नाइजीरिया में 14 फरवरी को होने वाले मतदान की तारीख इस्लामी उग्रवाद की वजह से आगे बढ़ा कर 28 मार्च कर दी गई है। अधिकारियों को उम्मीद है कि सेना के अभियान के चलते चुनाव से पहले हिंसा पर काबू पाया जा सकेगा।
हमलों की ताजा लहर से जाहिर होता है कि इस माह शुरू किए गए संयुक्त अभियान की सफलता के दावों के बावजूद नाइजीरिया और उसके पड़ोसी देशों...कैमरून, चाड और नाइजर के सामने चुनौती कम नहीं हुई है।
बोकोहरम के नेता अबुबकर शेकाउ ने ट्विटर पर डाले गए एक नए वीडियो में कहा अगर हम मर भी जाएंगे तो भी चुनाव नहीं हो पाएंगे।
शेकाउ की धमकी से पहले नाइजर के राष्टपति महमदोउ इसोउफोउ ने अपने देश को विद्रोहियों से मुक्त कराने का संकल्प जताया। बीते छह साल में विद्रोहियों की हिंसा की वजह से 13,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
राजधानी नियामी में विद्रोहियों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली भीड़ को अपने संबोधन में राष्टपति ने कहा नाइजर बोकोहराम का सफाया करेगा। वहीं दूसरी ओर बोकोहराम की हिंसा में 38 लोग मारे गए। नाइजीरिया के बोरनो राज्य में मशीनीकृत रिक्शा में आए तीन हमलावरों ने बिउ शहर के पास स्थानीय समयानुसार करीब 17 बज कर 30 मिनट पर एक पुलिस चौकी में विस्फोट कर दिया।