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गलतफहमी के चलते पुरस्कार का बहिष्कार: शार्ली एब्दो

शार्ली एब्दो के दो जीवित पत्रकारों ने पुरस्कार समारोह के बहिष्कार को गलतफहमी का नतीजा बताया है।
गलतफहमी के चलते पुरस्कार का बहिष्कार: शार्ली एब्दो

इस माह व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो को पीईएन लेखक संघ सम्मानित करने वाले हैं, लेकिन शार्ली एब्दो के विवादस्पद कार्टून पर विरोध करते हुए 150 से ज्यादा लेखक इस कार्यक्रम से हट गए। शार्ली एब्दो के फिल्म समीक्षक ज्यां बापतिस्ते थोरे ने कहा कि पीईन पुरस्कार के कारणों को ले कर आलोचक गलतफहमी के शिकार हैं। थोरे ने कहा, शायद थोड़ी गलतफहमी है। मेरा कयास है कि उनकी सोच है कि यह पुरस्कार शार्ली एब्दो को उसके कंटेंट को ले कर दिया गया है। उन्होंने कहा, गलतफहमी है।

यह पुरस्कार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उसूलों को दिया गया है। जो लोग शार्ली एब्दो को पुरस्कार देने के विरोध में पीईएन अमेरिकन सेंटर के कार्यक्रम से हटे हैं, उनमें पीटर केरी, माइकल ओंदात्ये, फ्रांसिन प्रोज, तेजू कोल, राशेल कुश्नर और ताइये सलासी जैसे प्रतिष्ठित लेखक शामिल हैं। दो बार बुकर प्राइज से सम्मानित केरी ने कहा कि यह पुरस्कार सरकारी दमन के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संरक्षित करने की समूह की भूमिका से बहुत आगे चला गया है।

उन्होंने कहा, फ्रांसीसी राष्ट्र के सांस्कृतिक अहंकार के प्रति पीईएन की बजाहिर बेरूखी ने इसे और जटिल कर दिया है जो उसे अपनी आबादी के एक विशाल और अधिकारहीन हिस्से के प्रति अपनी नैतिक वचनबद्धता स्वीकार नहीं करता। उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून से नाराज इस्लामवादी बंदूकधारियों ने शार्ली एब्दो के स्टाफ के 12 सदस्यों की हत्या कर दी थी। शार्ली एब्दो के प्रधान संपादक जेरार्द बियार्द ने केरी की दलीले खारिज कर दि। उन्होंने कहा, यह उनकी समस्या है। अगर उन्हें लगता है कि पीईएन अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करता, तो वह इससे क्यों नहीं हट जाते?

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