व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल दोनों दावेदारों के बीच गर्मागर्म बहस के बाद सीएनएन-ओआरसी सर्वेक्षण ने कहा कि 68 वर्षीय हिलेरी ने अपने विचारों को 70 वर्षीय ट्रंप की तुलना में ज्यादा स्पष्टता से रखा और मुद्दों की समझ के मामले में वह ट्रंप से 2-1 के अंतर से आगे रहीं। अपने दमखम और निमोनिया की चपेट में आ जाने पर लगातार ट्रंप के निशाने पर रहीं हिलेरी, 90 मिनट की इस बहस में अपनी जमीन वापस हासिल करती दिखीं। सर्वे में 56 प्रतिशत लोगों ने उन्हें मजबूत नेता बताया जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने अब भी ट्रंप के नेतृत्व में यकीन जताया है। 57 प्रतिशत मतदाताओं ने माना कि हिलेरी उन शंकाओं का जवाब देने में सफल रही हैं, जो मतदाताओं के मन में उनके राष्ट्रपति बनने को लेकर उठ सकती हैं। हालांकि 35 प्रतिशत मतदाता इस बात के विरोध में भी रहे। सर्वे में 53 प्रतिशत लोगौं ने माना कि हिलेरी ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय थीं जबकि 40 प्रतिशत ने ट्रंप को ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय माना। लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने माना कि बहस ने उनकी मतदान योजनाओं पर कोई असर नहीं डाला। लेकिन 34 प्रतिशत ने कहा कि बहस ने उन्हें हिलेरी के पक्ष में मतदान करने के लिए तत्पर किया है जबकि 18 प्रतिशत ने ट्रंप को चुना।
पिछले सप्ताह जारी सर्वेक्षण में पूर्व विदेश मंत्री और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर का पूर्वानुमान लगाया गया था। अगस्त में हिलेरी से आठ से ज्यादा अंकों से पिछड़ रहे ट्रंप ने सितंबर में शानदार वापसी की थी। विदेशी नीति के मुद्दे पर 62 प्रतिशत ने माना कि हिलेरी बेहतर काम करेंगी। वहीं 35 प्रतिशत ने इस संदर्भ में ट्रंप का साथ दिया। आतंकवाद से निपटने के सवाल पर भी हिलेरी ने 54 प्रतिशत मत हासिल करते हुए 43 प्रतिशत मतों वाले ट्रंप को पछाड़ दिया। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अंतर बेहद कम है। 51 प्रतिशत ने हिलेरी के नजरिये का समर्थन किया जबकि 47 प्रतिशत ने ट्रंप का समर्थन किया। हिलेरी ने ट्रंप पर, कर रिटर्न नहीं जारी करने और चुने जाने पर उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते पर दोबारा विचार करने की धमकी देने के लिए निशाना साधा। हिलेरी ने ऑनलाइन सट्टा बाजार के हिसाब से भी आठ नवंबर को होने वाले चुनाव में अपनी जीत की संभावना बढ़ा ली है।