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6 अप्रैल: भाजपा के 45वें स्थापना दिवस पर विशेष

4 अप्रैल 1980 की बात है। जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष स्व चंद्रशेखर जी, मोहन धारिया एवं स्व मधु लिमये...
6 अप्रैल: भाजपा के 45वें स्थापना दिवस पर विशेष

4 अप्रैल 1980 की बात है। जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष स्व चंद्रशेखर जी, मोहन धारिया एवं स्व मधु लिमये जनता पार्टी के जनसंघ घटक से बार-बार कह रहे थे कि आपकी दोहरी सदस्य्ता नहीं चलेगीl आपको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  से अपनी सदस्य्ता खत्म करनी होगीl तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं सूचना प्रसारण राज्यमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी लगातार समझाते रहे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमारी मातृ संस्था हैl बाल्यकाल से हमने वहां से संस्कार प्राप्त किये हैंl संघ में कोई सदस्यता नहीं होती, संघ एक सांस्कृतिक संगठन है, जो देश की संस्कृति, भारतीय परंपरा, राष्ट्रवाद एवं सनातन धर्म के लिए काम करता हैl बावजूद इसके जनता पार्टी के अन्य घटक दलों ने नहीं मानीl जबकि सच्चाई यह थी कि आपातकाल के बाद जनसंघ भारत का पहला राजनैतिक दल था जिसने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने दल का नाम और चुनाव चिन्ह दीपक भी मिटा दियाl अटलजी और आडवाणीजी की बात जनता पार्टी नेताओं ने यहां तक की मोरारजी भाई देसाई जो उस समय प्रधानमंत्री थे, उन्होंने भी इस विषय पर नही सुनी और चुप्पी साध लीl मुझे आज भी स्मरण है कि अटलजी ने और आडवाणीजी ने तत्कालीन पूर्व संगठन मंत्री सुंदर सिंह भंडारी जी से आग्रह किया कि 4 अप्रैल 1980 को देश के अपने सभी प्रांतों और राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख नेताओं की आपात बैठक बुलाई जाएl     

        हमारे मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और ग्वालियर के तत्कालीन सांसद नारायण कृष्ण शेजवलकर भी उस बैठक में गएl मैं समाचारपत्र में था और देश में जनसंघ का पहला अपना निजी कार्यालय जो ग्वालियर में बना था, उसमें रहता थाl मैं भी स्वर्गीय शेजवलकर जी के साथ बैठक में बतौर पत्रकार चला गयाl बैठक प्रारंभ हुईl पहले आडवाणीजी ने जनता पार्टी से उत्पन्न सभी बातें रखींl उन्होंने कहा कि दोहरी सदस्यता के नाम जनता पार्टी के अन्य घटक हमें संघ के 'स्वयं सेवक' नहीं रहने और उनके कार्यक्रमों के साथ-साथ संघ की सदस्य्ता छोड़ने की बात कर रहे हैंl उन्होंने कहा कि हमने और अटलजी ने जनता पार्टी के नेताओं को बहुत समझाने की कोशिश की और कहा कि संघ में सदस्यता नही  होती है संघ से हमारा वैचारिक संबंध है। लेकिन जनता पार्टी नेताओं और अन्य घटकों को यह बात समझ में नहीं आई। वहां उपस्थित सर्वश्री जगन्नाथ राव जोशी, भैरो सिंह शेखावत, सुंदर सिंह भंडारी, केदारनाथ साहनी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार, विजय कुमार मल्होत्रा, कुशाभाऊ ठाकरे, जे.पी. माथुर, कैलाशपति मिश्र, उत्तम राव पाटिल, विष्णुकांत शास्त्री, ओ. राजगोपाल, यज्ञदत्त शर्मा, मदनलाल खुराना, अश्विनी कुमार, केशुभाई पटेल, यदुरप्पा जी सहित देश के सौ सवा सौ से अधिक नेताओं ने एक साथ कहा कि हम सबसे पहले स्वयंसेवक हैं और संघ से हमारा नाता मरणोंपरांत भी नहीं छूट सकताl इसके लिए भले ही जनता पार्टी छोड़ना पड़ेl

 

     अंत में सभी की भावना सुनकर अटलजी भाव विभोर हो गए और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं और सदैव रहेंगेl लेकिन अब जनता पार्टी के सदस्य नहीं रहेंगेl उपस्थित सभी नेताओं ने अटल जी की बात सुनकर तालियां बजाई और एक स्वर से कहा कि हमने जनसंघ राजनैतिक दल जनता पार्टी में मिलाया था, पर जनसंघ के कार्यकर्ता तो आज भी गांव-गांव में हैंl जनसंघ के कार्यकर्ताओं और संघ के सहयोग के कारण ही जनता पार्टी को देश में इतनी सीटें सन 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद मिलीl बैठक में एक समिति सुंदर सिंह भंडारी की अध्यक्षता में बनाई गई, और इस समिति को नया दल, नया चुनाव चिन्ह और नया संविधान बनाने का कार्य सौंपा गयाl

