वाकया 16 जनवरी 2020 का है। शाम को मुंबई के एक सात सितारा होटल में बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों की एक बड़ी फौज अमेजन डॉट कॉम के संस्थापक जेफ बेजोस की आगवानी के लिए इकठ्ठा थी। वैसे तो सितारों की उस भीड़ में शाहरुख खान सरीखे चोटी के स्टार भी मौजूद थे, लेकिन उस शाम सबकी नजरें सिर्फ अमेरिकी उद्योगपति बेजोस पर थीं, जिन्हें भारतीय मनोरंजन उद्योग की नई उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा था। उस अवसर पर अमेजन प्राइम वीडियो ने अपने आगामी सात मौलिक सीरीज की घोषणा की। हालांकि उस समय बॉलीवुड को जितनी जरूरत दुनिया के सबसे धनाढ्य निवेशक की थी, शायद उतनी ही जरूरत बेजोस को बॉलीवुड की भी थी। निरंतर बढ़ते भारतीय बाजार में प्रवेश करने के महज दो वर्षों के भीतर अमेजन प्राइम वीडियो (बेजोस की विश्वप्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी का वीडियो-स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म) को इस देश में देखने वालों की संख्या में छह गुना वृद्धि हो चुकी थी और उन्हें कंपनी के विस्तार के लिए नए और मौलिक कंटेंट की जरूरत थी। इसलिए, उन्होंने दोगुने जोश के साथ यहां निवेश करने की योजना बनाई।
लगभग ढाई वर्ष बाद, फिर वैसा ही कुछ नजारा मुंबई के एक अन्य होटल में दिखा, जहां न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि दक्षिण भारतीय सिनेमा के कई नामवर सितारे और फिल्मकार अमेजन प्राइम वीडियो के एक विशेष कर्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। हालांकि उस शाम स्वयं बेजोस मौजूद नहीं थे लेकिन इस मौके पर प्राइम वीडियो के शीर्षस्थ अधिकारियों की मौजूदगी में इस प्लेटफॉर्म पर आने वाली 40 ओरिजिनल फिल्मों और वेब सीरीज की घोषणा की गई। यह अभूतपूर्व घटना थी क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में इतने बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट की घोषणा पहले कभी नहीं हुई। जाहिर है, इनमें काम करने वाले न सिर्फ अजय देवगन से लेकर शाहिद कपूर, मनोज वाजपेयी से लेकर पंकज त्रिपाठी और माधुरी दीक्षित से लेकर कंगना रनौत जैसे सितारे बल्कि करण जौहर, रोहित शेट्टी और राज और डी.के. जैसे दिग्गज फिल्मकार भी मौजूद थे। ऐसा लग रहा था मानो उस शाम भारतीय फिल्म उद्योग से निकला हर कामयाब और उभरता सितारा और निर्माता-निर्देशक उस कारवां में शामिल था। ऐसा किसी मजबूत वैश्विक कंपनी के कारण ही मुमकिन था।
लेकिन इस बार स्थितियां बदली थीं। दो साल से अधिक समय तक कोरोना के कारण मंदी की मार झेल रही फिल्म इंडस्ट्री के लिए वह शाम संजीवनी की तरह आई, जब अमेजन प्राइम वीडियो ने उसके लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया। लगभग पांच घंटे चले कार्यक्रम में फर्जी, मिर्जापुर 3, फोर मोर शॉट्स प्लीज!, द फैमिली मैन, पाताल लोक, पंचायत, अधूरा, बंबई मेरी जान, कॉल मी बे, क्रैश कोर्स, दहाड़, गुलकंद टेल्स, हैप्पी फैमिली कंडीशंस अप्लाई, हश हश, इंडियन पुलिस फोर्स, जी करदा, जुबली, मॉडर्न लव मुंबई, पीआई मीणा, शहर – लाखोट, ऐ वतन..मेरे वतन, इंडिया लव प्रोजेक्ट, डांसिंग ऑन द ग्रेव, इंडिया लव प्रोजेक्ट, सिनेमा मरते दम तक, कॉमिकस्तान, मुंबई डायरीज, ब्रीद: इनटू द शैडोज, मेड इन हेवन, नीयत जैसी कई फिल्मों और वेब सीरीज की एक के बाद एक ताबड़तोड़ घोषणा हुई।
अमेजन प्राइम की स्ट्रीमिंग प्रमुख जेनिफर सलके और वाइस प्रेसिडेंट जेम्स फेरेल
इनके अलावा, प्राइम वीडियो ने अजय देवगन फिल्म्स की चार फिल्मों (रनवे 34, थैंक गॉड, दृश्यम 2 और भोला), करण जौहर की तीन फिल्मों (जुग जुग जियो, गोविंदा नाम मेरा और रॉकी और रानी की प्रेम कहानी), फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की पांच फिल्मों (फोन बूथ, युद्ध, फुकरे 3, जी ले जरा और खो गए हैं हम कहां) और आदित्य चोपड़ा की यशराज फिल्म्स की पांच फिल्मों (जयेशभाई जोरदार, पृथ्वीराज, शमशेरा, टाइगर 3 और पठान) के लिए ‘लाइसेंसिंग एसोसिएशन’ भी किए। ये सभी बॉलीवुड के बड़े और प्रतिष्ठित बैनर रहे हैं। इस अवसर पर प्राइम वीडियो ने सुजल– द वोर्टेक्स (तमिल), स्वीट कारम कॉफी (तमिल), द विलेज (तमिल), वधान्धी: द फेबल ऑफ वेलोनी (तमिल) जैसी दक्षिण भारतीय फिल्मों की भी घोषणा की।
यह अकारण नहीं हुआ। भारत में अमेजन प्राइम वीडियो दुनिया के किसी अन्य देश से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और यहां आने के पांच साल पूरे होने के बाद कंपनी का दावा है कि देश के 99 प्रतिशत पिन-कोड में इसके दर्शक मौजूद हैं। संभवतः इन्हीं संभावनाओं के कारण भारत के विशाल बाजार के लिए कंपनी ने आने के बाद ही ओरिजिनल सीरीज बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी। उसके बाद कंपनी के तहत द फैमिली मैन, मिर्जापुर, इनसाइड एज और द फॉरगॉटन आर्मी जैसी बड़ी वेब सीरीज बनी जिनका बजट और निर्माण की गुणवत्ता बॉलीवुड की किसी भी बड़ी फिल्म से कम नहीं थी। आज प्राइम वीडियो अक्षय कुमार की रामसेतु जैसे बड़े स्केल की फिल्म का सह-निर्माण कर रही है।
अमेजन प्राइम वीडियो की तरह एक अन्य विश्वस्तरीय ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स ने भी भारतीय मनोरंजन जगत में ओरिजिनल कंटेंट बनाने के लिए करोड़ों रुपये का निवेश किया है। इन कंपनियों के आने के बाद न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का स्वरूप बदल गया है। लेकिन इससे ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या उनके निरंतर बढ़ते प्रभुत्व से पूरी फिल्म इंडस्ट्री पर उनका धीरे-धीरे एकाधिपत्य हो जाएगा और स्थानीय निर्माता पूरी तरह से विदेशी कंपनियों पर आश्रित हो जाएंगे?
