जब भी गली बॉय (2019) से चर्चित सिद्धांत चतुर्वेदी मुंबई में गोरेगांव के अपने अपार्टमेंट से बाहर निकलते हैं, उनके पड़ोसियों की जुबान पर बस एक ही सवाल होता है, ‘‘यहां से कब जा रहे हो?’’ हर बार चौंककर जवाब सिर्फ यही आता है, ‘‘मैं क्यों जाऊंगा? मैं कहीं नहीं जा रहा। क्या यहीं मैं गणपति पंडाल में नाचता नहीं रहा हूं?’’ सिद्धांत अपने माता-पिता के साथ यहीं रहते हैं। जोया अख्तर की बहुप्रशंसित फिल्म गली बॉय में रैपर एमसी शेर के किरदार की वजह से 28 साल के इस प्रतिभाशाली युवा को फिल्म जगत ने हाथोहाथ लिया। तब से उनकी झोली में कई बहुप्रतीक्षित फिल्में हैं, जो बॉलीवुड के बड़े बैनर तले बन रही हैं।
लेकिन अब तक सिद्धांत यह नहीं समझ पा रहे हैं कि जो लोग उन्हें बचपन से जानते हैं, आखिर क्यों चाहते हैं कि वे अपनी मध्यवर्गीय हाउसिंग सोसायटी से चले जाएं, जहां उनकी जिंदगी संवरी और उनके स्टारडम की शुरुआत हुई। वे आउटलुक से कहते हैं, ‘‘मुझे सीधा-सादा जीवन पसंद है। अगर मैं ऐसे जीना बंद कर दूं, तो लोगों की जिंदगी के अनुभव से वंचित हो जाऊंगा और बतौर अभिनेता मैं विकास नहीं कर पाऊंगा।’’
अपनी पहली ही फिल्म गली बॉय में सिद्धांत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए प्रतिष्ठित फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुके हैं। अब उनके पास आदित्य चोपड़ा की यशराज फिल्म्स, करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस और फरहान अख्तर-रीतेश सिधवानी की एक्सेल एंटरटेनमेंट सहित कई मशहूर बैनरों की फिल्में हैं। कई अन्य फिल्म निर्माता अपनी स्क्रिप्ट के लिए उनका टाइम मांग रहे हैं। बॉलीवुड की भाषा में कहें, तो अब यह उभरता सितारा नहीं, बल्कि मायानगरी के आसमान में अपनी चमक बिखेरने लगा है। उनके स्टारडम को देखते हुए यह आसान नहीं लगता कि वे दोबारा सामान्य जीवन जी पाएंगे, चाहे वे पड़ोसियों के सवालों से कितने ही तंग होते रहें। उनकी झोली में जिस तरह के ऑफर हैं, उससे यह बात और भी पुख्ता हो जाती है।
बेहतरीन आगाजः फोन भूत और युधरा सिद्धांत चतुर्वेदी की आने वाली फिल्में हैं
यशराज फिल्म्स की 2005 की हिट फिल्म बंटी और बबली के सीक्वेल में सिद्धांत सैफ अली खान और रानी मुखर्जी के साथ दिखाई पड़ेंगे, जबकि शकुन बत्रा के निर्देशन में बन रही करण जौहर की अगली फिल्म में वे दीपिका पादुकोण और अनन्या पांडे के साथ हैं। इसके अलावा दो और बड़ी फिल्में उनके पास हैं- एक्सेल एंटरटेनमेंट की मालविका मोहनन के साथ एक्शन थ्रिलर युधरा और कटरीना कैफ के साथ फोन भूत।
यह बताने की जरूरत नहीं कि इन सभी फिल्मों में वे मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह उस अभिनेता के लिए निश्चित ही बड़ी उपलब्धि है, जो हाल तक पश्चिमी मुंबई में ऑडिशन का केंद्र समझे जाने वाले अंधेरी इलाके के आरामनगर में सैकड़ों संघर्षरत अभिनेताओं के साथ अपनी बारी के इंतजार में कतार में खड़ा रहता था।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के छोटे-से गांव में जन्मा यह लड़का 1990 में मुंबई आने तक केवल भोजपुरी बोल सकता था। वे बताते हैं, ‘‘मेरा जन्म बलिया जिले के नगवा में हुआ है, जो प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। मैंने अपना बचपन अपने पुजारी दादा के साथ गांव में गन्ने के खेतों में गायों और घोड़ों के साथ दौड़ते हुए, चाय में पारले-जी बिस्कुट डुबोकर खाते और शाम को रामलीला देखते हुए बिताया है।’’
बचपन के वे दिन तब बीते जब उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट पिता उन्हें और उनकी मां को मुंबई ले आए। वे बड़े हुए, तो उनसे उम्मीद की गई कि वे अपने पिता के नक्शे कदम पर चलेंगे लेकिन रणवीर सिंह-आलिया भट्ट की गली बॉय के ऑडिशन ने उनकी दुनिया ही बदल दी। मुंबई में उभरती हिप-हॉप संस्कृति पर आधारित फिल्म में उन्हें 28 वर्षीय रैपर की भूमिका निभाने के लिए चुन लिया गया, जिसमें उनके अभिनय और आत्मविश्वास ने आलोचकों और दर्शकों को समान रूप से प्रभावित किया।
फरवरी 2019 में फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई, लेकिन सिद्धांत ने अगली फिल्म साइन करने की कोई जल्दीबाजी नहीं दिखाई। उन्होंने ‘सही विकल्प’ की प्रतीक्षा की।