           6 अप्रैल 1980 को पुनः देशभर के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई और नये दल भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुईl चुनाव चिन्ह कमल का फूल घोषित किया गया और दल का संविधान बनाने का कार्य शुरू हुआl भाजपा बन गईl इसका पहला अधिवेशन मुंबई के माहिम क्षेत्र में आयोजित किया गयाl सभी वरिष्ठ नेतृत्व ने एक स्वर में जनसंघ के तीन बार अध्यक्ष रहे अटल बिहारी वाजपेयी को लाखों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कियाl अनेक प्रस्ताव पारित हुएl जनसंघ घटक से क्यों अलग हुआ, जनता पार्टी क्यों टूटी, उसपर भी आडवाणी जी ने विचार रखेंl उसी शाम अपने अध्यक्षीय भाषण में अटल जी ने कहा "अंधेरा छटेगा सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा"l इसी अधिवेशन में प्रसिद्द न्यायाधीश  एम. सी. छागला भी उपस्थित थेl मंच के पीछे बैनर पर लिखा था गद्दी छोड़ो कि जनता आती है। इस अवसर पर छागलाजी ने  कहा  था कि मैं अपनी आंखों के सामने देख देख रहा हूं कि भाजपा आ रही है और भविष्य में देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी होंगे l

             सन 84 में चुनाव हुएl चुनाव के बीच में ही इंदिरा जी की हत्या हो गईl भाजपा को देश में सिर्फ दो ही सीटें मिलीl एक गुजरात के मेहसाणा से अशोक पटेल और दूसरा आंध्र प्रदेश से जंगा रेड्डी चुनाव जीतेl यहां तक कि अटल जी ग्वालियर से 84 के चुनाव में माधवराव सिंधिया से हार गएl देश में निराशा छा गईl अटल जी उठे, कहा कि हम चुनाव हारे हैं लड़ाई नहींl हम दुगुनी ताकत से पूरे देश में कमल खिलाएंगेl कार्यकर्ता तो देश भर में थे। राष्ट्रीय एवं प्रांतीय नेतृत्व ने पूरे भारत का अखंड प्रवास कर छोटे बड़े कार्यकर्ताओं और भारत की जनता को जगाने का कार्य जारी रखा। धीरे-धीरे हर लोकसभा चुनाव में भाजपा की संख्या बढ़ती गईl सन 1989 में 85 सीटें और सन 1991 में भाजपा को 120 सीटें मिलींl

        एक स्थिति यह आई कि सन 1996 के चुनाव में भाजपा को 182 सीटों पर जीत मिलीl सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने अटल जी को प्रधानमंत्री की शपथ के लिए बुलायाl अटल जी ने प्रधानमंत्री की शपथ लीl लेकिन वह सरकार मात्र 13 दिन तक चलीl फिर चुनाव हुए, पुनः भाजपा को सहयोगियों के साथ यानी उस समय के एनडीए के साथ अच्छी सीटें मिलीl अटल जी पुनः 13 महीने के लिए प्रधानमंत्री बनेl सहयोगियों ने धोखा दिया और अटल जी की सरकार एक वोट से गिर गईl अटल जी ने अपना इस्तीफा देने से पहले संसद में अपने भाषण में कहा ' सरकारें आएंगी जाएंगी लेकिन हम खरीद-फरोख्त से बनी सरकार को चिमटी से भी नहीं छुएंगेl हालांकि 1990 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, हिमाचल और राजस्थान में भाजपा की बहुमत से सरकारें बन चुकी थीl इन राज्यों के चुनावों में कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई थी।

          सन 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए की सरकार सभी सहयोगी दलों के सहयोग से बनी और अटलजी तीसरी बार पांच साल तक प्रधानमंत्री बने रहेl फिर सन 2004 में लोकसभा चुनाव में भाजपा पराजित हुई और यूपीए की सरकार बनीl उसके बाद यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री राजनेता कम नौकरशाह रहे डॉ. मनमोहन सिंह बनेl यह सरकार दस साल चलीl इन दस सालों में यूपीए सरकार घोटालों में डूब गई। पूरे देश में यूपीए से देश के करोड़ों लोग निराश हो चुके थे।

