प्रदेश की छवि माफियाओं वाले राज्य के रूप में रही है। 4 साल में यह छवि कितनी सुधरी है?
हम लोग उत्तर प्रदेश की जनता से 2017 में जो वादे करके आए थे, उस वादे के अनुसार आंकड़ों की दृष्टि से और व्यावहारिक दृष्टि से भी अपराधियों, माफियाओं, गुंडों और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की गई है। जो दोषी हैं, उन्हें दण्ड देने का काम किया गया है। किसी भी स्तर पर न तो सत्ता पक्ष की ओर से, न किसी अधिकारी की ओर से और न ही कहीं और से अपराधियों की मदद की गई है। पिछली सरकार के समय ठीक इसके विपरीत होता था। अपराधी सत्ता और अधिकारियों के संरक्षण में पलते-बढ़ते तथा फलते-फूलते रहते थे। उस समय छोटे-बड़े अपराधी भयमुक्त थे और इस समय जनता भयमुक्त है।
हाथरस, उन्नाव जैसी घटनाएं क्या सरकारी दावों पर सवाल नहीं खड़ा करती हैं?
देखिए, हम यह नहीं कह रहे कि घटनाएं नहीं हुईं हैं और अपराध नहीं हुए हैं, लेकिन अपराध होना और अपराध होने के बाद अपराधी को संरक्षण देना, यह हमारी सरकार में न हुआ है और न होगा। हमारी सरकार में यदि किसी ने अपराध किया है तो कानून के मुताबिक उसे कठोरतम दंड देने का काम हुआ है। हाथरस के दोषी हों या उन्नाव के दोषी, प्रदेश के अंदर अपराध करने वाले प्रत्येक दोषी व्यक्ति को दंडित किया गया है, भले ही वह कितना ही ताकतवर क्यों न हो।
विपक्ष का आरोप है कि भू-माफियाओं के नाम पर बदले की कार्रवाई हो रही है।
विपक्ष हताश है, निराश है, उदास है। जो भू-माफिया थे वे समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी की सरकारों में थे। विपक्ष के नाम पर सपा के बयान आते रहते हैं, जबकि उनके संरक्षण में अपराधी पलते रहे और सरकारी जमीनों पर कब्जा करते रहे। आज उनसे कब्जा खाली कराया जा रहा है तो स्वाभाविक है कि दर्द अखिलेश यादव जी को होगा, सपा के लोगों को होगा। लेकिन उनके दर्द की दवा हम नहीं दे सकते, हमें जनता के दर्द की दवा करनी है। जिन अपराधियों ने सपा के समय सरकारी जमीनों पर कब्जा किया था, जनता में डर का माहौल पैदा किया था उनके विरुद्ध लगातार कार्रवाई हो रही है, और आगे भी होती रहेगी।
लव जिहाद कानून पर अदालत ने भी सवाल उठाया, इस कानून की जरूरत क्यों पड़ी?
लव जिहाद कानून नामक शब्द का हमारे यहां प्रयोग नहीं है। धोखा देकर, नाम बदलकर, दूसरा धर्म बताकर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया जाता था। बाद में शादी की नौबत तक मामला पहुंचने पर उनका असली रूप सामने आता था। इसके कारण बहुत सी बहनों की हत्या तक कर दी गई, उन्हें मारकर जमीन में गाड़ दिया गया। ऐसी अनेक आपराधिक घटनाएं हुईं। ऐसे जघन्य प्रकरण हमारे प्रदेश और पूरे देश में हुए जो दिल दहला देने वाले थे।
अगर कोई प्रेम विवाह करना चाहता है तो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं। सरकार भी इस पर कोई रोक नहीं लगाती है। परन्तु एक धर्म का व्यक्ति यदि दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करना चाहता है तो जिलाधिकारी के सूचित करे, जिसकी जांच की जाएगी कि कहीं धोखा करके तो शादी नहीं की जा रही है। इसमें दंड के प्रावधान भी किए गए हैं, दोषी को जुर्माना भी देना पड़ेगा। हमारा मन बहुत साफ है, आप जबरन कुछ नहीं कर सकते हैं। हमारा मानना है कि जो सच है उसे सामने लेकर आना चाहिए।
राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाने का दावा है। प्रमुख एक्सप्रेस-वे की क्या स्थिति है और कब तक पूरे होंगे?
यूपी के इतिहास में सबसे बड़ा परिणाम हम लोगों को सड़क के रूप में मिल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला जून 2021 तक रखने की योजना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना का कार्य शुरू कर दिया गया है, जबकि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर लगभग 42 प्रतिशत कार्य हो चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लगभग पूरा हो चुका है। प्रदेश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे तथा सबसे अधिक स्टेट हाई-वे बनाए जा रहे हैं। इनसे जिलों को आपस में जोड़ा जा रहा है। जिलों से गांवों को जोड़ने के लिए मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (एमडीआर) और अदर डिस्ट्रिक्ट रोड (ओडीआर) योजना के तहत सड़कें बनाई जा रही हैं। हम ग्रामीण इलाकों में सड़कों का निर्माण कर रहे हैं। इसमें गुणवत्ता के साथ पर्यावरण संतुलन का भी ध्यान रखा जा रहा है। आप प्रदेश में कहीं भी जाएंगे तो लगेगा कि सड़कें बन रही हैं। खास बात यह है कि ठेकेदार और अधिकारी सत्ता के तहत हैं, पूर्व की सरकार की भांति नहीं। वे जनता का पैसा खा नहीं सकते हैं। जमीन पर मानक के अनुसार कार्य नहीं दिखेगा तो चाहे वह ठेकेदार हो या अधिकारी, उसे जेल ही जाना पड़ेगा।
सपा का कहना है कि सभी एक्सप्रेस-वे उनके समय के हैं। उन पर काम देरी से चल रहे हैं?
अखिलेश यादव जी अभी तक सपनों में ही जी रहे हैं। मैं देखता हूं कि इस प्रकार के उनके बयान अक्सर आते हैं। मैंने उनसे कहा है कि वे न तो मुख्यमंत्री हैं और न ही अगले 25 साल तक बनने वाले हैं। क्योंकि उनका कोई काम ऐसा नहीं रहा कि जिसकी वजह से प्रदेश की जनता उनको सत्ता में दोबारा लाएगी। पिछली सरकार में जो दो-चार काम शुरू हुआ था वह केवल दिखावा करना था, धरातल पर तो कुछ उनका था नहीं। हमारी सरकार को गड्ढा युक्त जर्जर सड़कें मिलीं, भ्रष्ट कानून-व्यवस्था मिली, बिजली के बदतर हालात मिले। आम जनता के जो अधिकार थे उसमें पूरी लूट मची हुई थी। लेकिन हमारी सरकार में पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो रहा है। जिसका जो हक है, उस तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इससे आम जनता में सरकार के प्रति भरोसा है। इसीलिए हम कहते हैं कि 100 में 60 फीसदी हमारा है, बाकी 40 फीसदी में बंटवारा है, उस बंटवारे में भी हमारा है।