वे बताते हैं, ‘‘गली बॉय के लिए जब मैंने ऑडिशन दिया था और मुझे उसकी स्क्रिप्ट मिली, तो मुझे लगा था कि यह बढि़या किरदार होगा लेकिन यह नहीं मालूम था कि लोगों को यह इतना भा जाएगा। रिलीज के बाद, मेरे पास स्क्रिप्ट की बाढ़ आ गई थी। लगभग सभी ने मुझे मुख्य भूमिका की पेशकश की लेकिन मैंने तुरंत कोई भी फिल्म साइन करने से परहेज किया। अगले नौ महीने मैंने सही प्रोजेक्ट के इंतजार में बिताए।’’
सिद्धांत के धैर्य का फल उन्हें मिला। बड़े फिल्म निर्माता अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के साथ उनके लिए आगे आए। उनके लिए यही खुशी की बात थी कि उनकी हर आने वाली फिल्म दूसरे से अलग है। बतौर अभिनेता यह उनके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि उन्हें अपने अभिनय का जौहर अलग-अलग किरदारों में दिखाने को मिलेगा। उनका कहना है कि यह संभव नहीं होता अगर उन्होंने अपने कुछ शुभचिंतकों के कहने पर धड़ाधड़ फिल्में साइन कर ली होतीं। वे कहते हैं, ‘‘बतौर अभिनेता मैं फिल्म उद्योग में अपना स्थान बनाना चाहता हूं। मैं गोविंदा की फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूं, लेकिन मैंने इस बात पर भी नजर रखी है कि पिछले कुछ वर्षों से सिनेमा कैसे विकसित हो रहा है। मैं कुछ नया करना चाहता हूं, जो संपूर्ण और संतुष्टि देने वाला हो। में दौलत या शोहरत ही कमाना नहीं चाहता।’’
बहरहाल, उन्हें लगता है कि गली बॉय के बाद उनकी प्रसिद्धि एक पुराने सपने को सच करने जैसा है। ‘‘मुझे नहीं पता था कि गली बॉय के रिलीज होने पर जिंदगी में क्या होगा। मैं बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं कर रहा था क्योंकि मैं तो मुख्य भूमिका में भी नहीं था। लेकिन 19 साल की उम्र में भी मैं सपने देखता था कि एक दिन यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन और एक्सेल एंटरटेनमेंट जैसे बड़े बैनर मुझे मुख्य भूमिका के लिए चुनेंगे। लेकिन वह बस सपना था। मैं फिल्म इंडस्ट्री के तौर-तरीकों से वाकिफ था और जानता था कि मेरे जैसे नए लड़के पर कोई भी पैसे नहीं लगाएगा। इसलिए किसी बड़े ब्रेक के लिए ऑडिशन देता रहा, जो आखिर गली बॉय के कारण मुझे मिल गया।’’ हालांकि गली बॉय की रिलीज से पहले उन्होंने दो वेब सीरीज लाइफ सही है और इनसाइड एज में काम किया था, लेकिन उनकी सफलता का श्रेय जोया अख्तर की फिल्म को जाता है, जो पिछले वर्ष ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी गई थी। वे कहते हैं, ‘‘पहले तो दर्शकों का प्यार मिला, फिर इंडस्ट्री के बड़े लोगों ने यह देखा तो उन्हें लगा कि मैं सीरियस ऐक्टर हूं।’’
हिप-हॉप या रैप में सिद्धांत की दिलचस्पी नहीं थी, पर गली बॉय उनके लिए खुद को साबित करने का मौका था, जिसे उन्होंने भुनाया
हालांकि, सिद्धांत के लिए बड़े फिल्म निर्माताओं का विश्वास हासिल करना इतना आसान नहीं था। वे बताते हैं कि गली बॉय से पहले 100 से अधिक ऑडिशन में उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। कई मौकों पर स्टार किड्स के कारण भी उन्होंने मौके गंवाए लेकिन उन्होंने अपनी क्षमताओं पर भरोसा कायम रखा। उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यह इंडस्ट्री की रवायत है कि यहां प्रतिभा का आदर होता है और यह रीत अब भी नहीं बदली है।
यह संयोग ही था कि गली बॉय के फ्लोर पर जाने के महज 25 दिन पहले सिद्धांत को यह भूमिका मिली थी। इसलिए उनके पास रैपर की अपनी भूमिका की तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं था। वे बताते हैं, ‘‘मुझे हिप-हॉप या रैप संगीत में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि खुद को साबित करने का यही मौका है। मुझे पता था कि मुझे अपने चरित्र के अंदर उतर जाना है। इतने कम समय में जोया (अख्तर) ने तैयारी में मेरी बहुत मदद की। शूटिंग शुरू हुई, तो मैं उतावला हो उठा था।’’
कोरोनावायरस महामारी ने फिल्म उद्योग में सुस्ती ला दी है, लेकिन यह मिलेनियल स्टार स्क्रिप्ट पढ़ने में व्यस्त है। फिल्म उद्योग की कई मशहूर हस्तियों के विपरीत, वे देश के ज्वलंत मुद्दों पर चुप रहने में विश्वास नहीं करते। उनका मानना है कि अगर लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, तो हर सेलिब्रिटी को भी चुप रहने का अधिकार है। वे कहते हैं, ‘‘फिर भी लगता है कि अगर देश में कुछ भी गलत हो रहा है, तो सेलिब्रिटी को बोलना चाहिए क्योंकि यह किसी मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने में मदद कर सकता है। आपके पास हजारों समर्थकों को प्रभावित करने की शक्ति है, तो आपको इस शक्ति का सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।’’