की तलाश में भी जुट गई है जिनको लेकर एक साल पहले सूचना मिली थी कि देश के अलग-अलग राज्यों से 23 युवक गायब हैं। वे कहां हैं क्या कर रहे हैं इसका पता नहीं चल पाया है। एनआईए से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक खुफिया इनपुट के आधार पर जांच लगातार चल रही है लेकिन कुछ समय से इनकी सक्रियता बढ़ गई है। आईएस से जुड़े सैफुल्लाह को भी एटीएस जिंदा गिरक्रतार करना चाहती थी ताकि कुछ खुलासा हो सके। वहीं जो संदिग्ध पकड़े गए हैं अभी उनसे पूछताछ चल रही है। संभव है कि आने वाले समय में एनआईए, एटीएस और खुफिया तंत्र को बड़ी कामयाबी हाथ लगे। क्योंकि यह पहला मामला है जब आईएस से जुड़े आतंकी को मार गिराया गया हो।