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परदेसः ब्रिटेन को मिलेगा पहला हिंदू प्रधानमंत्री!

वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ऊपर तरजीह दे रही है, साफ-सुथरी छवि वाले ऋषि युवाओं में भी काफी लोकप्रिय
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक

पहले अमेरिका को भारतीय मूल की उप-राष्ट्रपति मिली और अब ब्रिटेन को पहला हिंदू प्रधानमंत्री मिल सकता है। जी हां, अगर ब्रिटेन के हाल के राजनीतिक उठापठक पर गौर करें तो ब्रिटेन को भारतीय मूल का और पहला हिंदू प्रधानमंत्री मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। ब्रिटेन के मौजूदा वित्त मंत्री जिसे यहां चांसलर या चांसलर ऑफ द एक्सचेकर कहा जाता है, ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भारत और पूर्वी अफ्रीका जैसे देशों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहे हैं। ऋषि सुनक किन परिस्थितियों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं ये जानने से पहले जरा एक नजर ऋषि की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर डालते हैं।

भारत में अब लोग आम तौर पर जानते हैं कि ऋषि सुनक, इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति के दामाद हैं। नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता और ऋषि अमेरिका के स्टैनफर्ड यूनिविर्सिटी में एक साथ एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। ऋषि के दादा पंजाब के रहने वाले थे और जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था तभी वे पूर्वी अफ्रीका चले गए थे। वहीं उनके पिता का जन्म हुआ। उनकी मां उषा तंजानिया की रहने वाली थीं। ’60 के दशक में सुनक के दादा अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन चले आए। ऋषि के पिता ब्रिटेन में सरकारी डॉक्टर थे और मां फार्मा की दुकान चलाती थीं। ऋषि ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र और राजनीति की पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए।

ऋषि महज 35 साल की उम्र में 2015 में पहली बार कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बने और तभी से ब्रिटेन की आर्थिक नीतियों में उनकी हिस्सेदारी देखी गई है। 2018 में ऋषि सुनक थेरेसा मे की सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। ब्रिटेन में यह पद वित्त मंत्रालय में मंत्री के बाद सबसे बड़ा और मजबूत पद होता है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में भी ऋषि सुनक ने बड़ी भूमिका निभाई थी। सुनक शानदार वक्ता हैं लिहाजा कई अवसरों पर चुनाव प्रचार के दौरान टीवी डिबेट में सुनक ने जॉनसन की जगह हिस्सा लिया। कंजरवेटिव पार्टी ने अक्सर मीडिया इंटरव्यू के लिए उन्हें आगे किया, बावजूद इसके कि सुनक को ब्रिटिश जनता मुश्किल से जानती थी। राजनीति में आने के महज पांच साल में बोरिस जॉनसन ने उनको चांसलर बनाया तो लोगों को ऋषि के बारे में पता चला। लेकिन महज दो साल में ऋषि ब्रिटेन के युवाओं में ऐसे पॉपुलर हुए कि यहां के युवा अब ऋषि को कंजरवेटिव पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखते हैं। ब्रेग्जिट के कुछ हफ्तों बाद ही जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री साजिद जावीद ने इस्तीफा दिया तो उसके बाद इस युवा सांसद को वित्त मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। जब ऋषि चांलसर ऑफ एक्सचेकर यानी वित्त मंत्री बने, तब कोविड-19 फैल रहा था लेकिन महामारी का रूप नहीं ले पाया था। उसके तुरंत बाद जॉनसन सरकार ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला किया और चांसलर की जिम्मेदारी इस दौर में देश को आर्थिक संकट से उबारने की आ गई। ऋषि को रोजगार की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद के पैकेज की घोषणा करनी पड़ी, साथ ही इस कोविड के दौर में मंहगाई को काबू में रखना एक बड़ी चुनौती साबित हुई। इस बीच ऋषि सुनक के एक बयान ने उन्हें वहां के नौजवानों का हीरो बना दिया जब उन्होंने कहा कि आने वाली पीढि़यों को महज बिल का भुगतान करने वाली जनता के तौर पर बड़ा नहीं किया जा सकता, उनके लिए और बेहतर सोचना होगा और हमारी सरकार ऐसा ही करेगी।

ब्रिटेन के राजनीतिक गलियारों में ऋषि सुनक को हिंदू नेता के तौर पर ही देखा जाता है। सांसद के तौर सुनक ने भगवद् गीता पर हाथ रखकर निष्ठा की शपथ ली थी और 13 फरवरी 2020 को ऋषि सुनक जब ब्रिटेन के पहले हिंदू चांसलर बने तब उसे फिर दोहराया। 11 डाउनिंग स्ट्रीट यानी अपने निवास की सीढ़ियों पर दिवाली के मौके पर दीये जलाकर देश की उन्नति के लिए पूजा की और ब्रिटेन की जनता के साथ-साथ यहां बसे हिंदुओं से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की गुजारिश की। एक तरफ जहां ऋषि सुनक दिवाली के दीये से लोगों में नियमों का पालन करने की अपील कर रहे थे वहीं उनके प्रधानमंत्री, डोमिनिट कमिंग्स के पतन का जश्न मनाने के लिए पार्टी कर रहे थे। बात ज्यादा दिनों तक छुपी नहीं रही और बाहर आ गई। पहले विरोधियों ने मुद्दा बनाया फिर पार्टी के भीतर भी इस बात पर विरोध होने लगा। बाद में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जब इसे स्वीकार किया तो ये मामला ‘पार्टीगेट’ स्कैंडल में तब्दील हो गया। मामला इतना आगे बढ़ा कि बोरिस जॉनसन के सबसे चहेते मंत्री को उनके ऊपर ही पार्टी ने तरजीह देनी शुरू कर दी और वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के कगार पर खड़े हैं।

पार्टी के शौकीन बोरिस जॉनसन पर साफ सुथरी छवि वाले ऋषि सुनक भारी पड़ते दिख रहे हैं। ब्रिटेन के सीनियर लीडर और पत्रकार बताते हैं कि ऋषि तथाकथित पश्चिमी सभ्यता की छांव से भी दूर हैं और पूरी तरह से टीटोटलर (शराब, नशा या पार्टी की आदतों से दूर) हैं। अब उनका पता बदलने वाला है और ऋषि जल्द ही 11 डाउनिंग स्ट्रीट से एक पायदान ऊपर चढ़कर 10 डाउनिंग स्ट्रीट यानी प्रधानमंत्री निवास पहुंचने वाले हैं। ऐसा हुआ तो ऋषि ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री होंगे। हालांकि उनकी चुनौतियां कम नहीं हैं। महंगाई पर काबू पाना न सिर्फ वित्त मंत्री के तौर पर ऋषि के लिए बड़ी चुनौती है बल्कि उनके राजनीतिक भविष्य के लिए भी सबसे जरूरी है।

(पत्रकार और लेखक, विचार निजी हैं)

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