अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मीडिया को बताया कि जम्मू और कश्मीर पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशिया ब्यूरो ने ट्वीट कर कहा कि हम भारत के जम्मू और कश्मीर में 4 जी मोबाइल इंटरनेट की बहाली का स्वागत करते हैं। यह स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। और हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए निरंतर राजनीतिक और आर्थिक प्रगति के लिए तत्पर हैं।
बता दें कि जम्मू और कश्मीर के पूरे केंद्र शासित प्रदेश में हाई-स्पीड मोबाइल इंटरनेट को 5 फरवरी को बहाल किया गया था, इसके ठीक डेढ़ साल पहले अगस्त 2019 में केंद्र ने धारा 370 को रद्द कर दिया था।
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट
सीआरएस रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त 2019 की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में अमेरिकी नीति का एक दीर्घकालिक लक्ष्य भारत-पाकिस्तान संघर्ष को अंतरराज्यीय युद्ध में बढ़ने से रोक रहा है। इसका मतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने उन कार्यों से बचने की मांग की है जो पार्टी के पक्ष में थे। पिछले एक दशक में हालांकि वॉशिंगटन भारत के करीब आ गया है, जबकि पाकिस्तान के साथ संबंधों को संदेह के रूप में देखा जा रहा है।
भारत में ट्विटर अकाउंट बंद करने के सवाल पर प्राइस ने कहा की हम अभिव्यक्ति की आजादी समेत लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करना जारी रखेंगे। मुझे लगता है कि ट्विटर की नीतियों के संबंध में आपको ट्विटर से ही सवाल करना चाहिए। इसी तरह के सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘निश्चित रूप से दुनिया में कहीं भी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगने और लोगों को संवाद करने तथा शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने से हम चिंतित होते हैं।’