अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उनका देश ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते में संभावित रूप से’’ फिर से शामिल हो सकता है, लेकिन उन्होंने इस दिशा में किसी कदम को लेकर कोई संकेत नहीं दिया।
जून में ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी और इस समझौते पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया था। पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान 190 से अधिक देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
पेरिस समझौते से अलग होने के अपने फैसले का बचाव करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी पहली चिंता यह थी कि इसमें अमेरिका के साथ न्याय नहीं किया गया और एक बेहतर समझौता हो सकता था।
ट्रंप ने कहा, जिस तरह से पेरिस समझौता बनाया गया और हमने हस्ताक्षर किए, उसमें अमेरिका के साथ बहुत अन्याय किया गया। इसमें अमेरिका पर बहुत जुर्माने लगाए गए। कारोबार के लिहाज से इसने हमारे लिए बहुत मुश्किलें पैदा की।
ट्रंप ने नॉर्वे की प्रधानमंत्री अर्ना सोलबर्ग के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, साफ तौर पर कहूं तो इस समझौते से मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उन्होंने जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए मुझे उससे दिक्कत थी क्योंकि हमेशा की तरह उन्होंने खराब समझौता किया। राष्ट्रपति ने कहा, हम संभावित रूप से समझौते में फिर से शामिल हो सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे उद्यम भी प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें।
अमेरिका इस मुद्दे पर अभी तक अलग-थलग दिखाई देता रहा लेकिन ट्रंप ने अपने फैसले का कड़ा बचाव किया। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि उनका प्रशासन पर्यावरण को लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा, ‘मैं पर्यावरण को लेकर बहुत गंभीर हूं। हमारी पर्यावरण रक्षा एजेंसी (ईपीए) और हमारे ईपीए आयुक्त बहुत शक्तिशाली है और वे स्वच्छ जल, स्वच्छ हवा चाहते हैं, लेकिन साथ ही हम चाहते हैं कि हमारे उद्यम प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें।’