पुलिस ने बताया कि यह गोलीबारी उस समय की गई जब काउंटी स्वास्थ्य विभाग के कर्मी इनलैंड रीजनल सेंटर में आयोजित एक पार्टी में भाग ले रहे थे। गोलीबारी के दौरान केंद्र में 500 से अधिक लोग मौजूद थे। गोलीबारी की घटना को अंजाम देने के बाद लड़ाकू शैली की पोशाक पहने दम्पति एक काली एसयूवी में सवार होकर फरार हो गया जिसके कारण पुलिस को काफी दूर तक उनका पीछा करना पड़ा। कुछ घंटों बाद हमलावर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
मारे गए हमलावरों की पहचान
पुलिस ने मुठभेड़ में मारी गई महिला की पहचान 27 वर्षीय तशफीन मलिक और पुरूष की पहचान 28 साल के सैयद फारूक के रूप में की है जो कि अमेरिकी नागरिक था। तशफीन की नागरिकता का तत्काल पता नहीं लग पाया। सान बर्नारदिनो पुलिस प्रमुख जैरोड बुर्गुआन ने बताया कि हमलावरों के पास असाॅल्ट राइफलें और पिस्तौलें थीं। संदिग्धों के रिश्तेदारों ने कहा कि दोनों विवाहित थे। फारूक काउंटी स्वास्थ्य विभाग में एक पर्यावरण विशेषज्ञ था। पुलिस का मानना है कि गोलीबारी में केवल वही दो लोग शामिल थे जो मुठभेड़ में मारे गए।
फारूक का नाम सार्वजनिक होने के बाद उसके रिश्तेदार फरहान खान ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया जिसमें उसने बताया कि उसने एक सप्ताह पूर्व फारूक से बात की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या फारूक धर्म से प्रभावित था, फरहान ने कहा, मुझे कोई अंदाजा नहीं है कि उसने एेसा क्यों किया। मैं खुद सदमे मैं हूं। फरहान काउंसिल आॅन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के नेताओं के साथ खड़ा था जिन्होंने इस हिंसा की कड़ी निंदा की।
ऑफिस का झगड़ा हो सकता है वजह
अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ता कार्यस्थल पर पूर्व में हुए एक झगड़े पर संभवत: ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बताया जाता है कि फारूक गुस्से में कार्यालय की पार्टी बीच में छोड़कर चला गया था जिसके बाद वह तशफीन के साथ लौटा। हालांकि, यह जानकारी देने वाला अधिकारी इस बारे में टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं है। इससे पहले लाॅस एंजिलिस में एफबीआई के सहायक निदेशक डेविड बाउडिच ने बताया कि इस घटना को संभवत: आतंकवाद की तरह देखा जा रहा है। अभी तक हमलावरों के मकसद के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन हमले के तरीके और हथियारों को देखते हुए सुनियोजित हमजे की आशंका जताई जा रही है।
2012 के बाद सबसे बड़ा गोलीकांड
वर्ष 2012 में कनेक्टिकट के एक प्राथमिक स्कूल में हुए जनसंहार के बाद अमेरिका में यह अब तक की सबसे घातक गोलीबारी है। कनेक्टिकट की घटना में 26 लोग मारे गए थे। हाल की घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, हमें एेसा कभी नहीं सोचना चाहिए कि यह सामान्य घटना है क्योंकि इतनी जल्दी-जल्दी एेसी घटनाएं किसी अन्य देश में नहीं होती। इसे बदले जाने की जरूरत है। सीबीएस न्यूज को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने स्वीकार किया कि कानून जनसमूहों पर होने वाली गोलीबारी की घटनाओं पर पूरी तरह लगाम नहीं लगा सकता लेकिन इससे इतना सुधार तो लाया ही सकता है कि ये इतनी जल्दी-जल्दी न हों। कैलिफोर्निया के गवर्नर एडमंड ब्राउन ने एक बयान में कहा कि प्रशासन इन हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।