पूर्वी एशिया के उप रक्षामंत्री अब्राहम एम डेनमार्क ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि हमने भारत की सीमा के निकट के इलाकों में चीनी सेना की ओर से क्षमता और बल मुद्रा में इजाफा पाया है। यह संवाददाता सम्मेलन चीनी जनवादी गणराज्य की सेना और सुरक्षा घटनाक्रम पर अमेरिकी कांग्रेस में पेंटागन की ओर से वार्षिक 2016 रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद आयोजित किया गया था। बहरहाल, डेनमार्क ने कहा कि यह तय करना मुश्किल है कि इसके पीछे वास्तविक मंशा क्या है। उन्होंने तिब्बत में सैन्य कमान का स्तर उन्नत करने के चीन के कदम पर एक सवाल के जवाब में कहा, यह कहना मुश्किल है कि इसमें से कितना आंतरिक स्थिरता बरकरार रखने की आंतरिक मंशा से और कितना बाहरी मंशा से प्रेरित है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान के साथ चीन के लंबे समय से दोस्ताना रिश्ते और समान सामरिक हित हैं। चीन के फैलते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हित के चलते चीनी नागरिकों, चीनी निवेश और संचार की अहम समुद्री लाइन की सुरक्षा के लिए जनमुक्ति सेना की नौसेना पर दूर-दराज के समुद्रों में संचालन की मांग बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, बहुत संभव है कि चीन उन देशों में अतिरिक्त नौसैनिक साजो-सामान केन्द्र स्थापित करना चाहेगा, जिसके साथ उसके दीर्घकालीन दोस्ताना रिश्ते और समान सामरिक हित हैं जैसे पाकिस्तान।
पेंटागन ने किया अगाह, भारतीय सीमा पर चीनी सेना की है तैनाती
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, खासकर पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि उसने भारतीय सीमा पर अपनी रक्षा क्षमताओं में इजाफा किया है और ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं।

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