हवाई प्रांत के प्रशासन ने पिछले हफ्ते जारी किए गए संशोधित प्रतिबंध को लेकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकादमा दायर किया था, जिसके बाद हवाई की संघीय अदालत के न्यायाधीश ने यह आदेश दिया। हवाई प्रशासन ने दलील दी कि संशोधित यात्रा प्रतिबंध अब भी असंवैधानिक है। ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों की यात्रा पर लगा संशोधित प्रतिबंध 15 मार्च की मध्यरात्रि से प्रभाव में आने वाला था।
न्यायाधीश डेरिक वाटसन ने अपने 43 पन्ने के आदेश में लिखा कि सरकार के दावों की अज्ञानता साफ है। यह विचार कि कोई एक बार में सब पर निशाना साधकर लोगों के किसी एक समूह के खिलाफ वैमनस्य दिखा सकता है, मौलिक रूप से गलत है।
उन्होंने कहा कि चूंकि ये छह देश मुस्लिम बहुल हैं जहां मुसलमानों की आबादी 90.7 से लेकर 99.8 प्रतिशत के बीच है, इसलिए यह मानना गलत नहीं होगा कि इन देशों को निशाना बनाना इस्लाम को निशाना बनाने जैसा है। ट्रंप ने कहा कि आदेश हमें कमजोर के तौर पर पेश करता है और सर्वोच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने की घोषणा की।
उन्होंने कल नैशविल में रैली के दौरान कहा कि हम मामले को वहां तक ले जाएंगे, जहां तक उसे ले जाने की जरूरत पड़ेगी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना शामिल है।
आक्रामक अंदाज में दिख रहे राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि अदालत का फैसला न्यायपालिका के अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने का उदाहरण है। उन्होंने साथ ही कहा कि आपको नहीं लगता कि यह न्यायाधीश ने राजनीतिक कारणों से किया?
वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी, अधिकार समूहों और कई भारतीय-अमेरिकी समूहों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया। (एजेंसी)