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अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों के बीच महात्मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया गया नुकसान, अमेरिका ने मांगी माफी

अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को कुछ अराजक...
अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों के बीच महात्मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया गया नुकसान, अमेरिका ने मांगी माफी

अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को कुछ अराजक तत्‍वों ने क्षति पहुंचाई। अज्ञात बदमाशों ने यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा को ग्राफिटी और स्प्रे पेंटिंग से बिगाड़ दिया है। इस पर अमेरिका ने माफी मांगी है। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।भारतीय दूतावास ने अमेरिका के सामने इस मामले को उठाया था। भारतीय दूतावास ने इस सम्बन्ध में मेट्रोपोलियन पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।

यह घटना सामने आने के बाद भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने माफी मांगी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केन जस्टर ने गुरुवार को कहा, 'वॉशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना से हम शर्मिंदा हैं। इसके लिए हम माफी मांगते हैं।'

बता दें कि अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास के बाहर लगी महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब पुलिस हिरासत में एक अश्वेत की मौत को लेकर देश के कई हिस्सों में नस्लभेद के खिलाफ लोगों का हफ्तेभर से लगातार प्रदर्शन जारी है। बताया जा रहा है कि यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

यहीं पर पीएम मोदी ने महात्मा गांधी को दी थी श्रद्धांजलि 

पहली बार पीएम बनने के बाद जब नरेंद्र मोदी वॉशिंगटन गए थे तो उन्होंने यहीं पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। इस प्रतिमा का अनावरण 16 सितंबर 2000 की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में किया था।

जार्ज फ्लॉयड की हत्या को लेकर जारी है विरोध-प्रदर्शन

अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कई शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है। कर्फ्यू के बीच भी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे। कर्फ्यू को रात में होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लागू किया गया है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत पर बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए अब सेना भेजने को लेकर चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को रोकने और अपने निवासियों को बचाने में यदि शहर और राज्य विफल रहते हैं, तो परेशानियों को तुरंत खत्म करने के लिए सेना की तैनाती की जाएगी।"

कैसे हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत

26 मई को अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा। जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ऑफिसर ने दया नहीं दिखाई। धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।

पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ़्लॉयड का वीडियो वायरल हो गया। इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी डेरेक शैविन ने घुटना टेककर उनकी गर्दन दबा रखी है। जॉर्ज उस पुलिसकर्मी से लगातार कहते रहे कि 'उन्हें सांस नहीं आ रही है।' लेकिन डेरेक ने उन्हें नहीं छोड़ा। वीडियो में दिखाई दे रहा था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी के समय किसी तरह का विरोध नहीं किया था।

 

 

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