इसमें शक नहीं कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री में आज उनका बोलबाला है। आज बड़े से बड़ा निर्माता इन कंपनियों के साथ जुड़ना चाहता है, चाहे रोहित शेट्टी हों या आदित्य चोपड़ा या फिर करण जौहर। इन कपंनियों के पास निश्चित रूप से बजट की कोई समस्या नहीं है और ये बड़े से बड़े निर्माताओं के साथ फिल्म या वेब सीरीज निर्माण के लिए साझेदारी कर सकती हैं। लेकिन, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इनके विकास को रोका नहीं जा सकता।
इस सदी की शुरुआत में जब मल्टीप्लेक्स का उदय और सिंगल स्क्रीन वाले थिएटरों की संख्या कम होने लगी तो फिल्म निर्माण में कॉर्पोरेट जगत का प्रवेश हुआ और डिज्नी जैसी वैश्विक स्तर की कंपनियां भारत में फिल्म निर्माण के लिए आईं। धीरे-धीरे, अधिकतर स्वतंत्र फिल्मकारों की निर्माण कंपनियां बंद हो गईं और बॉलीवुड पर पूरी तरह से कॉर्पोरेट संस्कृति हावी हो गई। कुछ चुनींदा बड़े फिल्म निर्माता ही उस दौर में टिक सके। सदी के दूसरे दशक के मध्य तक ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्मों की बढ़ती लोकप्रियता ने फिल्म निर्माण का स्वरूप फिर से बदलना शुरू किया। नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसी कंपनियों ने भारतीय कंटेंट की विश्वव्यापी लोकप्रियता के कारण यहां बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू किया। प्रथम दृष्टया, यह दोनों पक्षों के लिए फायदे का सौदा रहा। एक तरफ स्थानीय फिल्मकारों और कलाकारों को परदे पर अपनी रचनात्मकता दिखाने का मौका मिला तो दूसरी ओर इन कंपनियों को ऐसे कंटेंट मिले जिनके लिए उनके पास दुनिया भर में फैले ग्राहक थे। मसलन, मनोज वाजपेयी की द फैमिली मैन (2019-21) दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेब सीरीज में शामिल हो गई, जिसकी उम्मीद शायद अमेजन प्राइम वीडियो को भी न थी।
इन कंपनियों के आने से फिल्म इंडस्ट्री में लंबे समय से चले आ रहे स्टार सिस्टम को भी धक्का लगा। आज न सिर्फ थिएटर में बल्कि ओटीटी पर बड़े सितारों की फिल्में फ्लॉप हो रही हैं जबकि कथित रूप से छोटे अभिनेताओं की फिल्में सुपरहिट हो रही हैं। ओटीटी पर अक्षय कुमार की बच्चन पाण्डेय (2022) और सलमान खान की राधे (2021) को नकार दिया जाता है और अभिषेक बच्चन की दसवीं (2022) की गिनती सफल फिल्मों में होती है। थिएटर में प्रदर्शित शाहिद कपूर की जर्सी (2022) फ्लॉप हो जाती है लेकिन ओटीटी पर उनकी पहली सीरीज फर्जी का बेसब्री से इंतजार रहता है।
जाहिर है, आज सिर्फ किसी स्टार का स्टारडम फिल्म या सीरीज को हिट नहीं करा सकता। ऐसे प्लेटफॉर्मों पर सिर्फ कंटेंट ही बिकता और उसी के लिए अमेजन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों में होड़ मची है। एक साथ लगभग दो सौ देशों के दर्शकों तक पहुंचने की ताकत के कारण बड़े से बड़ा स्टार भी अपने आप को इन प्लेटफॉर्मों से दूर नहीं रख सकता। इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन फिलहाल यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए कि किसी जमाने में बड़े निर्माताओं के स्टूडियो के कारण चर्चित फिल्म इंडस्ट्री में आज सबसे बड़ा मूवी मुगल कोई कपूर, खान, चोपड़ा या जौहर उपनाम वाला नहीं बल्कि अमेजन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसी वैश्विक कंपनियां ही हैं।