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4 अगस्त 2025 · AUG 04 , 2025

आवरण कथा/नजरियाः चांद सा ‘फिल्टर’ चेहरा

ब्यूटी फिल्टर का स्किन केयर उद्योग पर असर, मांग और शहर के पर्यावरण के हिसाब से बन रहे उत्पाद
फिल्टर का बढ़ता चलन

भारत में स्किन केयर का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। त्वचा की देखभाल के तमाम साधनों के साथ सोशल मीडिया पर फिल्टर के चलन ने भी इस बाजार को बढ़ावा दिया है। हो सकता है किसी को यह सब केवल मौज की बात लगे लेकिन हकीकत यह है कि फिल्टर लोगों की सोच और खरीदारी के तरीके दोनों को बदल रहे हैं। यही कारण है कि देश का ब्यूटी बाजार बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, शेयरचैट और मोज जैसे ऐप पर ऐसे कई फिल्टर मौजूद हैं, जो एक क्लिक में चेहरे के दाग, झुर्रियां और बाकी खामियां छिपा देते हैं। अब चकमदार चेहरा पाना बस कुछ सेकंड का काम रह गया है।

मैं खुद स्किन केयर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करता हूं। मुझे लगता है फिल्टर नए तरह के बदलाव ला रहे हैं। जेन जेड और जेन अल्फा जैसी नई पीढ़ी इन फिल्टरों का इस्तेमाल ज्यादा कर रही है। कई भारतीय ब्रांड ऐसे लुक को बढ़ावा दे रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर अच्छा दिखता है। अब ये फिल्टर सुंदरता के नए पैमाने बना रहे हैं। उनकी वजह से कंपनियां मार्केटिंग का तरीका बदल रही हैं। ये तरीके ग्राहकों की उम्मीदों को भी बदल रहे हैं। इन फिल्टरों के चलते सभी को सुंदर चेहरे की आस बढ़ गई है। सभी सुंदर और परफेक्ट चेहरा चाहता हैं। इससे सभी ब्यूटी प्रोडक्ट के साथ साथ फेस करेक्शन की भी मदद लेते हैं। इसी वजह से स्किन केयर से जुड़े नए उत्पाद और तकनीकें भी सामने आ रही हैं।

भारतीय ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की ताजा रिपोर्ट बताती है कि देश का ब्यूटी बाजार 2027 तक करीब 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इस बढ़ोतरी में सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया का बहुत योगदान है। लोग फिल्टर के जरिए खुद को बेहतर दिखाने के साथ-साथ उन उत्पादों की तरफ भी आकर्षित हो रहे हैं, जो उन्हें वैसा लुक देने का दावा करते हैं।

फिल्टर भले ही दिखावे की तरह लगते हों, लेकिन सच यह है कि उनसे लोग नए उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं। हमारी कंपनी के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि जब लोग फिल्टर में खुद को बेहतर पाते हैं, तब वे वैसी ही त्वचा वास्तविकता में पाने के लिए अच्छे उत्पाद खरीदने से नहीं हिचकते, जो उनकी त्वचा को चमक प्रदान करे। 2023 के किए गए एक शोध में पाया गया कि देश में 52 फीसदी लोगों ने ब्यूटी फिल्टर के इस्तेमाल के बाद स्किन केयर प्रोडक्ट खरीदे।

हमारे यहां फिल्टर कैंपेन चलाने के बाद सिर्फ सीरम की बिक्री में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं, जो अलग-अलग शहरों की जलवायु के हिसाब से अलग उत्पाद बनाती हैं, जैसे चेन्नै की नमी के हिसाब से त्वचा को सूखा बनाए रखने के लिए अलग और दिल्ली के प्रदूषण से बचाने के लिए अलग। इसी तरह हर शहर और क्षेत्र के लिए नए या कस्टमाइज उत्पाद पेश करने का दौर बढ़ रहा है।

अब कई भारतीय कंपनियां मोबाइल पर ही त्वचा की पहचान कर उसके हिसाब से उत्पाद देने की तकनीक पर तैयारी कर रही हैं। कंपनियों का दावा है कि मोबाइल पर स्किन टाइप पता चल जाएगा, जिससे त्वचा के अनुरूप उत्पाद खरीदे जा सकें। हालांकि यह तकनीक फिलहाल कारगर नहीं हो पा रही है। कुछ दिन पहले ही एक कंपनी ने मोबाइल ट्राय-ऑन फीचर शुरू किया था, जिस पर ग्राहक आभासी तरीके से उत्पाद आजमा सकते थे। लेकिन इस तरीके को आजमाने के बाद खरीदे गए उत्पादों को ग्राहकों ने लौटा दिया जिससे उस कंपनी की रिटर्न दर 25 फीसदी तक गिर गई।

जो बात मुझे सबसे खास लगती है, वह है नई पीढ़ी की जागरूकता। नई पीढ़ी प्रोडक्ट की पूरी जानकारी चाहती है। उत्पाद में क्या मिला हुआ है इसे जानने में उनकी खास दिलचस्पी रहती है। बचपन से ही मोबाइल और इंटरनेट से जुड़ी जेन अल्फा के लड़कों-लड़कियों को तो इंटरएक्टिव अनुभव ज्यादा पसंद आते हैं। वे दूसरों के अनुभव और अपने खुद का अनुभव देखते हैं। इसी वजह से हमें उनके लिए खास गाइड और स्किन टेस्टिंग टूल बनाने पड़ते हैं।

लेकिन इस फिल्टर की दुनिया में कुछ चिंताएं भी हैं। मुंबई यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में 62 फीसदी लड़कियों ने माना कि जब वे अपनी असली फोटो की तुलना फिल्टर वाली फोटो से करती हैं, तो उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। यह गंभीर बात है, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। मैं तीन बड़े बदलाव देख रहा हूं, जो इस इंडस्ट्री को आगे ले जाएंगे।

पहला- ऐसे फिल्टर, जो स्किन को देखकर उत्पाद बताएंगे। दूसरा- हर तरह के रंग और रूप को अपनाने की सोच क्योंकि सबकी त्वचा और चेहरा एक जैसा नहीं होता। इसलिए ऐसे फिल्टर जरूरी हैं, जो सिर्फ गोरेपन या सिर्फ तीखे नाक-नक्श को सुंदरता का पैमाना न मानें। तीसरा- सबसे अहम है, सच दिखाना। यानी जो फिल्टर और असली तस्वीर के बीच के फर्क को कम से कम रखें।जो ब्रांड ऐसा करेंगे, वही लोगों का भरोसा जीत पाएंगे।

ब्यूटी इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों को मेरा सुझाव है कि वे नए विचार जरूर लाएं, लेकिन उनका मकसद सिर्फ प्रोडक्ट बेचना न हो। फिल्टर की तकनीक का सही इस्तेमाल होना जरूरी है। लोगों को जानकारी देने और जागरूक करने के लिए भी यह जरूरी होना चाहिए।

अजित मराठे

(संस्थापक, स्किन बियॉन्ड बॉर्डर्स, स्किनबीबी डॉटकॉम)

 

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