 लेकिन इतिहास करवट लेता हैl गुजरात में बारह वर्ष शानदार सरकार चलाने वाले नरेंद्र मोदी को भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने लोकसभा चुनाव के प्रचार का संयोजक और कुछ दिनों बाद उन्हें भाजपा की ओर से देश का भावी प्रधानमंत्री बनाने की दलीय घोषणा कीl नरेंद्र भाई का नाम आते ही देश में एक नए राजनैतिक युग का संचार हुआl नई आशाएं जगी उम्मीदों की नई किरणें दिखने लगीl गुजरात के विकास की अमिट छाप देश ने देखा थाl नरेंद्र मोदी ने भारत का अखंड प्रवास कर पूरे देश का विश्वास जीता और तीस वर्ष बाद किसी एक पार्टी (भाजपा) की बहुमत की सरकार बनीl कुल सीटें भाजपा की 282 एवं एनडीए की 336 आईl उसके बाद प्रधानमन्त्री एक दिन भी नही रुके। उनके कदम बढ़ते गए। इसी बीच में राजनाथ सिंह देश के गृह मंत्री बने और भाजपा के नए अध्यक्ष भाजपा के महामंत्री और यूपी के प्रभारी रहे अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। संगठन का कार्य संभालते ही अमित भाई ने अपने अखंड प्रवास और  अनेकानेक कार्यों और कार्यक्रमों से पूरे भारतवर्ष में भाजपा को खड़ा कर विश्व में भाजपा को सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाकर इतिहास रचा। हर जिलों में भाजपा कार्यालय सहित 12 ऐसे कार्य सौंपे जिसे भाजपा के हर जिलों में होना ही था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां चन्द्रमा पर तिरंगा वैज्ञानिकों से फहरवाया, वहीं भाजपा को यानि एनडीए को शीघ्र ही राजनीति में एवरेस्ट की चोटी पर लाकर खड़ा कर दियाl पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक आज भाजपा और एनडीए का झंडा फहरा रहा हैl भारत को परिवारवाद, वंशवाद की राजनीति से मुक्त, भ्रष्टाचार से मुक्ति और गरीब, महिला, किसान, युवा के लिए अपनी सरकार समर्पित कर दीl आज जहां विश्वभर में मोदी जी का लोहा माना जा रहा है, वहीं पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को दिखा दिया की अगर आंख दिखाओगे तो हम अब आंख नहीं दिखाएंगे, बल्कि आंख निकालेंगेl भारत के गांव गरीबों की ही नहीं बल्कि विकास के इतने आयाम तय किए  कि सन 2019 में भाजपा को 303 सीटें अकेले मिलीl और एनडीए को कुल 352 सीटें मिलीl  26 मई 2014 से लेकर अब तक एक दिन भी आराम न करने और छुट्टी नहीं मनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो अपनी 100 वर्षीय माता जी के निधन के दिन भी अंत्येष्ठि के 3 घंटे बाद भारत माता के राष्ट्रीय कर में जुट गए। वे तब से लेकर अभी तक न थमें, ना थके और ना रुके। इतना ही नही उन्होंने 10 वर्षों में दीपावली उन सैनिक के बीच जो सरहद पर भारत माता की रक्षा के लिए घर-द्वार छोड़कर काम करते हैं उनके बीच जाकर मनाई और सैनिकों को विश्वास दिलाया कि वे सैनिकों के साहस को सदैव सेल्यूट करते हैं।

            सन 2024 का यह पहला लोकसभा  चुनाव है जहां देश की करोड़ों जनता ही नहीं, दबे शब्दों में सभी विपक्ष कह रहे हैं कि तीसरी बार भाजपा सरकार बनेगी और मोदी जी फिर से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगेl यह आठवां आश्चर्य है कि लोकसभा चुनाव होने की दिशा में बढ़ रहा है और परिणाम 4 जून 2024 को आएगा, पर देश ने चुनाव से पहले ही अपना जनस्वरों में परिणाम दे दिया है कि अपनी 45वी वर्षगांठ पर भाजपा पुनः तीसरी बार आएगी, कमल खिलेगा और मोदी जी आएंगे और उनकी गारंटी पर देश मुहर लगाने को तत्पर हैl 

  मोदी जी ने जन संघ के जमाने में घोषणा पत्र में जो बातें आज तक कहीं जा रही थी, उसे साकार करने की दिशा में एक पल भी नहीं गंवाया। आज विश्व उनका लोहा मान रहा है। वे पिछले 10 वर्षों में भारत के युग पुरुष ही नहीं बल्कि विश्व के युग पुरुष बनने की दिशा में बहुत आगे निकल गए। 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद आगामी 5 वर्ष और 2047 तक भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर ले जाने का आत्मविश्वास दिखाया है। यह बात देशवासियों के मन और मस्तिष्क में इस कदर बैठ गया है कि देश स्वयं कह रहा है कि ‘अबकी बार फिर मोदी सरकार’।

(लेखक पूर्व सांसद एवं पूर्व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)

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