कहने को तो विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी भगोड़े हैं। भारत में सजा मिलने के डर से ये देश छोड़ कर भाग गए। भारत में उनकी संपत्ति जब्त भी कर ली गई है और बैंक उसे बेचकर अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं। इसके बावजूद इन भगोड़ों के ऐशो-आराम में कोई कमी नहीं है। वे विदेश में उसी तरह मौज-मस्ती भरा जीवन जी रहे हैं जैसा वे कभी अच्छे दिनों में जीते थे। अपराध करने के बावजूद उनका रुतबा बरकरार है। हाल ही हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी जब डोमिनिका से गिरफ्तार हुआ तो एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश की विपक्षी पार्टी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी (यूपीपी) ने चुनावी फंडिंग के लिए चोकसी का साथ दिया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “मेरे प्रशासन पर मेहुल चोकसी को पनाह देने का आरोप लगाने के बाद अब वे अपने अभियान की फंडिंग के लिए उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
भले चोकसी मई 2021 में गिरफ्तार हो गया, लेकिन भारत में वह 2018 से फरार है। वह एंटीगुआ का नागरिक बन चुका था और शान से जिंदगी भी जी रहा था। जब उसे डोमिनिका से गिरफ्तार किया गया तो उस वक्त उसके साथ उसकी कथित गर्लफ्रेंड बारबरा जाराबिका भी थी। ऐसा माना जा रहा है कि मेहुल गर्लफ्रेंड के साथ वहां मौज-मस्ती करने गया था।
बारबरा की सोशल मीडिया प्रोफाइल के अनुसार वह इनवेस्टमेंट सलाहकार है। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ी है। वकीलों के अनुसार मेहुल और बारबरा एक साल से दोस्ती में थे और अक्सर मिलते रहते थे। बारबरा जाराबिका एक बेहद शानो-शौकत की जिंदगी जीती है। उसके अकाउंट से पता चला कि वह लग्जरी यॉट पर समुद्र में मौज-मस्ती की शौकीन है। वह मेहुल चोकसी के साथ प्राइवेट याट में मौज-मस्ती के लिए डोमिनिका पहुंची थी। वहीं पर चोकसी को पकड़ लिया गया।
हालांकि मेहुल चोकसी ने गिरफ्तारी के बाद इसे हनी ट्रैप बताया। उसने कहा, “एक साल से मेरी दोस्ती बारबरा जाराबिका से है। 23 मई को उसने कहा कि मैं उसे उसके घर से पिक कर लूं। लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो 8-10 लोगों ने मुझे घेर लिया और पीटने लगे। उसके बाद मेरा अपहरण कर लिया गया।”
हालांकि चोकसी के दावे को उनकी पत्नी ने ही एक इंटरव्यू में गलत साबित कर दिया। उन्होंने कहा, “जिस लड़की को रहस्यमयी लड़की, जालिम हसीन या चुड़ैल के रूप में दिखाया जा रहा है, वह अगस्त 2020 में एंटीगुआ आई थी। वहीं उसकी चोकसी से मुलाकात हुई और वह चोकसी के पास वाले घर में रहने लगी। उसे जैसा दिखाया जा रहा है, वैसी वह बिल्कुल नहीं है।” बारबरा का रहस्य जो भी हो, चोकसी जिस तरह तीन साल से भारतीय एजेंसियों को मात देकर आराम की जिंदगी जी रहा था, उससे साफ है कि उसे पकड़े जाने का कोई डर नहीं था।
ऐसा ही हाल किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सांसद विजय माल्या का है। वह 2016 से भारत से फरार है और लंदन में आराम की जिंदगी जी रहा है। किंगफिशर कैलेंडर शूट से लेकर ग्लैमरस पार्टियों के लिए मशहूर विजय माल्या के ऊपर बैंकों का करीब 10 हजार करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है। करीब पांच साल से उसे भारत लाने की कोशिशें जारी हैं लेकिन कुछ न कुछ कानूनी पेंचदीगियों का फायदा उठाकर माल्या अभी तक भारत आने से बचता रहा है। उसने एक ट्वीट में कहा, “टीवी देख रहा हूं और बार-बार मेरे नाम का जिक्र धोखेबाज के तौर पर हो रहा है। कोई यह क्यों नहीं मानता है कि किंगफिशर एयरलाइंस के उधार से अधिक मेरी संपत्ति ईडी ने कुर्क कर ली है। क्या मैंने कई बार नहीं कहा कि मैं 100 फीसदी उधार वापस कर दूंगा? चीटिंग या फ्रॉड कहां हैं?” लेकिन क्या माल्या इस बात का जवाब देंगे कि अगर उनकी नीयत इतनी साफ थी तो चोरी छिपे देश छोड़कर क्यों भागे?
