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अंतरिक्ष उड़ान : ऊंचे आकाश में तफरीह

दुनिया के दो अरबपतियों ने अंतरिक्ष पर्यटन की नई राह खोली, मगर सवाल यही कि यह कितना परवान चढ़ेगी
अंतरिक्ष यान

ब्रिटेन के रईस व्यापारी रिचर्ड ब्रैनसन और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने अमीरों के बीच एक नया शिगूफा छेड़ दिया है। दोनों ने कई लोगों के मन में अंतरिक्ष की सैर का सपना रोप दिया। बेजोस की उस कल्पना को भी बल मिला जिसमें वे चांद पर रहने और दफ्तर खोलने का सपना देखते हैं। अंतरिक्ष की उनकी यात्राओं ने पर्यटन की एक नई राह भी खोल दी है। हालांकि ये उड़ानें, ‘एज ऑफ स्पेस' यानी अंतरिक्ष के सिरे की यात्रा थी। 11 जुलाई को रिचर्ड ब्रैनसन का यूनिटी रॉकेट उन्हें और पांच अन्य यात्रियों को पृथ्वी से लगभग 85 किलोमीटर ऊपर लेकर गया। उन यात्रियों में भारतीय मूल की सिरिशा बांदला भी थीं। कुछ दिनों बाद 20 जुलाई को जेफ बेजोस भी अंतरिक्ष की परिक्रमा कर आए। बेजोस भले ही नौ दिन बाद अंतरिक्ष की सैर को निकले लेकिन वे ब्रैनसन से एक कदम आगे निकल गए। न्यू शेपर्ड कैप्सूल में वे 106 किलोमीटर की ऊंचाई तक गए।

इन अंतरिक्ष यात्राओं की पूरी दुनिया में चर्चा हुई। यकीनन दोनों चाहते भी थे। क्योंकि जब मीडिया में अंतरिक्ष घूमने की चर्चा हुई तो ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक और बेजोस के ब्लू ऑरिजिन ब्रांड को हर व्यक्ति जानने लगा। रूस के यूरी गागरिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके अंतरिक्ष में जाने से अब तक लगभग 600 प्रशिक्षित यात्री अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा में जा चुके हैं। लेकिन कम ही ऐसे हैं, जिन्हें एस्ट्रोनॉट का दर्जा मिला है। एस्ट्रोनॉट बनने में कई तकनीकी पेच हैं। लेकिन इतना तो तय है कि रोमांच की चाह रखने वालों को शायद ही इस बात से फर्क पड़े कि उन्हें एस्ट्रोनॉट कहा जा रहा है या नहीं। दो हाइप्रोफाइल अंतरिक्ष सैर ने इसे पर्यटन के नए क्षेत्र के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया है। हजारों लोग अंतरिक्ष यात्रा के लिए जेब ढीली करने को तैयार हैं। दोनों कंपनियां लोगों को प्रशिक्षण देकर अंतरिक्ष में ले जाएंगी।

ब्रैनसन की कामयाब यात्रा ने पृथ्वी की कक्षा के भीतर यानी सबऑर्बिटल टूरिज्म के नए रास्ते खोले हैं, वहीं बेजोस की यात्रा ने अंतरिक्ष के सिरे तक स्पेस ट्रैवल के बाजार को नया रास्ता दिखाया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो 2030 तक स्पेस टूरिज्म मार्केट करीब तीन अरब डॉलर का होगा। इस खेल में ब्रैनसन और बेजोस के अलावा टेस्ला के एलन मस्क भी हाथ आजमाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कंपनी स्पेसएक्स और बोइंग भी स्पेस टूरिज्म के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। जल्द ही मस्क भी अंतरिक्ष में लोगों को ले जाने का लाइसेंस हासिल कर लेंगे।

दुनिया के सबसे धनवान शख्स 57 साल के बेजोस ने 2000 में ब्लू ओरिजिन और ब्रैनसन ने 2004 में वर्जिन गेलेक्टिक की स्थापना की थी। बेजोस का सपना है कि उनकी कंपनी अंतरिक्ष में कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण के साथ अस्थायी कॉलोनियां बनाए, जहां लोग काम करने के अलावा रह भी सकें। अब उनकी कंपनी न्यू ग्लेन नाम से एक रॉकेट बनाने के अलावा एक मून लैंडर पर भी काम कर रही है। बेजोस की कंपनी ने घोषणा की है कि इस साल के आखिर तक अंतरिक्ष के लिए दो और उड़ान चलाएगी। ब्रैनसन की कंपनी की योजना 2022 तक लोगों को स्पेस ले जाने की है।

ब्रैनसन लंबे समय से अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी कर रहे थे। लेकिन उनकी योजना को तब तगड़ा झटका लगा जब, 2014 में एक इन-फ्लाइट दुर्घटना में पायलट की मौत हो गई। इससे उनका अंतरिक्ष कार्यक्रम लंबे समय तक टल गया। वीएसएस यूनिटी ने 2018 और 2019 में तीन बार सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में उड़ान भर कर वापसी की और ब्रैनसन ने अपनी योजना को साकार किया। दिलचस्प बात यह है कि ब्रैनसन की इतनी जल्दी अंतरिक्ष यात्रा की कोई योजना नहीं थी। सभी जगह बेजोस के ही अंतरिक्ष में जाने की खबरें थीं। लेकिन जब ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक को 25 जून को लाइसेंस मिला तो कंपनी ने 11 जुलाई को मिशन स्पेस की घोषणा कर दी।

