विदेश मंत्रालय के कार्यकारी प्रवक्ता जेफ राथके ने यहां संवाददाताओं से कहा हम मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड लखवी की जमानत पर रिहाई को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि महीनों से चले आ रहे और हालिया तथा कूछ घटनाक्रम को लेकर उन्होंने अपनी चिंताओं से पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया था।
राथके ने कहा आतंकी हमले सभी देशों की सामूहिक सुरक्षा और संरक्षा पर हमला हैं। पाकिस्तान ने मुंबई आतंकी हमले के षड्यंत्रकारियों, फायनेन्सरों और प्रायोजकों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सहयोग का संकल्प जताया और हम पाकिस्तान से उस प्रतिबद्धता का पालन करने का आग्रह करते हैं ताकि छह अमेरिकियों सहित हमले में मारे गए 166 बेकसूर लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके।
सवालों का जवाब दे रहे राथके ने लखवी को रिहा कर अपनी प्रतिबद्धता का पालन न करने के लिए पाकिस्तान को भुगतने वाले नतीजों के बारे में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा हम इस घटनाक्रम के बारे में बहुत चिंतित हैं। राथके ने कहा मैं (षड्यंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए) समय सीमा तय नहीं करने जा रहा।
लेकिन निश्चित रूप से मुंबई आतंकी हमलों के षड्यंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लाना एक मुख्य प्राथमिकता है और हम इस पर कायम हैं। इसलिए हम इस दिशा में काम करते रहेंगे, लेकिन फिलहाल मेरे पास बताने के लिए कुछ खास नहीं है। छह साल तक हिरासत में रहने के बाद 55 वर्षीय लखवी जेल से बाहर आ गया। गुरूवार को ही पाकिस्तान की एक अदालत ने उसे रिहा करने का आदेश दिया था। उस पर आरोप है कि 26-11 के मुंबई हमले के दौरान वह पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में बैठकर लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को निर्देश दे रहा था।
लश्कर ए तैयबा के संस्थापक और जमात उद दवा के प्रमुख हाफिज सईद के रिश्तेदार लखवी को दिसंबर, 2008 में गिरफ्तार किया गया था। उसे 26-11 के हमले के सिलसिले में 25 नवंबर, 2009 को अभ्यारोपित किया गया था। इस हमले में 166 लोगों की जान चली गयी थी। इस मामले की सुनवाई 2009 से चल रही है।