मसूद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा ब्लॉक किए जाने के महज कुछ सप्ताह बाद अमेरिका द्वारा लाए गए प्रस्ताव को चीन ने स्थगित कर दिया। इसके बाद भारत ने इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठाया।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो अन्य स्थायी सदस्यों ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन के साथ अमेरिका ने अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 के समक्ष प्रस्ताव पेश किया।
सूत्रों ने बताया कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच विचार-विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया था। इसके मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, ऐसे में इसके नेताओं को प्रतिबंध से मुक्त नहीं रखा जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से एक दिन पहले यह प्रस्ताव पेश किया गया था।
उन्होंने बताया किप्रस्ताव को स्थगित कर चीन ने अमेरिकी कदम का विरोध किया। उनके मुताबिक किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने या ब्लॉक करने या स्थगित करने की दस दिन की समय सीमा के खत्म होने से तुरंत पहले चीन ने यह कदम उठाया।
इस बारे में भारत की प्रतिक्रिया के पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा किहमें इस घटनाक्रम के बारे में सूचित किया गया है और मामले को चीनी सरकार के समक्ष उठाया गया है। स्वरूप ने हालांकि इस बारे में अधिक विवरण नहीं दिया कि इस मुद्दे को चीन के समक्ष कब उठाया गया था। किसी भी प्रस्ताव को छह माह के लिए स्थगित किया जा सकता है और इसकी मियाद तीन और माह के लिए बढ़ाई जा सकती है। इस दौरान कभी प्रस्ताव को ब्लॉक किया जा सकता है, जिसके साथ ही कोई भी प्रस्ताव खत्म हो जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति की मंजूरी की स्थिति में अजहर की संपत्ति पर रोक लग गई होती और पाकिस्तान समेत अन्य देशों में उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लागू हो जाता।
चीन संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर को प्रतिबंधित किए जाने के प्रयासों का लगातार विरोध करता रहा है। जैश-ए-मोहम्मद पर वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले साल जनवरी में पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर हमले के बाद भारत ने फरवरी में अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर एक पत्र लिखा था। चीन ने दिसंबर में अंतिम रूप से भारतीय प्रस्ताव को ब्लॉक करने से पहले दो बार इसे तकनीकी रूप से स्थगित किया। (एजेंसी)