44 वर्षीय जिंदल ने कल अमेरिकी राजनीतिक पंड़ितों को हैरान कर देने वाले अपने बयान में कहा, यह मेरा समय नहीं है इसलिए मैं राष्ट्रपति पद के लिए अभियान रोक रहा हूं। उन्होंने कहा, मैं आपको बता नहीं सकता कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए अभियान चलाना कितने सम्मान की बात है। मेरे अभिभावक आजादी और मौके की तलाश में 45 साल पहले इस देश में आए थे।
लुइसियाना के गवर्नर ने कहा कि उनका मानना है कि रिपब्लिकन को प्रगति की पार्टी बनना होगा और पार्टी में कभी इसे रोका नहीं जा सकता जो कि अवसर में यकीन रखती है। उन्होंने कहा, हम ईर्ष्या और बंटवारे की वामपंथी सोच नहीं रख सकते। हम एक पार्टी हैं जो कहती है कि इस देश में हर कोई सफल हो सकता है चाहे कोई कहीं भी जन्मा हो या उसके अभिभावक कोई भी हों।
जिंदल को अक्सर एक प्रतिशत से कम मत मिले और कहा जाता है कि उनके अभियान पर वित्तीय दबाव भी बना रहा। जिंदल के उस बयान के कारण भारतीय-अमेरिकियों के बीच भी उनके अभियान को लेकर उत्साह पैदा नहीं हो पाया, जिसमें उन्होंने भारतवंशी की पहचान से खुद को अलग रखने की कोशिश की।
जिंदल के दौड़ से हटने के बाद नामांकन की दौड़ में अब रिपब्लिकन के 14 दावेदार हैं जिसमें रियल इस्टेट कारोबारी और अग्रणी दावेदार डोनाल्ड टंप, सेवानिवृत्त न्यूरोसर्जन बेन कारसन, सीनेटर मार्का रूबियो और फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर जेब बुश का नाम है।