अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान की सीमा से सटे अफगानिस्तान के ननगढ़ प्रांत के अचिन जिले में आतंकवादी समूह के क्षेत्रीय सहयोगी आईएसआईएस-खोरासन के एक सुरंग परिसर पर जीबीयू-43-बी मैसिव ऑर्डिनांस एयर ब्लास्ट बम (एमओएबी) गिराया। इस बम को मदर ऑफ ऑल बॉम्स के नाम से जाना जाता है। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टम्प ने कल कहा था कि यह पहली ऐसी लड़ाई है जिसमें इस बम का इस्तेमाल हुआ। एमओएबी 21,600 पौंड वजनी, जीपीएस निर्देशित युद्ध सामग्री है जो अमेरिका सबसे ताकतवर गैर-परमाणु बम है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में इस बम के इस्तेमाल की स्वीकृति दी थी और इस अभियान को बेहद सफल बताया है।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बताया कि यह वाकई में एक और सफल कार्य था, हमें अपनी सेना पर बहुत नाज है। हमारी सेना ने एक और सफलता हासिल की, हमें अपनी सेना पर गर्व है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हर कोई जानता है कि वास्तव में क्या हुआ। मैंने सिर्फ अपनी सेना को अधिकार संपन्न किया। हमारे पास दुनिया की सबसे महान सेना है और उन्होंने उसी अनुरूप अपना काम किया है। हमने उन्हें पूरी आजादी दी और इसलिए वे ऐसा कर पा रहे हैं और अगर साफ-साफ कहूं तो इसी कारण आखिरकार उन्होंने सफलता हासिल की है।
बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह यह नहीं जानते कि इससे उत्तर कोरिया को कोई संदेश गया है या नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इससे कोई संदेश गया है या नहीं। अगर ऐसा होता है या नहीं होता तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उत्तर कोरिया एक समस्या है। इस समस्या का समाधान किया (एजेंसी)