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बम भोले की यात्राएं

बम भोले के भक्त उनके दर्शनों के लिए यात्राएं कर रहे हैं। कैलाश मानसरोवर के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा भी जारी है। भक्तों के जत्थे भोले के दर्शनों के लिए बर्फ के बीच से रास्ता बनाते हुए चल रहे हैं।
बम भोले की यात्राएं

इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा का अलग ही रोमांच है। चीन की रास्ता खोल कर दरियादिली दिखाने से कैलाश पहुंचने का रास्ता छोटा हो गया है। तीसरी बार इस यात्रा पर गए राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने नाथुला के बदलाव को देखा है। उन्होंने कहा, संघर्ष का बिंदु नाथुला अब चाय पार्टी का बिंदु बन गया है। तरुण विजय नाथुला दर्रे से होते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीन की सीमा में दाखिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों से काफी प्रभावित हुए है।

 

रास्ता छोटा होने से इस बार तीर्थयात्री सिर्फ पंद्रह दिनों में मानसरोवर पहुंच रहे हैं। इस वजह से तीर्थयात्रियों में बहुत उत्साह है। तरुण विजय ने कहा कि जो नाथुला दर्रा अब तक संघर्ष का बिंदु हुआ करता था अब वह चाय पार्टी का केंद्र हो गया है।

 

दूसरी ओर बम भोले की ही एक और यात्रा चल रही है। भारत में होने वाली इस यात्रा के लिए हमेशा से ही भक्तों में बहुत उत्साह होता है। अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों का एक और जत्था रवाना हो गया है। दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रियों के एक और जत्थे को कड़ी सुरक्षा के बीच यहां के आधार शिविर से रवाना किया गया।

 

पहलगाम और बालटाल से शुरू होने वाली इस यात्रा में शामिल होने के लिए पूरे भारत भर से श्रद्धालु आते हैं। यह यात्रा हर साल छड़ी मुबारक यानी रक्षाबंधन के त्योहार तक चलती है। रक्षाबंधन के दिन इस यात्रा का समापन होता है।

 

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