Advertisement

देश के टॉप बी-स्कूल: श्रेष्ठ संस्थानों की पहचान

आउटलुक-आइकेयर इंडिया एमबीए रैंकिंग 2022
मैनेजमेंट की पढ़ाई में नए जमाने के छात्रों की जरूरतों के मुताबिक अनेक बदलाव हुए हैं

आज हम दफ्तरों में जो काम करते हैं और उन्हें करने के लिए जिन कौशल की जरूरत पड़ती है, उनमें से अनेक भविष्य में बेमतलब हो जाएंगे। काम की प्रकृति में तेजी से और बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसकी एक वजह तो ऑटोमेशन है। विश्व अर्थव्यवस्था भी इस तरह बदल रही है कि उसमें अनेक तरह की विशेषज्ञताओं का समावेश होने लगा है। महामारी के दौर में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षण संस्थानों की पहचान करने के लिए हमने ‘आउटलुक-आइकेयर इंडिया एमबीए रैंकिंग 2022’ तैयार की है। यह एक पारदर्शी, नतीजों और डाटा पर आधारित रैंकिंग है। इसके मानक अंतरराष्ट्रीय स्तर के होने के साथ स्थानीय तौर पर भी प्रासंगिक हैं।

वर्षों से मैनेजमेंट की पढ़ाई में नए जमाने के छात्रों की जरूरतों के मुताबिक अनेक बदलाव हुए हैं। इस बदलाव में इंडस्ट्री की जरूरतों का भी योगदान रहा है, जहां नैनोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग जैसी टेक्नोलॉजी का समावेश हो रहा है। किसी भी बी-स्कूल से निकलने के बाद छात्र आज ऐसे माहौल में जाते हैं जो उनके लिए अनजाना, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट होता है। इसलिए दुनियाभर के बिजनेस स्कूलों से उम्मीद की जा रही है कि वे छात्रों में मौलिक सोच और रचनात्मकता के गुण विकसित करेंगे।

रैंकिंग की पद्धति

बेहतरीन पद्धति के कारण आउटलुक-आइकेयर रैंकिंग को सभी पक्ष बड़े पैमाने पर स्वीकार करते हैं। रैंकिंग तैयार करने में पांच साधारण लेकिन व्यापक मानकों का इस्तेमाल किया गया है। ये मानक किसी भी संस्थान के समग्र प्रदर्शन को दर्शाते हैं। इस संस्करण में बी-स्कूल को निम्न मानकों पर परखा गया हैः

1. फैकल्टी-छात्र अनुपात: 25%

2. शोधः 20%

3. रोजगार योग्यता: 25%

4. फैकल्टी उत्कृष्टताः 20%

5. समावेशी नजरियाः 10%

पाठकों की सहूलियत के लिए बी-स्कूलों को उनके प्रकार, स्थान और सरकारी या निजी के हिसाब से श्रेणीबद्ध किया गया है।

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग

रैंकिंग