अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकन नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई माैत के बाद भड़के दंगों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर राज्य स्थिति पर नियंत्रण करने में विफल रहे तो वह हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना की तैनाती करेंगे। हालांकि उन्होंने राष्ट्र को संबोधन में कहा कि बर्बर हत्या के खिलाफ अमेरिकियों ने विरोध की जो आवाज उठाई है, वह उचित है। उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय अवश्य होगा।
अमेरिका के 140 शहरों में हिंसक प्रदर्शन
कई दशकों में अमेरिका के सबसे भयानक दंगे में कम से कम 140 शहर जल रहे हैं। बीते 25 मई को मिनेपोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने 46 वर्षीय फ्लॉयड की हत्या कर दी थी। उसके बाद एक के बाद एक शहर में दंगे भड़कते चले गए। ट्रंप ने आश्वासन दिया है कि वह अमेरिका में हिंसा रोकने और शांति और सुरक्षा का माहौल वापस बहाल करने में जल्द कामयाब हाेंगे। फ्लॉयड के परिवार का कहना है कि श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा गले से उसे कसकर पकड़े जाने के कारण दम घुट गया और मौत हो गई।
न्यूयॉर्क सहित 40 शहरों में कर्फ्यू
उन्होंने कहा कि उन्होंने दंगे रोकने के लिए सभी केंद्रीय संसाधन लगा दिए हैं ताकि विध्वंस और आगजनी की घटनाएं रुकें और कानून मानने वाले अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के राज्यपालों को सड़कों पर शांति बहाली के लिए पर्याप्त संख्या में नेशनल गार्ड्स के जवानों की तैनाती करनी चाहिए। अगर राज्य इसके बाद भी शांति लाने में विफल रहते हैं तो वह सेना तैनात करेंगे। राष्ट्रव्यापी हिंसक प्रदर्शन में कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 4,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। न्यूयॉर्क में भी हिंसक घटनाएं होने के बाद वहां भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।