गोवा पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इसका एक कारण वहां महसूस होने वाली आजादी भी है। लेकिन हाल ही में राज्य विधानसभा ने निर्णय लिया है कि समुद्र तट पर खुले में पर्यटक न शराब पी सकेंगे न होटल बारबेक्यू चला पाएंगे न छोटे रेस्टोरेंट खुले में खाना पका पाएंगे।
कहीं खुशी कहीं निराशा
इस निर्णय के बाद उन पर्यटकों में उत्साह है, जो परिवार के साथ आते हैं। कई पर्यटकों का मानना है कि यह प्रतिबंध बहुत अच्छा है क्योंकि इससे समुद्र तट (बीच) साफ रहेंगे। इससे आसपास का वातावरण भी साफ होगा।
लोगों का मानना है कि सार्वजनिक जगहों पर शराब पीना या खाना बनाना पूरे देश में प्रतिबंधित होना चाहिए। बल्कि यह निर्णय कुछ साल पहले ही आ जाना चाहिए था। कुछ विदेशी पर्यटक भी इसे अच्छा कदम मान रहे हैं।
एक विदेशी जोड़े का कहना है कि जो भी शराब पीना चाहे उसे अपने होटल के कमरे में बैठ कर यह करना चाहिए। सार्वजनिक रूप से इसे करना ठीक नहीं। हम खुश है कि राज्य विधानसभा ने इस तरह का निर्णय लिया है। क्योंकि लोग बीयर के कैन, शराब की बोतलें बीच पर ही छोड़ जाते हैं। वहां आसपास डस्टबिन भी नहीं होते जिससे गंदगी फैलती है। अब इस निर्णय के बाद बीच साफ और सुंदर रहेंगे। लेकिन कुछ पर्यटक ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि फिर गोवा जाने का क्या मजा।
लेकिन स्थानीय लोग जो छोटे रेस्त्रां चलाते हैं वे इस निर्णय से खुश नहीं हैं। ऐसे ही एक स्थानीय नागरिक का कहना है कि सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने पर प्रतिबंध लगाने के बजाय सरकार को शराब पीने के बाद बॉटल तोड़ने या पीकर किसी तरह की बहस या झगड़े पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए था।
इसी साल हुआ संशोधन
गोवा विधानसभा ने इसी साल 31 जनवरी को राज्य पर्यटन नियम में संशोधन किया है। संशोधन में सार्वजनिक रूप से शराब पीने और खुले में खाना पकाने के साथ कांच की बॉटल तोड़ने को आपराधिक कृत्य में शामिल कर दिया है। नियम तोड़ने वाले पर दो हजार रुपये का जुर्माना होगा। यदि एक व्यक्ति यह नियम तोड़ता है तो जुर्माने की राशि दो हजार होगी। लेकिन समूह में कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो दस हजार रुपये जुर्माना देना होगा।