भारत से भागने के बाद माल्या इंग्लैंड के हर्टफोर्डशायर में सेंट अलंबस के पास टिवेन गांव में रहता था। वहां 30 एकड़ में फैला उसका ‘लेडीवॉक’ बंगला है। वह उस इलाके का सबसे बड़ा बंगला बताया जाता है। माल्या का परिवार पहले से ही विदेश में रहता है। विजय माल्या घुड़दौड़ और कार रेसिंग का भी शौकीन हैं। टिवेन गांव में वह घुड़दौड़ और कार रेसिंग के इवेंट भी आयोजित करता रहता है। वहां भी वह अपने शाही खर्च के लिए मशहूर है। एक बार उसने क्रिसमस के मौके पर गांव के लोगों को 13 लाख का क्रिसमस ट्री खरीद कर गिफ्ट दिया था। उसे लंदन में एक क्रिकेट मैच में भी देखा गया था।
मतलब यह कि माल्या की लाइफ स्टाइल में कोई बदलाव नहीं आया। हालांकि ऐशो-आराम भरी इस जिंदगी का सच सामने आने पर उसने बड़ा रोचक बयान दिया। उसने कहा, “मेरे पास पैसे नहीं बचे हैं। मैं बच्चों के पैसे पर जीवन व्यतीत कर रहा हूं।”
एक और भगोड़े नीरव मोदी का भी यही हाल रहा है, जो फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है। उसे मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन गिरफ्तारी से पहले का जीवन दूसरे भगोड़ों की तरह कुछ कम ऐशो-आराम वाला नहीं था। गिरफ्तारी से पहले उन्हें अपना हीरो का कारोबार फिर से लंदन में खड़ा करना शुरू कर दिया था और पॉश इलाके में ऑफिस भी बना लिया था। जब उसे लंदन की सड़कों पर देखा गया था, तो उसकी जैकेट ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। उसने कोई आम जैकेट नहीं पहन रखी थी। उस जैकेट की कीमत करीब 10 हजार पाउंड (9 लाख रुपये) थी जो शुतुरमुर्ग के चमड़े और पंख से बनी थी। शुतुरमुर्ग के चमड़े से पर्स, बैग, जैकेट और बूट जैसे लग्जरी प्रोडक्ट बनाए जाते हैं।
यह सूची इन्हीं तीन लोगों तक खत्म नहीं होती है। फरवरी 2020 में केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि 72 ऐसे भारतीय हैं जिनपर आर्थिक अपराध के आरोप हैं और उन्हें विदेशों से लाने की कोशिशें हो रही हैं। अब तक दो भारतीय देश लाए जा सके हैं- विनय मित्तल और सनी कालरा। विनय मित्तल को 2018 में इंडोनेशिया से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। उस पर सात बैंकों के 40 करोड़ रुपये गबन का आरोप है। सनी कालरा को मार्च 2020 में सीबीआइ देश लेकर आई। उस पर पीएनबी के 10 करोड़ के गबन का मामला चल रहा है। इसके अलावा निशाल मोदी, ललित मोदी, दीप्ति सी. संदेसरा, संजय कालरा, एस.के. कालरा, आरती कालरा, वर्षा कालरा, उमेश पारेख, कमलेश पारेख, नीलेश पारेख जैसे लोगों के नाम भी शामिल हैं। ये भगोड़े विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी की तरह ज्यादा चर्चा में नहीं रहे, लेकिन बैंकों का पैसा लूट कर वे सब विदेश में ठाठ से जीवन बिता रहे हैं।
इन भगोड़ों को भारत वापस लेने में सबसे बड़ी समस्या प्रत्यर्पण संधि की है। भारत की दुनिया के 58 देशों से ही प्रत्यर्पण संधि है। ऐसे में भगोड़े जानबूझकर ऐसे देशों का रुख करते हैं, जहां से उनका प्रत्यर्पण आसान नहीं है। इन परिस्थितियों में भारत सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे अपराधियों को न केवल अपराध करने से रोके बल्कि उन्हें किसी भी हालत में देश छोड़कर भागने न दे। जो लोग चले गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लाया जाए और कानून के मुताबिक सजा दिलाई जाए। ऐसा होगा तो दूसरों के लिए वह कदम नजीर बनेगा और वे अपराध करने से डरेंगे।
लंदन में जब नीरव मोदी दिखा तो वह शुतुरमुर्ग के चमड़े और पंख से बनी 9 लाख रुपये की जैकेट पहने था