इतनी मेहनत और चर्चा के बावजूद बेजोस और ब्रैनसन को एस्ट्रोनॉट का दर्जा नहीं मिला है। अमेरिकी सरकार ने नए नियमों का हवाला देते हुए दोनों को एस्ट्रोनॉट मानने से इनकार कर दिया। ये नियम हाल ही में बदले गए हैं। न्यू फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के नियम कहते हैं कि उसी व्यक्ति को एस्ट्रोनॉट का दर्जा दिया जाएगा जिसने स्पेस फ्लाइट सेफ्टी में हिस्सा लिया हो और वह फ्लाइट क्रू का हिस्सा हो। हालांकि नियमों में उसी दिन संशोधन किए गए, जिस दिन बेजोस ने उड़ान भरी थी। नए नियमों के तहत एक श्रेणी कमर्शियल एस्ट्रोनॉट की भी बनाई गई है। कमर्शियल एस्ट्रोनॉट उस व्यक्ति को माना जाएगा, जिसने पृथ्वी की सतह से 50 मील ऊपर यात्रा की है। बेजोस और ब्रैनसन इस दूसरी श्रेणी में आते हैं।

हालांकि अंतरिक्ष यात्रा के लिए दोनों अरबपतियों को आलोचना भी झेलनी पड़ी। लोगों का कहना था कि दुनिया जब महामारी के सबसे खराब दौर से गुजर रही है, तब दुनिया के अमीर लोगों में शुमार बेजोस और ब्रैनसन को मानवता की सेवा के लिए आने आना चाहिए था न कि अंतरिक्ष यात्रा जैसी फिजूल बात पर पैसा लगाना था। दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जो पैसों की कमी के कारण वैक्सीन नहीं खरीद पा रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि बेजोस के अंतरिक्ष यात्रा पर खर्च किए गए पैसे से अगर कोवैक्स को फंडिंग की गई होती तो चार अरब डोज खरीदे जा सकते थे। यानी इससे दुनिया की दो अरब आबादी का टीकाकरण संभव था।

 2 करोड़ डॉलर और चांद का चक्कर

अमेरिका के एक इंजीनियर डेनिस टीटो पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने निजी तौर पर धरती का चक्कर लगाने के लिए 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। टीटो ने रूस के स्टार सिटी परिसर में तीन महीने का कड़ा प्रशिक्षण लेने के बाद 2001 के अप्रैल महीने में धरती का चक्कर लगाया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूस के खंड में छह दिन गुजारने के लिए दो करोड़ डॉलर का भुगतान किया था। उनके बाद सिर्क डु सोलेइल कंपनी के संस्थापक गाय लैलिबर्ते ने 2009 में अंतरिक्ष की यात्रा की। उन्होंने इस यात्रा के लिए साढ़े तीन करोड़ डॉलर का टिकट लिया था।

 

कहां है अंतरिक्ष

स्पेस यानी अंतरिक्ष की परिभाषा में काफी भिन्नता है। कुछ लोगों का मानना है कि वायुमंडल खत्म होते ही अंतरिक्ष शुरू हो जाता है। वायुमंडल के खत्म होने का मतलब है, हवा का खत्म होना। लेकिन हवा कहां एकदम खत्म हो जाती है, यह ठीक पता नहीं लगाया जा सका है। नासा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल रिकॉर्ड रखने वाले संगठन 'फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनल' के अनुसार एक काल्पनिक लकीर कारमन लाइन से अंतरिक्ष की शुरुआत होती है। यह काल्पनिक लकीर समुद्र की सतह से 100 किमी ऊपर है। यदि कोई व्यक्ति इस कारमन लकीर को पार कर लेता है, तो उसे एस्ट्रोनॉट का दर्जा दिया जाता है।

बेजोस के साथ उनके भाई मार्क बेजोस, बुजुर्ग महिला वैली फंक, नीदरलैंड्स के 18 वर्षीय ऑलिवर डेमेन भी थे। डेमेन अंतरिक्ष में जाने वाले सबसे कम उम्र के शख्स बन गए हैं। हालांकि बोली में डेमेन के पिता को टिकट मिला था, लेकिन किसी कारण से वे नहीं जा पाए तो डेमेन को यह मौका मिला।

 

सैर की होड़

ब्रैनसन की यात्रा अवधि 11 मिनट रही

वीएसएस यूनिटी रॉकेट 50,000 फुट की ऊंचाई पर गया। यूनिटी ने पृथ्वी के वातावरण के बाहरी किनारे पर करीब 8 किलोमीटर की यात्रा की

बेजोस वेस्ट टेक्सस से 20 जुलाई को गए। उसी दिन चंद्रमा पर अपोलो 11 के उतरने की 52वीं वर्षगांठ थी

बेजोस की ब्लू ओरिजिन की यह पहली क्रू फ्लाइट थी

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